साल 2021 में हुए लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मंगलवार को केंद्रीय मंत्री गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा सहित 14 अभियुक्तों के खिलाफ अदालत में हत्या का आरोप तय किया गया है. सभी 14 अभियुक्तों को हत्या एवं हत्या का प्रयास समेत कई धाराओं में आरोपी बनाया गया है. इन सभी 14 आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी पर आरोप तय कर दिए. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सुनील कुमार वर्मा की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई. अब 16 दिसंबर से इस केस का ट्रायल शुरू होगा.
Lakhimpur Kheri violence: Today charges have been framed against Ashish Mishra (son of Union Minister Ajay Mishra) & 13 others. The 14th accused Virendra Shukla has been charged under section 201. Trial in the case will begin on Dec 16: District govt counsel Arvind Tripathi#UP pic.twitter.com/Vv79YYhCLO
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 6, 2022
मालूम हो कि एक दिन पहले ही यानी 5 दिसंबर को आशीष मिश्रा समेत सभी 14 आरोपियों की डिस्चार्ज अर्जी सोमवार को खारिज कर दी गई थी. इन आरोपियों ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि हम घटना में शामिल नहीं थे. इसलिए हम पूरी तरह निर्दोष हैं. लेकिन कोर्ट ने आरोपियों की याचिका को खारिज कर दिया.
ट्रायल कोर्ट में आशीष मिश्रा समेत 14 आरोपियों पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 326, 30, 302, 120 B, 427 और धारा 177 में आरोप तय किए गए हैं. सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त आधार पाए गए हैं. इसके अलावा आरोपी सुमित जायसवाल के खिलाफ धारा 3/25, आशीष मिश्रा, अंकितदास, लतीफ व सत्यम पर धारा 30, नन्दन सिंह विष्ट पर धारा 5/27 का भी आरोप तय किया गया है.
बता दें कि 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर के तिकुनिया में हुई हिंसक घटना में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हुई थी और आशीष मिश्रा पर किसानों को कुचलने का आरोप था. आरोपी आशीष सहित सभी 14 आरोपी अभी लखीमपुर जिला जेल में बंद हैं. किसानों की तरफ से दर्ज मुकदमे में कुल 14 आरोपी थे, जिसमें से एक बाहर है. उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के बाद आशीष मिश्रा जमानत पर जेल से बाहर आ गया था. लेकिन उसके बाद जब इस जमानत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो सुप्रीम कोर्ट ने आशीष के जमानत को रद्द करते हुए ये मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में नए सिरे से विचार के लिए भेज दिया था. इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत याचिका रद्द कर दी थी.
Supreme Court directs to list before the appropriate bench to hear the plea filed by Ashish Mishra challenging the Allahabad High Court order which denied bail to him in connection with the Lakhimpur Kheri violence case. pic.twitter.com/wt2e7nLigN
— ANI (@ANI) November 11, 2022