भारत-चीन सीमा स्थिति की समीक्षा के लिए बीजिंग में 33वीं WMCC बैठक आयोजित की गई। इस बैठक के दौरान बेहतर द्विपक्षीय संबंधों के लिए शांति और स्थिरता के मुद्दों पर जोर दिया गया। भारत और चीन के बीच हुई बातचीत में सीमा पर तनाव कम करने और सीमा पार सहयोग को फिर से शुरू करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया गया। बातचीत का मुख्य फोकस सीमा पार सहयोग को फिर से शुरू करना था, खासकर सीमा पार नदियों और कैलाश-मानसरोवर यात्रा पर।
दोनों देशों ने इस वर्ष जनवरी में 2020 से बंद कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया।
भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श एवं समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की 33वीं बैठक बीजिंग में आयोजित की गई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) गौरांगलाल दास ने किया, जबकि चीन का प्रतिनिधित्व सीमा एवं महासागरीय मामलों के विभाग के महानिदेशक हांग लियांग ने किया।
चर्चा में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति पर चर्चा की गई, जिसमें दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि सीमा पर शांति स्थिर संबंधों को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने दिसंबर 2024 में विशेष प्रतिनिधियों की बैठक के दौरान लिए गए निर्णयों सहित पिछले समझौतों को लागू करने के तरीकों की खोज की।
दोनों पक्षों ने सीमा प्रबंधन में सुधार और कूटनीतिक तथा सैन्य संचार चैनलों को मजबूत करने पर भी चर्चा की।
भारत और चीन ने उच्च स्तरीय सीमा वार्ता के अगले दौर की तैयारी शुरू करने पर सहमति जताई, जो इस साल के अंत में भारत में होने वाली है।
अक्टूबर 2024 से दोनों देशों ने LAC पर तनाव कम करने की दिशा में प्रगति की है। उन्होंने देपसांग मैदानों और डेमचोक में गश्त फिर से शुरू कर दी है, जबकि इन क्षेत्रों में चराई की गतिविधि भी फिर से शुरू हो गई है। कूटनीतिक बातचीत जारी है और दोनों पक्ष व्यापक समाधान के लिए निरंतर बातचीत के लिए प्रतिबद्ध हैं।