प्रयागराज: टीईटी परीक्षा पेपर लीक मामले में प्रदेश भर में एसटीएफ की अलग-अलग टीमें उन 20 लोगों की भी तलाश कर रही है जिनके नाम पिछले दिनों हुई गिरफ्तारी में सामने में आए थे। बताया जाता है कि 20 वांछित अभियुक्तों में 11 सॉल्वर हैं।उधर शासन ने इस मामले में एक और कार्रवाई करते हुए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय कुमार उपाध्याय को निलंबित कर दिया है। एक बात साफ है कि एसटीएफ की अब तक की कार्रवाई से जो कुछ भी सामने आया है उससे यही लगता है कि टीईटी परीक्षा में साल्वर गैंग का नेटवर्क प्रदेश के कई जिलों में फैला हुआ है।
इस बार एसटीएफ ने बहुत त्वरित कार्रवाई करके प्रयागराज सहित अन्य जिलों में साल्वर गैंग का पर्दाफाश कर दिया है। लेकिन इसके बावजूद अब भी कई सवाल मामले की पड़ताल कर रही एजेंसियों के सामने खड़े हैं।अभी ये पता लगाना बाकी है कि पेपर सबसे पहले कहां से और कैसे बाहर आया। प्रदेश में पेपर लीक होने के कारण अब तक कई भर्ती परीक्षा रद्द की जा चुकी हैं। जिससे परीक्षा की शुचिता के साथ बेरोजगारों में निराशा और आर्थिक बोझ पड़ता है।
इस बार सरकार ने बेरोजगारों को राहत देते हुए उनके एडमिट कार्ड पर उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा की अनुमति दी थी, लेकिन इतने बड़े प्रदेश में ये आदेश सब जगह समय से नहीं पहुंच सका जिससे तमाम क्षेत्रों में परीक्षार्थियों को पैसा देना पड़ा था। वहीं प्रयागराज एसटीएफ ने टीईटी परीक्षा के दौरान शहर में एक और सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने सॉल्वर व मूल अभ्यर्थी को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से ब्लैंक चेक, शैक्षिक प्रमाणपत्रों की छायाप्रति और अन्य चीजें बरामद की हैं। गिरोह के सरगना समेत तीन आरोपी फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है।पुलिस के मुताबिक, झलवा स्थित सरोज देवी गर्ल्स इंटर कॉलेज को भी टीईटी के लिए केंद्र बनाया गया था। परीक्षा के दौरान ही एसटीएफ लखनऊ की टीम ने दबिश देकर यहां से दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने आए रंजय कुमार निवासी नालंदा बिहार और मूल अभ्यर्थी ललित कुमार निवासी पंवारा जौनपुर को हिरासत में ले लिया। ललित के मुताबिक वह सलोरी में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करता है, जहां उसके साथ सोनू यादव निवासी चंदवक जौनपुर भी रहता है। उसके अनुसार सोनू अपने एक अन्य साथी सर्वजीत वर्मा के साथ मिलकर सॉल्वर गैंग का संचालन करता है।
लाखों में तय हुआ था सौदा-
सोनू ने एक लाख रुपये में उसकी जगह सॉल्वर बैठाने का ठेका लिया था। जिसके एवज में उसने दो सॉल्वरों का इंतजाम किया था। पुलिस के हत्थे अभी बिट्टू कुमार उर्फ बच्चू प्रसाद,सोनू और सर्वजीत नहीं चढ़े हैं। तीनो को एसटीएफ तलाश कर रही है।इन लोगों ने भी वाट्सअप के जरिए पेपर लीक किया था। एक और बात ये सामने आई है कि प्रयागराज में पकड़ा गया अजय देव सिंह पूरे घटनाक्रम का अहम किरदार है।उधर अयोध्या से गिरफ्तार संदीप, रमेश और महेश के मुताबिक आधा दर्जन लोगों से संपर्क कर पैसे लेकर सॉल्वर की व्यवस्था की गई थी। भगवान सिंह महाविद्यालय,आरबी एकेडमी इंटर कॉलेज,राम सेवक इंटर कॉलेज और ग्रामर इंटर कॉलेज लालबाग के सेंटर में साल्वर की व्यवस्था किए जाने की खबरें लगी है। इस मामले में यूपी एसटीएफ की टीमें अपने स्तर से पड़ताल कर रही है।