पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी अपने बयानों से अक्सर विवादों में फंस जाते हैं कभी चूहे खाने का बयान हो या सरकारी निर्माण में इंजीनियर द्वरा पी-सी खाने की बात हो या अन्य कोई राजनीतिक मुद्दा। अब धर्मान्तरण को लेकर उन्होंने आपत्तिजनक बयान दिया है अब इसके बाद फिर से सियासी बवाल होना तय है।
पूर्व सी एम ने धर्म परिवर्तन पर अपनी बात रखते हुए नए विवाद को जन्म दे दिया है। मामला है जीतनराम मांझी के गृह जिले गया का जहां बड़ी संख्या में लोगों के ईसाई धर्म अपनाने की बात आ रही है, खासकरके गया जिले के महादलित समुदाय में भारी संख्या में लोगों ने ईसाई धर्म स्वीकार किया है। हालांकि ये हिन्दुओ द्वारा ईसाई धर्म अपनाने की बात करीब डेढ़ दशक से सुनने में आ रही है, इसको लेकर हिंदूवादी संगठन भी लगातर ईसाई मिशनरियों द्वारा हिंदुओं के धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगा रहें हैं।
गया जिले के नैली पंचायत के दुबहल गांव से सटे कई दलित बस्तियों में सालों से धर्म परिवर्तन की बात सुनने में आ रही हैं।हमारे संवाददाता जब वहां पहुंचे तो लोगों ने बताया कि पिछले एक दशक से ज्यादा से गया जिले के दलित बस्तियों में धर्म परिवर्तन का खेल बदस्तूर जारी है ।स्थानीय लोग बताते हैं कि गया जिले के लगभग 15 प्रखंडों में धर्म परिवर्तन की कराये जाने की बात सामने आ रही है ।जिसके बाद हिंदूवादी संगठन आर एस एस के लोग इन इलाकों में पहुंचकर लोगों से घर वापसी भी करा रहे हैं ।
गया जिले में दलितों द्वारा धर्म परिवर्तन की बात तब सामने आई जब हिन्दू माह आषाढ़ में धान रोपनी से पहले दलितों के यहां होनेवाली महत्वपूर्ण पूजा आषाढ़ी पूजा नही हुई आसपास के लोगों ने जब दलित बस्तियों में जाकर इसका कारण पता किया तो लोगों ने बताया कि दलितों ने अब अपना धर्म परिवर्तन कर लिया हैं। इसी बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी जी जो दलित समाज से आते हैं वो गया में अपनी पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ,(हम) के स्थापना दिवस की तैयारी करने गया पहुंचे थे पत्रकारों ने उनसे जब दलितों के धर्म परिवर्तन का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि अपने घर मे मान सम्मान न मिले इज्जत न मिले तो स्वाभाविक है लोग दूसरोँ के तरफ पलायन करेंगे।
घर के मालिक को समझना चाहिए कि आखिर लोग क्यों जा रहें हैं! आपके यहाँ (हिन्दू धर्म मे) उनका विकास संभव नही है यहाँ छुआछूत की बात होती है, यहां मंदिर में दलितों के प्रवेश के बाद मंदिर को धोया जाता है उसका शुद्धिकरण किया जाता है। जब जब धर्म अड़ियल हुआ उस धर्म का नाश हुआ है और जो धर्म लचीला बना उसका फैलाव हुआ है उन्होंने बताया कि वो इतिहास के छात्र रहें हैं इसलिए इसकी जानकारी उन्हें अच्छी तरह से है ।
पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने कहा है कि जिस घर में हैं वहां मां मर्यादा नहीं है कहीं और मान सम्मान मिलता है तो स्वाभाविक तौर पर लोग उधर जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी जात पात ,छुआछूत उंच-नीच की भावना समाज मे चल रहीं हैं, उन्होंने बताया कि बिहार का मुख्यमंत्री रहते हुए वो अगर कहीं मंदिर में चले गए तो उस मंदिर को धोया गया। उन्होंने सवाल किया ये कैसा मंदिर है जहां ऐसी असमानता की भावना व्याप्त है। उन्होंने कहा कि अगर मैं जानता कि ऐसा होगा तो उधर लघुशंका करने भी नही जाता।