दिल्ली में शुरू हुआ दो दिवसीय ‘No Money For Terror’ सम्मेलन: पीएम मोदी ने सम्मलेन में लिया हिस्सा, कहा- ‘जब तक आतंकवाद जड़ से ख़त्म नहीं हो जाता, हम चैन से नहीं बैठेंगे’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली के होटल ताज में काउंटर-टेररिज्म फाइनेंसिंग पर तीसरे ‘नो मनी फॉर टेरर’ (NMFT) मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। पीएम ने कहा, “यह अद्भुत है कि यह सम्मेलन भारत में हो रहा है।”
दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काउंटर-टेररिज्म फाइनेंसिंग पर तीसरे 'नो मनी फॉर टेरर' (NMFT) मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे।
उन्होंने कहा, "यह अद्भुत है कि यह सम्मेलन भारत में हो रहा है।" pic.twitter.com/NOCOUIa2bz
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‘नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हमारे देश ने आतंक की विभीषिका का सामना दुनिया के गंभीरता से लेने से बहुत पहले से किया है। दशकों से अलग-अलग रूपों में आतंकवाद ने भारत को चोट पहुंचाने की कोशिश की जिसकी वजह से हमने हजारों कीमती जानें गंवाईं। लेकिन हमने आतंकवाद का बहादुरी से मुकाबला किया’।
हमारे देश ने आतंक की विभीषिका का सामना दुनिया के गंभीरता से लेने से बहुत पहले से किया है। दशकों से अलग-अलग रूपों में आतंकवाद ने भारत को चोट पहुंचाने की कोशिश की जिसकी वजह से हमने हजारों कीमती जानें गंवाईं। लेकिन हमने आतंकवाद का बहादुरी से मुकाबला किया:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/LWxcuYgzTA
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पीएम ने कहा कि ‘हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक आतंकवाद को जड़ से खत्म नहीं कर दिया जाता है’। उन्होंने कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, ‘आतंकवाद का दीर्घकालिक प्रभाव गरीब और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर अधिक पड़ता है, चाहे फिर वह पर्यटन हो या व्यापार. कोई भी उस इलाके को पसंद नहीं करता जहां लगातार खतरा बना रहता है। इसकी वजह से वहां के लोगों की आजीविका पर भी असर पड़ता है। इसलिए यह अहम है कि हम आतंवाद की जड़ों पर हमला करें’।
आतंकवाद का दीर्घकालिक प्रभाव गरीबों और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर होता है,चाहे फिर वह पर्यटन हो या व्यापार। कोई भी उस इलाके को पसंद नहीं करता जहां लगातार खतरा बना रहता है। इसकी वजह से वहां के लोगों की आजीविका पर भी असर पड़ता है। इसलिए यह अहम है कि हम आतंवाद की जड़ों पर हमला करें: PM pic.twitter.com/QXKTRwGSyb
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PM मोदी ने कहा कि ‘आतंकवाद को खत्म करने के लिए एक व्यापक, सक्रिय, व्यवस्थित प्रतिक्रिया की जरूरत है। अगर हम चाहते हैं कि हमारे नागरिक सुरक्षित रहें, तो हम तब तक इंतजार नहीं कर सकते जब तक कि आतंक हमारे घरों में न आ जाए। हमें आतंकवादियों के वित्त पर चोट करनी चाहिए’।
आतंकवाद को खत्म करने के लिए एक व्यापक, सक्रिय, व्यवस्थित प्रतिक्रिया की जरूरत है। अगर हम चाहते हैं कि हमारे नागरिक सुरक्षित रहें, तो हम तब तक इंतजार नहीं कर सकते जब तक कि आतंक हमारे घरों में न आ जाए। हमें आतंकवादियों के वित्त पर चोट करनी चाहिए: प्रधानमंत्री pic.twitter.com/3E19dBand9
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प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कुछ देश अपनी विदेश नीति के तहत आतंकवाद का समर्थन करते हैं। वे उन्हें राजनीतिक, वैचारिक और वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं। अंतरराष्ट्रीय संगठन को यह नहीं सोचना चाहिए कि युद्ध की अनुपस्थिति का अर्थ शांति है’।
#WATCH …कुछ देश अपनी विदेश नीति के तहत आतंकवाद का समर्थन करते हैं। वे उन्हें राजनीतिक, वैचारिक और वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं। अंतरराष्ट्रीय संगठन को यह नहीं सोचना चाहिए कि युद्ध की अनुपस्थिति का अर्थ शांति है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/3p0qwclP5H
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पीएम ने कहा, ‘आतंक की कोई सीमा नहीं होती सिर्फ जीरो टॉलरेंस अप्रोच ही उसका मुकाबला कर सकती है। आतंकवादी उसी वक्त खत्म किया जा सकता है, लेकिन पुख्ता रणनीति आतंकवाद की जड़ों को खत्म करती है। उसके लिए एक्टिव रिस्पॉन्स की जरूरत है। हमें आतंकियों के सपोर्ट सिस्टम को खत्म करना होगा, वो भी उनकी फंडिंग रोककर। ’ उन्होंने कहा, ‘कुछ देश वित्तीय और वैचारिक मदद देकर आतंक को सपोर्ट करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस बात का संज्ञान लेना चाहिए। प्रॉक्सी वॉर के प्रति सख्त रुख अपनाना चाहिए. दुनिया को ऐसे रुख के प्रति सतर्क होना चाहिए। ’
पीएम ने कहा कि ‘आतंक का तरीका बदल रहा है। नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। डार्क नेट और फेक करेंसी उसका उदाहरण है। प्राइवेट सेक्टर को ऐसे रोकथाम में सहयोग लेना है। तकनीक का इस्तेमाल टेरर को ट्रैक और टैकल करने में करना चाहिए। साइबर क्राइम और रेडिकलाइजेशन ये आतंक का बहुत बड़ा सोर्स है और सारे देशों को साथ आना चाहिए। साइबर क्राइम के जरिए कट्टरता को फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ मुहिम में ग्लोबल मूमेंटम बना रहा है। इस तरह के क्राइम को टैकल करने के लिए सरकारों के बीच समझ होनी चाहिए। साथ में प्रत्यर्पण संधि, ज्वाइंट ऑपरेशन और सहयोग होना चाहिए’।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह महत्वपूर्ण है कि हम संयुक्त रूप से कट्टरवाद और उग्रवाद की समस्या का समाधान करें। कट्टरवाद का समर्थन करने वाले का किसी भी देश में कोई स्थान नहीं होना चाहिए’।
यह महत्वपूर्ण है कि हम संयुक्त रूप से कट्टरवाद और उग्रवाद की समस्या का समाधान करें। कट्टरवाद का समर्थन करने वाले का किसी भी देश में कोई स्थान नहीं होना चाहिए: दिल्ली में 'नो मनी फॉर टेरर' सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/SsWTkRSpwA
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NIA के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने इस सम्मलेन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, बीते आठ वर्षों में आतंकवादी गतिविधियों में कमी आई है। डीजी गुप्ता ने कहा, मेरे लिए प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करना एक सम्मान की बात है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने कहा, आतंकी फंडिंग के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत के पास इसका सबूत हैं।
There has been a significant reduction in terrorist activities in India during the leadership of PM Modi in the past 8.5years. There has also been a large decrease in the overall economic impact of terrorism on India during this period: NIA DG at 'No Money for Terror’ Conference pic.twitter.com/B6sRcRUTKu
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PM Modi's zero-tolerance policy to terrorism & whole of govt approach along with the strong and resolute leadership provided under him has brought significant change in the security scenario of the country: NIA DG Dinkar Gupta at 'No Money for Terror’ Conference in Delhi pic.twitter.com/tzorHn7Kvf
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‘नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी हिंसा लिया। उन्होंने कहा कि आतंकवादी हिंसा फैला रहे हैं, युवाओं को कट्टरपंथी बना रहे हैं और वित्तीय स्रोतों के नए रास्ते खोज रहे हैं।
उन्होंने कहा कि, ‘क्रिप्टोक्यूरेंसी जैसी वर्चुअल संपत्ति का उपयोग भी बढ़ रहा है। हमें डार्क नेट पर चलने वाली इन गतिविधियों के पैटर्न का विश्लेषण करके समझना होगा, उनके उपाय खोजने होंगे। कुछ देश ऐसे हैं जो आतंकवाद से लड़के के हमारे सामूहिक संकल्प को कमजोर करना चाहते हैं’।
क्रिप्टोक्यूरेंसी जैसी वर्चुअल संपत्ति का उपयोग भी बढ़ रहा है। हमें डार्क नेट पर चलने वाली इन गतिविधियों के पैटर्न का विश्लेषण करके समझना होगा, उनके उपाय खोजने होंगे। कुछ देश ऐसे हैं जो आतंकवाद से लड़के के हमारे सामूहिक संकल्प को कमजोर करना चाहते हैं: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह pic.twitter.com/PBHebJA1iC
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केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, ‘कुछ देश आतंकवादियों का बचाव करते हैं और उन्हें पनाह भी देते हैं। आतंकवादी को संरक्षण देना, आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर है। ये हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि ऐसे तत्व और ऐसे देश अपने इरादों में कभी सफल न हो सकें। आतंकवादी लगातार हिंसा को अंजाम देने, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और वित्तीय संसाधन जुटाने के नए तरीके खोज रहे हैं। आतंकवादी अपनी पहचान छुपाने और कट्टरपंथी सामग्री को फैलाने के लिए डार्क नेट का इस्तेमाल कर रहे हैं’।
कुछ देश आतंकवादियों का बचाव करते हैं और उन्हें पनाह भी देते हैं। आतंकवादी को संरक्षण देना, आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर है। ये हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि ऐसे तत्व और ऐसे देश अपने इरादों में कभी सफल न हो सकें: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली pic.twitter.com/CoQXOZUvmE
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आतंकवादी लगातार हिंसा को अंजाम देने, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और वित्तीय संसाधन जुटाने के नए तरीके खोज रहे हैं। आतंकवादी अपनी पहचान छुपाने और कट्टरपंथी सामग्री को फैलाने के लिए डार्क नेट का इस्तेमाल कर रहे हैं:दिल्ली में 'नो मनी फॉर टेरर' सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह pic.twitter.com/gYnhg5VLmY
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उन्होंने कहा, ‘अगस्त 2021 के बाद दक्षिण एशियाई क्षेत्र में स्थिति में बहुत परिवर्तन आया है। सत्ता परिवर्तन तथा अल कायदा, ISIS का बढ़ता प्रभाव क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्तवपूर्ण चुनौती के रूप में उभरा है। नए समीकरणों ने टेरर फंडिंग की समस्या को और गंभीर बनाया है’।
सम्मेलन का एजेंडा क्या है?
1. आतंक पर हो रही विदेशी फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाये जाएंगे।
2. मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर आतंकी संगठनों ने अपना तरीका बदला है, इस पर चर्चा होगी।
3. आतंकी फंडिंग में क्रिप्टो करेंसी के इस्तेमाल और क्राउडफंडिंग के तरीकों पर लगाम लगाने के लिए चर्चा होगी।
4. आतंकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए फंडिंग इकट्ठा करने में जुटे रहते हैं, उस पर लगाम लगाने की रणनीति पर चर्चा होगी।
5. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर एक समान वैश्विक कानून के दायरे में हों, इस पर होगी चर्चा।
6. कट्टरवाद और जेहाद को फैलाने वाले आतंकी संगठनों पर समय रहते एक्शन हो।
7. आतंकवाद पर चर्चा होगी।
8. आतंकी और खालिस्तानी गतिविधियों का फायदा उठा कर विदेशों में बैठे लोग आतंकी फंडिंग करते हैं, इस पर चर्चा की जाएगी।
9. टेरर फाइनेंसिंग पर लगाम लगाने के लिए निजी भागीदारी का सहयोग लेने पर विचार।
10. सभी देश फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट को बेहतर तरीके से मजबूत करने को लेकर जोर दिया जाएगा।
बता दें कि NIA द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में 72 देशों के प्रतिनिधियों के भाग ले रहे हैं। इसमें पाकिस्तान और अफगानिस्तान हिस्सा नहीं ले रहे हैं। 4 सेशन में ये कॉन्फ्रेंस होगी।