छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शुक्रवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में कम से कम 10 नक्सली मारे गए। सेना ने एके-47 राइफल समेत कई हथियार भी बरामद किए हैं। भंडारपदर के जंगली इलाके में शुक्रवार सुबह उस समय मुठभेड़ शुरू हो गई जब सुरक्षाकर्मी नक्सलियों के लिए तलाशी अभियान चला रहे थे। बस्तर महानिरीक्षक, पी सुंदरराज ने पुष्टि की कि क्षेत्र में तलाशी अभियान अभी भी जारी है और सभी 10 शव बरामद कर लिए गए हैं।
आईजी बस्तर, पी सुंदरराज ने कहा, ”सुकमा जिले के दक्षिणी इलाके में नक्सली कैडरों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। डीआरजी को ऑपरेशन के लिए भेजा गया था। 22 नवंबर को सुबह 10 बजे के आसपास डीआरजी और नक्सलियों के बीच कई बार गोलीबारी हुई। मुठभेड़ के बाद इलाके की सर्चिंग की गई तो 10 नक्सलियों के शव बरामद हुए। एके-47, एसएलआर, इंसास जैसे स्वचालित और अर्ध-स्वचालित हथियार भी बरामद किए गए। निकटवर्ती क्षेत्रों में सुदृढीकरण के लिए अतिरिक्त बल भेजे गए हैं।”
इस बीच मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुरक्षा बलों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता बस्तर क्षेत्र में शांति स्थापित करना, विकास को सुविधाजनक बनाना और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
साय ने पोस्ट किया, “सुरक्षा बलों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए आज सुबह सुकमा जिले में नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की और मुठभेड़ में 10 नक्सलियों को मार गिराया।”
उन्होंने कहा, “मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलियों को खत्म करने के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में हम योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहे हैं।”
वहीं डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा, “सुकमा मुठभेड़ में 10 नक्सली ढेर हुए हैं। उनके शव बरामद हो गए हैं। खुशी की बात ये हैं कि किसी जवान को खरोंच भी नहीं आया है। तीन हथियार भी बरामद हुए हैं…अमित शाह जी का संकल्प है कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद समाप्त होना चाहिए। उस संकल्प को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में जो काम हो रहा है मुझे स्पष्ट दिखता है कि आने वाले समय में बस्तर इस लाल आतंक से मुक्त होकर रहेगा।”
2024 में अब तक 200 से अधिक नक्सली मारे गये-
इस साल जनवरी से अब तक कम से कम 257 नक्सली मारे गए हैं, जबकि 861 गिरफ्तार किए गए और 789 अन्य ने आत्मसमर्पण कर दिया। मौतों की संख्या 2010 के उच्चतम स्तर 1,005 से 90 प्रतिशत कम होकर सितंबर 2024 तक 96 हो गई है।
चार दशकों के बाद 2022 में पहली बार मौतों की संख्या 100 से कम रही।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में घोषणा की थी कि छत्तीसगढ़ 2026 तक पूरी तरह से नक्सलियों से मुक्त हो जाएगा। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सुरक्षा बलों ने एक साथ ऑपरेशन चलाए हैं।