तमिलनाडु: दक्षिण की राजनीति हमेशा अपने अलग अंदाज और व्यक्ति के लिए जानी जाती है, एक समय जयललिता की तूती बोलती थी तमिलनाडु में और उनकी राजदार शशिकला को सबसे ताकतवर माना जाता था। राजनीति की बिसात पर कभी पक्की सहेलियां एक समय एक दूसरे की प्रतिस्पर्धा में होने के कारण भी चर्चित रही। जयललिता की 2016 में मौत के बाद शशिकला को आगे करते हुये AIADMK का महासचिव बनाया गया। शशिकला को मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी के ठीक पहले कोर्ट ने आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में चार साल की जेल की सज़ा सुनाई। उसी सज़ा को अभी हाल में ही शशिकला पूरा करके वापस आई थी। और ऐलान किया था कि वो राजनीति में वापसी करेंगी। लेकिन ठीक चुनाव से पहले आज अचानक शशिकला ने राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर दी।
इससे पहले तक शशिकला और AIADMK के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था। बीजेपी ने बुधवार को ही कहा था कि दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता की करीबी रहीं वी के शशिकला को छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ दल के अगुवाई वाले गठबंधन में शामिल करना है या नहीं, इस पर AIADMK को निर्णय लेना है।
इस पर AIADMK ने कहा था कि वह न तो शशिकला को और न ही उनके रिश्तेदार टीटीवी दिनाकरण नीत अम्मा मक्कल मुनेत्र कषगम को पार्टी में और न ही चुनाव के लिए किए गए गठबंधन में शामिल करेगी।
शशिकला ने राजनीति से संन्यास ले लिया है। इसका ऐलान करते हुए शशिकला ने एक बयान जारी किया है। अपने समर्थकों के नाम लिखे पत्र में शशिकला ने कहा है कि आने वाले चुनाव में स्टालिन की पार्टी DMK को हराने के लिए AIADMK के काडर को एकजुट होकर मेहनत करनी चाहिए। शशिकला ने राजनीति छोड़ते हुए जयललिता को याद किया
आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल, असम, केरल और केंद्र शासित पुडुचेरी के साथ तमिल नाडु में भी विधान सभा चुनाव होने हैं। दो मई को मतों की गिनती के बाद स्पष्ट होगा कि साल 2021 में होने वाले इन पहले चुनावों में बाजी किसके हाथ लगती है।तमिलनाडु में एक ही चरण में मतदान होगा। तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक चरण में छह अप्रैल को मतदान होगा।
AIADMK और बीजेपी ने किया है गठबंधन
तमिलनाडु: दक्षिण की राजनीति हमेशा अपने अलग अंदाज और व्यक्ति के लिए जानी जाती है, एक समय जयललिता की तूती बोलती थी तमिलनाडु में और उनकी राजदार शशिकला को सबसे ताकतवर माना जाता था। राजनीति की बिसात पर कभी पक्की सहेलियां एक समय एक दूसरे की प्रतिस्पर्धा में होने के कारण भी चर्चित रही। जयललिता की 2016 में मौत के बाद शशिकला को आगे करते हुये AIADMK का महासचिव बनाया गया। शशिकला को मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी के ठीक पहले कोर्ट ने आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में चार साल की जेल की सज़ा सुनाई। उसी सज़ा को अभी हाल में ही शशिकला पूरा करके वापस आई थी। और ऐलान किया था कि वो राजनीति में वापसी करेंगी। लेकिन ठीक चुनाव से पहले आज अचानक शशिकला ने राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर दी।
इससे पहले तक शशिकला और AIADMK के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था। बीजेपी ने बुधवार को ही कहा था कि दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता की करीबी रहीं वी के शशिकला को छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ दल के अगुवाई वाले गठबंधन में शामिल करना है या नहीं, इस पर AIADMK को निर्णय लेना है।
इस पर AIADMK ने कहा था कि वह न तो शशिकला को और न ही उनके रिश्तेदार टीटीवी दिनाकरण नीत अम्मा मक्कल मुनेत्र कषगम को पार्टी में और न ही चुनाव के लिए किए गए गठबंधन में शामिल करेगी।
शशिकला ने राजनीति से संन्यास ले लिया है। इसका ऐलान करते हुए शशिकला ने एक बयान जारी किया है। अपने समर्थकों के नाम लिखे पत्र में शशिकला ने कहा है कि आने वाले चुनाव में स्टालिन की पार्टी DMK को हराने के लिए AIADMK के काडर को एकजुट होकर मेहनत करनी चाहिए। शशिकला ने राजनीति छोड़ते हुए जयललिता को याद किया
आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल, असम, केरल और केंद्र शासित पुडुचेरी के साथ तमिल नाडु में भी विधान सभा चुनाव होने हैं। दो मई को मतों की गिनती के बाद स्पष्ट होगा कि साल 2021 में होने वाले इन पहले चुनावों में बाजी किसके हाथ लगती है।तमिलनाडु में एक ही चरण में मतदान होगा। तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक चरण में छह अप्रैल को मतदान होगा।
AIADMK और बीजेपी ने किया है गठबंधन
तमिलनाडु में विधानसभा की कुल 234 सीटें हैं और इसका कार्यकाल 24 मई को पूरा हो रहा है। तमिलनाडु में पिछले 10 सालों से ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) का शासन है। राज्य की जनता ने वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक प्रमुख जे जयललिता को दोबारा गद्दी सौंपी थी। इस चुनाव में अन्नाद्रमुक को 135 सीटों पर विजय हासिल हुई थी जबकि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) 88 सीटों पर सिमट गई थी। कांग्रेस को आठ सीटें मिली थी जबकि भाजपा का खाता भी नहीं खुल सका था। इस बार के विधानसभा चुनाव में एआईएडीएमके और बीजेपी का गठबंधन हुआ है और उसका मुकाबला डीएमके और कांग्रेस गठबंधन से होगा।
तमिलनाडु में विधानसभा की कुल 234 सीटें हैं और इसका कार्यकाल 24 मई को पूरा हो रहा है। तमिलनाडु में पिछले 10 सालों से ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) का शासन है। राज्य की जनता ने वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक प्रमुख जे जयललिता को दोबारा गद्दी सौंपी थी। इस चुनाव में अन्नाद्रमुक को 135 सीटों पर विजय हासिल हुई थी जबकि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) 88 सीटों पर सिमट गई थी। कांग्रेस को आठ सीटें मिली थी जबकि भाजपा का खाता भी नहीं खुल सका था। इस बार के विधानसभा चुनाव में एआईएडीएमके और बीजेपी का गठबंधन हुआ है और उसका मुकाबला डीएमके और कांग्रेस गठबंधन से होगा।