जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (धनंजय यशवंत चंद्रचूड़) देश के 50वें चीफ जस्टिस बन गए हैं। बुधवार सुबह राष्ट्रपति भवन में हुए कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस चंद्रचूड़ को प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ ग्रहण कराई। उन्होंने सीजेआई यूयू ललित की जगह ली है। इससे पहले छह नवंबर को सीजेआई यूयू ललित को औपचारिक सेरेमोनियल बेंच गठित कर विदाई दी गई थी।
Dr Justice D.Y. Chandrachud sworn in as the Chief Justice of the Supreme Court of India at Rashtrapati Bhavan today. pic.twitter.com/8mXM6U55tL
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 9, 2022
शपथ ग्रहण के बाद देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जहां उन्होंने परिसर में मौजूद गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उसके बाद कहा कि वह जनता के हितों के लिए काम करेंगे, यही उनका उद्देश्य है। जब उनसे पूछा गया कि देश के लोगों को कैसे भरोसा दिलाएंगे कि न्यायपालिका उनके साथ है? जवाब में उन्होंने कहा कि मैं अपने कार्य से देश के लोगों को भरोसा दिलाऊंगा, सिर्फ शब्दों से ही नहीं। उन्होंने कहा है कि आम आदमी की सेवा करना मेरी प्राथमिकता है। उन्होंने आगे कहा कि, आप देखते जाइए हम चाहे तकनीकी रिफॉर्म हो, रजिस्ट्री रिफॉर्म हो, ज्यूडिशियल रिफॉर्म हो उसमें नागरिक को प्राथमिकता देंगे।
Chief Justice of India DY Chandrachud paid floral tribute to the statue of Mahatma Gandhi in Delhi's Supreme Court Compound, after taking the oath pic.twitter.com/3qHajj3ZwD
— ANI (@ANI) November 9, 2022
पूर्व CJI यूयू ललित मंगलवार को रिटायर हुए हैं और उन्होंने ही जस्टिस डीवी चंद्रचूड़ का नाम उत्तराधिकारी के रूप में प्रस्तावित किया था। पूर्व CJI का कार्यकाल सिर्फ 74 दिनों का ही रहा लेकिन अपने इस छोटे से कार्यकाल में उन्होंने कई बड़े बदलाव किए। जस्टिस ललित की फेयरवेल पार्टी में वर्तमान CJI चंद्रचूड़ ने कहा था कि उनके उत्तराधिकारी के रूप में मेरे कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारियां हैं और मुझे उम्मीद है कि वह उनके (यूयू ललित) द्वारा शुरू किए गए अच्छे कामों को जारी रखेंगे।
Delhi | Chief Justice of India DY Chandrachud inside his chamber, after taking the oath pic.twitter.com/BXWLPmxYjX
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कौन हैं जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़?
देश के नए CJI जस्टिस चंद्रचूड़ का जन्म 11 नवंबर 1959 को हुआ। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से वकालत की पढ़ाई की और फिर उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की। हार्वर्ड से उन्होंने मास्टर्स और न्यायिक विज्ञान में डॉक्टरेट की डिग्री पूरी की। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड लॉ स्कूल, येल लॉ स्कूल और यूनिवर्सिटी ऑफ विटवॉटरलैंड में लेक्चर भी दिया है।
जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता लंबे समय तक CJI रहे-
CJI चंद्रचूड़ के पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ सबसे लंबे समय तक (7 साल 4 महीने) देश के मुख्य न्यायाधीश रहे थे। वे देश के 16वें चीफ जस्टिस थे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी को जेल भेज दिया था. वाईवी चंद्रचूड़ 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक देश के मुख्य न्यायाधीश रहे। यह किसी CJI का अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल है। पिता के रिटायर होने के 37 साल बाद उनके बेटे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सीजेआई बने हैं। यह सुप्रीम कोर्ट के भी इतिहास का पहला उदाहरण जब पिता के बाद बेटा भी सीजेआई बना है।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने पिता द्वारा दिए गए फैसले को पलटा था-
जस्टिस चंद्रचूड की चर्चा एक ऐसे फैसले के लिए होती है जब उन्होंने अपने ही जज के पिता वाई वी चंद्रचूड़ के फैसले को पलट दिया गया था। जब उनके पिता ने ये फैसला दिया था तो वे भी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश थे। 1985 में तत्कालीन CJI वाईवी चंद्रचूड़ की बेंच ने सौमित्र विष्णु मामले में आईपीसी की धारा 497 को बरकरार रखा। 2018 में डीवाई चंद्रचूड़ वाली बेंच ने इसको बदल दिया. 1976 में शिवकांत शुक्ला बनाम एडीएम जबलपुर मामला मौलिक अधिकार से जुड़ा हुआ था। तब इनके पिता और सीजेआई वाई वी चंद्रचूड़ वाली बेंच ने मामले को सुप्रीम कोर्ट ने निजता को मौलिक अधिकार नहीं माना था। 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने निजता को मौलिक अधिकार माना. इस बेंच में डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल थे।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कई हाईकोर्ट में भी दे चुके हैं अपनी सेवाएं-
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट आने से पहले कई हाईकोर्ट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट में जज बनने से पहले उन्होंने गुजरात, कलकत्ता, इलाहाबाद, मध्य प्रदेश और दिल्ली हाईकोर्ट में एक वकील की तौर पर प्रैक्टिस भी की है। इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वकील के तौर पर भी प्रैक्टिस की थी। 1998 में उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता बनाया गया था। 2000 तक वह भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के रूप में काम कर चुके हैं।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कौन कौन से अहम फैसलों में शामिल रहे?
– अविवाहिता को गर्भपात का हक।
– हादिया मामले में अहम निर्णय।
– अयोध्या राम मंदिर मामला।
– ट्विन टावर को गिराने का फैसला।
– न्यायपालिका में सुधार की वकालत का मामला।
– सबरीमाला मामला।
– रोहिंग्या घुसपैठियों का मामला।
– जस्टिस लोया मौत मामला।