बनारस के लिए सेक्स, सेक्स वर्कर्स और स्कॉट जैसे शब्द ने नए नहीं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जिस्मफरोशी का धंधा अब रेड लाइट एरिया की तंग गलियों से निकलकर खुलेआम सड़कों पर आ गया है। कैंट रेलवे स्टेशन और रोडवेज के सामने की सड़क और 10 करोड़ से अधिक में तैयार नाइट मार्केट एरिया में सेक्स वर्कर्स और कॉल गर्ल्स को कस्टमर्स लुभाती है। पास में ही इंग्लिशिया लाइन तिराहे पर पुलिस व ट्रैफिक के जवान जिस्मफरोसी के कारोबार से बेखबर अपने ड्यूटी में लगे रहते हैं। कई बार तो कस्टमर से डील होने के बाद पास के तय होटल्स में पहुंचती हैं। यदि कस्टमर बाहर का हुआ तो उसके साथ पर्स, मोबाइल आदि लूट की वारदात भी की जाती है। यदि वह विरोध का प्रयास करता है बाहर मौजूद कॉलगर्ल्स के दलाल उनके साथ मारपीट भी करते हैं। नाइट मार्केट के दुकानों के आवंटन धांधली का आरोप लग चुका है। नैट मार्केट की अव्यवस्था और उपेक्षा से नाइट मार्केट नशेड़ी, घुमंतू, सेक्स वर्कर्स समेत अतिक्रमण का अड्डा बन चुका है। इसकी हकीकत लोगों के सामने लाने के लिए तक्षक पोस्ट ने रविवार को स्टिंग किया। इस दौरान कार्लगर्ल्स और टीम के सदस्य के बीच क्या हुई बातचीत आप भी जानें….
दिन : रविवार-डेट: 27-11 -2022
प्लेस: कैंट स्टेशन के सामने बने नाइट बाजार व आसपास का एरिया पेट्रोल पंप के पास।
सीन: तीन कॉलगर्ल्स मौजूद हैं। टीपी टीम मेंबर उनकी ओर बढ़ता है। फिर शुरू होती है बातचीत।
टीपी टीम – चलोगी क्या ?
कॉलगर्ल– हां ।
टीपी टीम – क्या रेट है ?
कॉलगर्ल– इधर आओ, 800 रुपए लगेंगे ।
टीपी टीम – ओके, किधर चलें?
कॉलगर्ल- होटल में ।
टीपी टीम – होटल तो महंगा पड़ेगा ?
कॉलगर्ल- मैैं एक घंटे का 800 रुपए में ही मैनेज कर लूंगी। यहीं पास वाला यादव होटल।
टीपी टीम – सुरक्षित तो है ?
कॉलगर्ल- हां सुरक्षित है, यादव होटल वाले की कैंट थाने में जान-पहचान है। सब मैनेज हो जाएगा।
टीपी की टीम ने पास में ही एक अन्य कॉलगर्ल्स से बातचीत किया तो यही जवाब मिला।
टीपी टीम – ओके, मैं एटीएम से कैश लेकर आता हूं।
ऐसे में बड़ा सवाल यह कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में पुलिस की उदासीनता से सेक्स का कारोबार फल-फूल रहा है। बनारस में रोजाना लाखों की तादात में यात्री, सैलानी और पब्लिक देश के कोने-कोने से आती है। कैंट रेलवे स्टेशन- रोडवेज शहर और पूर्वांचल का महत्वपूर्ण व अति व्यस्ततम स्थल है। ऐसे न स्थानों को सुरक्षित और सुव्यवस्थित रखने की कोशिश पुलिस की होनी चाहिए। लेकिन वही ढाक के तीन पात।
नशे की लत ले रही जान-
नशा का कारोबार भी मानो एक ट्रेंड बन गया है। नशे की लत पूरी करने के लिए बदमाशों ने एक ही रात में दो लोगों की जान ले ली। उनके हाथ महज दो सौ रुपये लगे। घटना में एक नाबालिग भी शामिल था। इसका राजफाश जैतपुरा पुलिस ने तीन हत्यारोपितों की गिरफ्तारी के बाद किया। एक अभी भी फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। रिपोर्ट में डीसीपी काशी आरएस गौतम ने बताया कि 20 नवंबर को सिटी रेलवे स्टेशन के माल गोदाम के सामने एक व्यक्ति का शव मिला था। सिर पर गंभीर वार किए गए थे। मृतक की शिनाख्त उसके लड़के राहुल ने सारनाथ थाना क्षेत्र के रघुनाथपुरा निवासी जग्गनाथ यादव के रूप में की थी। वह विश्वेश्वरगंज मंडी में पल्लेदार था।
सेक्स वर्कर्स का नया पता नाइट बाजार-
कैंट और नाइट मार्केट के एरिया में रोजाना दोपहर से रात आठ-नौ बजे तक 25 से 30 एज ग्रुप की कॉलगर्ल्स व सेक्स वर्कस कस्टमर पर डोरे डालते मिल जाएंगी। बनारस में एक-दो स्थानों पर देह व्यापार का धंधा कई दशकों से चला आ रहा है। वाराणसी पुलिस की उदासीनता से हाल के वर्षों में सेक्स वर्कस रोड पर आकर ग्राहक तलाशती हैं। पैसे वाला कस्टमर से हाई-फाई डील भी करती हैं। वहीं, नाइट बाजार के नीचे इनके टहलने से कई बार वाहन चालक आपस में टकराकर चोटहिल हो जाते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्मार्ट होती जेनरेशन में शहर की यूनिवर्सिटी, कॉलेज व प्राइवेट इंस्टीट्यूशन की युवतियां पैसे व मौज की चाहत में बतौर इस धंधे में उतर जाती हैं। इनका सर्विस चार्ज भी हाई-फाई होता है। बनारस में इस समय 500 से 600 की तादात में सेक्स वर्कर्स कई प्रोफ़ाइल में सर्विस दे रही है।
बढ़ रहे स्पा-मसाज पार्लर के नाम पर जिस्मफरोशी के केस
शहर में जिस्मफरोशी के कारोबार के विस्तार का आलम यह है कि कैंट, मंडुआडीह, नाइट मार्केट के साथ एक दर्जन अधिक कॉलोनियों में छिटपुट देखने को मिलता है। बीते महीने सारनाथ के एक स्पॉ-मसाज सेंटर में एक युवती की मौत। कचहरी के बाद अर्दली बाजार चौकी के पास में पिछले कई माह से स्पा पार्लर के नाम पर जिस्मफरोशी का धंधा संचालित हो रहा था। इससे पूरा इलाका त्रस्त था, हालांकि, बाद में कार्रवाई हुई। 04 नवम्बर, शुक्रवार को कचहरी पुलिस चौकी के पास तीन मंजिला मकान में स्पा पार्लर की आड़ में देह व्यापार का कैंट एसीपी ने भंडाफोड़ किया। पार्लर से दो युवती और एक युवक को गिरफ्तार किया गया। ग्राहक बनकर गए दारोगा ने देह व्यापार का खुलासा किया। कमरे से आपत्तिजनक सामग्री, शक्तिवर्धक दवाएं, शराब और बीयर की खाली बोतलें बरामद हुईं। पार्लर संचालक और मकान मालिक मौके से फरार हो गए।
जिस्मफरोशी का धंधा गैर कानूनी-
गुड़िया संस्था के अध्यक्ष अजीत सिंह कहते हैं कि “महिलाओं व बालिकाओं की तस्करी कर जबरदस्ती जिस्मफरोशी के धंधे में धकेलना गैर कानूनी है। शहर के व्यस्ततम चौक-चौराहों पर इस तरह के कारनामों पर रोक लगनी चाहिए। इससे बनारस छवि नुकसान हो रहा है। स्थानीय दुकान संचालक विशाल बताते हैं कि कॉलगर्ल्स द्वारा कस्टमर्स को रिझाने और सरेराह बारगेनिंग से आसपास के दुकानदारों के साथ ही उधर से गुजरने वाली युवतियों-महिलाओं को भी कई दिक्कतें होती हैं। दुकानदारों की मानें तो इससे जगह बदनाम होती है और लोगों आने से कतराने लगते हैं। इनकी मांग है कि पुलिस आवश्यक कार्रवाई करें।”
पुलिस-प्रशासन जिम्मेदार-
एक्टिविस्ट वैभव कुमार कुमार त्रिपाठी प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र में फैलते नशा और देह व्यापार के कारोबार का जिम्मेदार पुलिस-प्रशासन को मानते हैं। वह कहते हैं कि “सरकार की विफलता है कि बनारस में बेरोजगारी व नशाखोरी का प्रचलन बढ़ता ही जा रहा है। घर चलाने और अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए रेड लाइट एरिया की सेक्स वर्कर्स अब कैंट और नाइट बाजार तक ग्राहकों की तलाश में आने लगी हैं। इससे समाज में अनैतिकता तो बढ़ेगी ही, साथ ही सजग नहीं रहने पर अपराधिक गतिविधियों से भी इनकार नहीं किया सकता है। दूसरी बात, वाराणसी पुलिस प्रशासन भी दबाव में है कि वह खुलकर कार्रवाई करेगी तो सरकारी दस्तावेजों में आपराधिक मामलों की बढ़ोतरी होगी। क्राइम का ग्राफ बढ़ने से इंडिया और यूपी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की किरकिरी होगी।”
नाइट बाजार में दुकानों के आंवटन को लेकर धांधली का आरोप
नाइट बाजार में दुकानों के आंवटन को लेकर धांधली का आरोप बार-बार लग रहा है। इस कारण कैंट रोडवेज के ठेला पटरी यूनियन के लोगों ने बीते मंगलवार को नगर निगम कार्यालय के अंदर आंदोलन किया। इसके पश्चात गुरुवार को नाइट बाजार के पिलर नंबर 82 के पास आंदोलन किया। यूनियन के लोगों व ठेला पटरी यूनियन के सचिव अभिषेक निगम का कहना है कि “नाइट बाजार में दुकानों का आंवटन मनमाने तरीके से नहीं होने दिया जायेगा। इससे ठेला-पटरी वाले गरीब लोगों का रोजगार छिन जायेगा। हम लोग अपनी आवाज उठाएंगे।”
स्मार्ट सिटी वाराणसी के पीआरओ शाकंभरी नंदन ने बताया कि “कुछ जगहों पर दुकान डैमेज होने की जानकारी है। मुआयना कर लिया गया है। जो भी डैमेज है, उसे सही कराकर ही आवंटन किया जाएगा। लहरतारा-चौकाघाट फ्लाईओवर के नीचे नाइट बाजार में नवनिर्मित दुकान, कीओस्क वेंडिंग जोन के आंवटन में मौजूदा रेहड़ी, पटरी, ठेला व्यवसायियों को प्राथमिकता दी जायेगी। नाइट बाजार से असामाजिक तत्वों को हटाने के लिए पुलिस का सहयोग लिया जाएगा।”
सवाल अब ये है पिछले दो बार के सांसद और देश के प्रधानमंत्री के अपने संसदीय क्षेत्र में जब बेरोजगारी, नशा और ये अराजकता है तो शहर के अन्य इलाकों का क्या हाल होगा ?? पुलिस क्यों कारवाई करने से बचती है क्या दिल्ली की तरह यहाँ भी राजनेताओं का इस धंधे में हिस्सा बंधा हुआ है ! ये बाद सवाल है।