केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि भारत के पास इस समय एक सुविचारित आर्थिक रणनीति है जो देश को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के सपने को साकार करने में मदद करेगी। दावोस में विश्व आर्थिक मंच (WEF) 2025 के मौके पर एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए वैष्णव ने विकसित देश बनने के लिए केंद्र सरकार द्वारा तैयार की गई रणनीति के चार स्तंभों को सूचीबद्ध किया।
केंद्रीय रेल तथा सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा, “भारत के पास इस समय बहुत सोची-समझी आर्थिक रणनीति है। यह रणनीति चार स्तंभों पर आधारित है: पहला, सामाजिक और भौतिक अवसंरचना में सार्वजनिक निवेश; दूसरा, प्रौद्योगिकी विनिर्माण और नवाचार पर ध्यान; तीसरा, समावेशी विकास और चौथा, सरलीकरण।”
मंत्री ने कहा, “जब हम सार्वजनिक निवेश को देखते हैं, तो 2021 का बजट, हमने लगभग 40 बिलियन अमेरिकी डॉलर से शुरू किया और फिर इसे 60, 80, 100 तक बढ़ाया और इस वर्ष (2023-24), बजट लगभग 145 अमेरिकी डॉलर है। यह भौतिक, डिजिटल और सामाजिक बुनियादी ढांचे में जा रहा है। भौतिक अवसंरचना में रेलवे, राजमार्ग, ट्रांसमिशन लाइन, बंदरगाह, हवाई अड्डे शामिल हैं। सामाजिक अवसंरचना में नए अस्पताल, स्कूल, विश्वविद्यालय बनाना शामिल है। डिजिटल अवसंरचना में 5G सेवाएँ शुरू करना, देश के आखिरी गाँव को भी ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ना शामिल है।”
वरिष्ठ भाजपा नेता ने यह भी कहा कि जो लोग आर्थिक पिरामिड में सबसे नीचे थे, वे ऊपर आ गए हैं और इसीलिए उन्होंने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुना है।
वैष्णव ने कहा, “जब आर्थिक पिरामिड के निचले पायदान पर मौजूद लोग ऊपर आते हैं तो इससे बहुत बड़ा अंतर पड़ता है। और यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार फिर से निर्वाचित हुए, जबकि कई लोकतंत्र हार गए हैं।”