भारत के राष्ट्रपति का चुनाव जुलाई 2022 में ही हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके गठबंधन नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) के उम्मीदवार के बारे में अंतिम निर्णय लेंगे। बताया जाता है कि उनकी सरकार उम्मीदवार के नाम पर सहयोगी दलों आदि के साथ आम सहमति चाहती है। निर्वाचक मंडल के 776 सांसदों और 4,120 विधायकों की कुल ताकत 10,98,903 वोट है। प्रत्येक सांसद के वोट का मूल्य 708 है। विधायकों के वोट का मूल्य अलग-अलग राज्यों में भिन्न है, जो उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक है 208 है। मौजूदा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू एनडीए की तरफ से इस पद की होड़ में अभी सबसे आगे बताए जाते हैं। वह इन दिनों खूब तीर्थ यात्रा कर रहे है।
मोदी सरकार, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस और ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के बीजू जनता दल (बीजेडी) जैसे दलों के परामर्श से आम सहमति बनाने की कोशिश करेगी।
विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त उम्मीदवार खड़ा कर सकता है। ममता बनर्जी की आल इंडिया तृणमूल कांग्रेस यानि टीएमसी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की पार्टी, द्रविड मुनेत्र कषगम (डीएमके) ,महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शिवसेना , झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की तेलंगाना राष्ट्र समिति यानि टीआरएस जैसे क्षेत्रीय दल इस बारे में फैसला करने में अहम भूमिका निभा सकते है।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने हाल में स्पष्ट कहा कि वह राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के भाजपा समेत किसी भी पार्टी के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगी। किसी ने उनसे यह चुनाव लड़ने का आग्रह किया है इसकी कोई खबर तो नहीं है। बसपा को उत्तर प्रदेश विधान सभा के हालिया चुनाव में 403 में से सिर्फ एक सीट मिली।
अंक गणित के हिसाब से अभी भाजपा की स्थिति पिछली बार के राष्ट्रपति चुनाव से अपेक्षाकृत ज्यादा खराब है। 2017 में जब एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति चुने गए थे तब 21 राज्यों में इस गठबंधन की सरकारें थीं। विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार 34.35 फीसदी वोट ही मिले थे। लेकिन एनडीए की अभी सिर्फ 17 राज्यों में सरकारें रह गई हैं। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे राज्य उसके हाथ से निकल चुके हैं। शिवसेना, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रा बाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) जैसे दल भी एनडीए से बाहर हो चुके हैं। वैसे , बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार का जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) अभी एनडीए के साथ है।
राष्ट्रपति चुनाव में के एनडीए के संभावित प्रत्याशियों में नीतिश कुमार का भी नाम चर्चा में हैं। उनकी पार्टी के हरिवंश अभी राज्यसभा उपाध्यक्ष हैं और उनका भी नाम उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए चर्चा में है।
खबर है कि इस बार राष्ट्रपति चुनाव में कुल वोट का मूल्य लगभग 10.9 लाख होगा। इसमें राज्यसभा के 234 और लोकसभा के 539 सांसदों में से प्रत्येक सांसदों के वोट का मूल्य 773 के हिसाब से 5,47,284 होगा। लेकिन भाजपा के एनडीए के पास निर्वाचक मंडल का अभी कुल करीब 48.9 फीसद वोट का ही जुगाड़ है। सभी विपक्षी पार्टियां के एकजुट हो जाने पर उनका कुल वोट बढ़ कर करीब 51.1 फीसद हो जाता है,जो एनडीए से करीब 2.2 फीसद ज्यादा है।
कांग्रेस और उसके सहयोगी
शिवसेना, मुस्लिमलीग, आरजेडी , डीएमके, एनसीपी और झामुमो के पास कुल 2,38,868 यानि 21.9 फीसद वोट है। टीएमसी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ( आप ) और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) के 19.7 फीसद वोट हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके और पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव का नाम भी राष्ट्रपति चुनाव के संभावित प्रत्याशियों की लिस्ट में शामिल होने की चर्चा में है।
ओडिशा की बीजेडी, आंध्र प्रदेश की वाईएसआरसीपी और तेलंगाना की टीआरएस के पास 9.5 फीसद वोट है। भाजपा को राष्ट्रपति पद पर अपना उम्मीदवार जिताने के लिए विपक्ष से सिर्फ 2.2 फीसद वोट कम है। वह और 1.1 फीसद से थोड़ा ज्यादा वोट का जुगाड़ कर ले तो उसके प्रत्याशी की जीत आसान हो जाएगी। अकेले वाईएसआरसीपी के पास 4 फीसद , बीजेडी के पास 2.9% और टीआरएस के पास 2.2 फीसद वोट माने जाते हैं।
उपराष्ट्रपति चुनाव
भारत के वर्तमान उपराष्ट्रपति मुप्पवरपु वेंकय्य नायुडु का जन्म 1 जुलाई 1949 को आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के चावटपलेम में एक कम्मू (कायस्थ परिवार) में हुआ था और विवाह 1970 में उषा से हुआ। उनकी संतान में एक एक पुत्री , दीपा वेंकट और एक पुत्र, हर्ष वर्धन नायडू हैं। वे 2002 से 2004 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। केंद्र में विभिन्न विभागों के मंत्री पद पर रह चुके नायडू को एनडीए ने 17 जुलाई 2017 को उपराष्ट्रपति पद का अपना प्रत्याशी घोषित किया था। वे 5 अगस्त 2017 को हुए चुनाव में यूपीए प्रत्याशी गोपालकृष्ण गाँधी को पराजित करके भारत के तेरहवें उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए और 11 अगस्त 2017 को उपराष्ट्रपति पद का पदभार ग्रहण किया।
उन्होंने राजनीति और राजनयिक अध्ययन में स्नातक शिक्षा पूरी कर आन्ध्र विश्वविद्यालय ( विशाखापत्तनम) से विधि स्नातक की भी डिग्री हासिल की।वह 1974 में आंध्र विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए थे।
उन्होने लोकनायक जयप्रकाश नारायण (जेपी)से प्रभावित होकर आपातकाल के खिलाफ आंदोलन में हिस्सा लिया और जेल भी गए। वह 2002 से 2004 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रहे और नरेन्द्र मोदी सरकार में शहरी विकास, आवास और संसदीय कार्य मंत्री रहे।वह दो बार 1978 और 1985 में आंध्र विधान सभा के सदस्य रहे, 1980-1985 में आंध्र प्रदेश भाजपा विधायक दल के नेता , 1988-1993 में आंध्र प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष और 1998 के बाद कर्नाटक से राज्यसभा के तीन बार सदस्य रहे।
अपनी मातृभाषा तेलुगु के साथ ही वे हिन्दी और अंग्रेजी में भी भाषण करते हैं। अगस्त 2017 में उनकी पुस्तक ‘टायरलेस वॉयस रिलेन्टलेस जर्नी’ का विमोचन हुआ। फरवरी 2018 में उनकी पुस्तक ‘मूविंग ऑन मूविंग फॉरवर्ड, वन ईयर इन ऑफिस’ प्रकाशित हुई थी। अगस्त 2019 में उनकी पुस्तक ‘लिस्निंग, लर्निग एंड लीडिंग’ छपी।
भारत में राष्ट्रपति के बाद उपराष्ट्रपति का पद दूसरा सबसे बड़ा पद है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के अध्यक्ष के तौर पर विधायी कार्यों में भी हिस्सा लेते हैं। वह इस पद पर अन्य लाभ के किसी पद पर नहीं रह सकते हैं। जिस किसी अवधि के दौरान उपराष्ट्रपति, अनुच्छेद 65 के तहत कार्यवाहक राष्ट्रपति रहते हैं उस अवधि के दौरान वे राज्यसभा सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन नहीं करेंगे और अनुच्छेद 97 के तहत राज्यसभा सभापति को देय वेतन-भत्ते का भी हकदार नहीं होंगे।
राष्ट्रपति की मृत्यु, पदत्याग या पद से हटाए जाने या अन्य कारण से उसके पद में हुई रिक्ति की दशा में उपराष्ट्रपति उस तारीख तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेगा जिस तारीख को ऐसी रिक्ति को भरने के लिए इस अध्याय के उपबंधों के अनुसार निर्वाचित नया राष्ट्रपति अपना पद ग्रहण करता है। जब राष्ट्रपति अनुपस्थिति, बीमारी या अन्य किसी कारण से अपने कृत्यों का निर्वहन करने में असमर्थ है तब उपराष्ट्रपति उस तारीख तक उसके कृत्यों का निर्वहन करेगा जिस तारीख को राष्ट्रपति अपने कर्तव्यों को फिर से संभालता है। उपराष्ट्रपति को उस अवधि के दौरान और उस अवधि के संबंध में जब वह राष्ट्रपति के रूप में इस प्रकार कार्य कर रहा है या उसके कृत्यों का निर्वहन कर रहा है, राष्ट्रपति की सभी शक्तियाँ और उन्मुक्तियाँ होंगी तथा वह ऐसी उपलब्धियों, भत्तों और विशेषाधिकारों का जो संसद, विधि द्वारा अवधारित करे और जब तक इस निमित्त इस प्रकार उपबंध नहीं किया जाता है तब तक ऐसी उपलब्धियों, भत्तों और विशेषाधिकारों का जो दूसरी अनुसूची में निर्दिष्ट हैं हकदार होगा।
उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचकगण के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होगा और ऐसे निर्वाचन में मतदान गुप्त होगा। उपराष्ट्रपति संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधान-मंडल के किसी सदन का सदस्य नहीं होगा और यदि संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधान-मंडल के किसी सदन का कोई सदस्य उपराष्ट्रपति निर्वाचित हो जाता है तो यह समझा जाएगा कि उसने उस सदन में अपना स्थान उपराष्ट्रपति के रूप में अपने
पद ग्रहण की तारीख से रिक्त कर दिया है। कोई व्यक्ति उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने का पात्र तभी होगा जब वह (क) भारत का नागरिक है, (ख) पैंतीस वर्ष की आयु पूरी कर चुका है और (ग) राज्यसभा का सदस्य निर्वाचित होने का पात्र है । कोई व्यक्ति, जो भारत सरकार के या किसी राज्य की सरकार के अधीन अथवा उक्त सरकारों में से किसी के नियंत्रण में किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी के अधीन लाभ के पद पर है, उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने का पात्र नहीं होगा।
उपराष्ट्रपति अपने पद ग्रहण की तारीख से पांच वर्ष की अवधि तक पद धारण करेगा। परंतु उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति को संबोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपना पद त्याग सकेगा। उपराष्ट्रपति, राज्य सभा के ऐसे संकल्प द्वारा अपने पद से हटाया जा सकेगा जिसे राज्य सभा के तत्कालीन समस्त सदस्यों के बहुमत ने पारित किया है और जिससे लोकसभा सहमत है; किंतु इस खंड के प्रयोजन के लिए कई संकल्प तब तक प्रस्तावित नहीं किया जाएगा जब तक कि उस संकल्प को प्रस्तावित करने के आशय की कम से कम चौदह दिन की सूचना न दे दी गई हो; उपराष्ट्रपति, अपने पद की अवधि समाप्त हो जाने पर भी तब तक पद धारण करता रहेगा जब तक उसका उत्तराधिकारी अपना पद ग्रहण नहीं कर लेता है।
उपराष्ट्रपति की पदावधि की समाप्ति से हुई रिक्ति को भरने के लिए चुनाव , पदावधि की समाप्ति से पहले ही पूर्ण कर लिया जाएगा। उपराष्ट्रपति की मृत्यु, पदत्याग या पद से हटाए जाने या अन्य कारण से हुई उसके पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन, रिक्ति होने के पश्चात् यथाशीघ्र किया जाएगा और रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति, अनुच्छेद 67 के उपबंधों के अधीन रहते हुए, अपने पद ग्रहण की तारीख से पाँच वर्ष की पूरी अवधि तक पद धारण करने का हकदार होगा। उपराष्ट्रपति अपना पद ग्रहण करने से पहले राष्ट्रपति अथवा उसके द्वारा इस निमित्त नियुक्त किसी व्यक्ति के समक्ष शपथ लेगा और उस पर अपने हस्ताक्षर करेगा।
उपराष्ट्रपतियों की सूची
1- सर्वपल्ली राधाकृष्णन 13 मई 1952 -14 मई 1957
2-जाकिर हुसैन 13 मई 1962-12 मई 1967
3- वीवी गिरी 13 मई 1967- 3 मई 1969
4- गोपाल स्वरूप पाठक 31 अगस्त 1969-30 अगस्त 1974
5- बीडी जत्ती 31 अगस्त1974-30 अगस्त 1979
6- मोहम्मद हिदायतुल्ला 31 अगस्त 1979 -30 अगस्त 1984
7- रामस्वामी वेंकटरमण 31 अगस्त 1984-27 जुलाई 1987
8- शंकर दयाल शर्मा 3 सितम्बर 1987-24 जुलाई 1992
9- केआर नारायणन 21 अगस्त 1992-24 जुलाई 1997
10- कृष्ण कान्त 21 अगस्त 1997-27 जुलाई 2002
11- भैरोंसिंह शेखावत 19 अगस्त 2002-21जुलाई 2007
12- मोहम्मद हामिद अंसारी 11अगस्त 2007-19जुलाई 2017
13- वेंकैया नायडू 2017 से भाजपा के पास राष्ट्रपति चुनाव में अपने उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए सांसदों और विधायकों के निर्वाचक मंडल में प्रयाप्त समर्थन नहीं है। उसके एनडीए के पास अपने उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कुल मतों में करीब 1.2 प्रतिशत की कमी है. भाजपा को निर्वाचक मंडल में बहुमत हासिल करने में काफी हद तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के बीजू जनता दल (बीजेडी) की मदद मिलने का भरोसा है।
राष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा या राज्यसभा के किसी सदस्य की वोट-वैल्यू 708 होती है, जो एक निर्धारित फॉर्मूले के आधार पर तय होती है। किसी राज्य की जनसंख्या 1971 की जनगणना के आधार पर और विधानसभा सीटों की संख्या के आधार पर प्रत्येक विधायक की वोट-वैल्यू अलग-अलग होती है। यूपी के विधायक सभी राज्यों में सबसे अधिक वोट-वैल्यू रखते हैं, जो कि 208 है। राज्य के चार विधायक मिलकर एक सांसद के वोट पर भारी पड़ सकते हैं। 2022 के चुनावों में, भाजपा ने 255 सीटें जीतीं और अपना दल (एस) ने 12.एक अन्य सहयोगी निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) के छह विधायक जीते हैं। इस तरह एनडीए के पास अब राज्य में कुल 273 विधायक हैं। पंजाब के एक विधायक की वोट-वैल्यू 118, उत्तराखंड में 64, गोवा में 20 और मणिपुर में 18 है। कुल मिलाकर एनडीए राष्ट्रपति चुनाव में बहुमत के लिए जरूरी आंकड़े से अभी करीब 13,000 वोट दूर है. पंजाब में जीत हासिल करने पर आप के पास 1 फीसदी, तृणमूल कांग्रेस के पास 3.05 फीसदी, वाईएसआरसीपी के पास 4 फीसदी, टीआरएस के पास 2.2 फीसदी और बीजद के पास लगभग 3 फीसदी वोट हैं। इनमें से सभी भाजपा की मित्र नहीं हैं। ऐसे में एनडीए को जगन रेड्डी की वाईएसआरसीपी और नवीन पटनायक के बीजद से कुछ उम्मीद नजर आती है। इन दोनों दलों ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के साथ अपेक्षाकृत मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखे हैं। दोनों दलों ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के साथ-साथ जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने के एनडीए के फैसले का संसद में समर्थन किया था।
मोदी जी के उद्गार
मोदी जी ने राज्यसभा से सेवानिवृत्त सांसदों के लिए विदाई भाषण में कहा: मुझे विश्वास है कि आज जो साथी यहां से विदाई लेने वाले हैं उनसे हमने जो सीखा है उसे आगे बढ़ाने हम जरूर उपयोग करेंगे ताकि देश की समृद्धि हो।इन सांसदों के जाने से अनुभवी साथियों की कमी खलेगी। अनुभव,ज्ञान से बड़ा होता है. अनुभवी साथी जाते हैं तो क्षति होती है।
नायडू का रात्रिभोज और गीत-संगीत
उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन से रिटायर होने वालों के लिए रात्रिभोज की मेजबानी की, जिसके दौरान गाने-बजाने का भी कार्यक्रम था। आल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के शांतनु सेन ने गिटार बजाया और डोला सेन ने रवींद्र-संगीत पेश किया। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड मुनेत्र कषगम (डीएमके) के तिरुचि शिवा ने तमिल गीत, रूपा गांगुली और एनसीपी की वंदना चव्हाण ने हिंदी गीत और भाजपा के रामचंद्र झांगरा ने देशभक्ति के गीत गाए।
सेवानिवृत्त सदस्यों ने मोदी जी, उपराष्ट्रपति नायडू, सदन के उपसभापति हरिवंश और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाई।