महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर में एक स्कूल के सफाई कर्मचारी द्वारा तीन और चार साल की दो किंडरगार्टन लड़कियों के यौन उत्पीड़न को लेकर शहर में तनाव बढ़ने के बाद इंटरनेट को निलंबित कर दिया गया था, जिसे बुधवार को बहाल कर दिया गया। आईजी आरती सिंह के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) घटनास्थल पर पहुंचा और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से बात की। बदलापुर रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों के रेल रोको विरोध प्रदर्शन के कारण अंबरनाथ-कर्जत खंड पर लोकल ट्रेन सेवाएं 10 घंटे बाद फिर से शुरू हो गईं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने कहा कि वह मामले की जांच के लिए बदलापुर एक टीम भेजेगा।
पुलिस के मुताबिक, किंडरगार्टन की दो लड़कियों के साथ 13 अगस्त को स्कूल के शौचालय में यौन शोषण किया गया था। यह घटना तब सामने आई जब एक लड़की ने 16 अगस्त को अपने माता-पिता को आपबीती सुनाई। आरोपी अक्षय शिंदे को 17 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया गया है।
बदलापुर में बवाल के बीच अकोला में शर्मनाक कांड-
अकोला में काजीखेड़ के एक जिला परिषद स्कूल में 47 साल का टीचर चार महीने से स्कूल की छह छात्राओं को अश्लील वीडियो दिखा रहा था। वह छात्राओं को मजबूरन वीडियो दिखाकर उन्हें परेशान करता था। इससे तंग आकर छात्राओं ने बाल कल्याण समिति के टोल-फ्री नंबर पर कॉल किया और शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर बाल कल्याण समिति की टीम स्कूल पहुंची और छात्राओं से बातचीत के बाद शिक्षक के खिलाफ केस दर्ज किया गया। इस मामले में पुलिस का कहना है कि छह छात्राओं ने शिकायत कराई है कि उनके स्कूल में एक टीचर बीते चार महीने से अश्लील वीडियो दिखा रहा है।
छात्राओं की शिकायत के बाद शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपी टीचर को पूछताछ के बाद हिरासत में लिया गया और आगे की जांच की जा रही है। इस मामले में राज्य महिला आयोग ने की पूर्व सदस्य आशा मिर्ग ने भी शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
बदलापुर विरोध प्रदर्शन से जुड़े अपडेट ये हैं:
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने ठाणे की घटना और मामले में एफआईआर दर्ज करने में देरी को लेकर महाराष्ट्र के अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया.एनएचआरसी ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। पीड़ितों के माता-पिता ने कहा कि बच्चियों के टॉयलेट की सफाई के लिए महिला कर्मचारी को क्यों नहीं नियुक्त किया गया। आयोग ने इस बात को लेकर कहा कि इसकी गहन जांच होनी चाहिए।
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने आरोप लगाया कि स्कूल अधिकारियों ने मामले को दबाने की कोशिश की और संबंधित पुलिस स्टेशन ने समय पर एफआईआर दर्ज नहीं की। उन्होंने इस घटना के लिए स्कूल की लापरवाही को भी जिम्मेदार ठहराया और कहा कि “मामले को दबाने” की कोशिश के लिए प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
घटना सामने आने के बाद मंगलवार को हजारों लोग बदलापुर रेलवे स्टेशन पर एकत्र हुए और विरोध प्रदर्शन किया, जिसकी वजह से 12 एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों का मार्ग बदलना पड़ा, 30 लोकल ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द करना पड़ा और कुछ लंबी दूरी की ट्रेनों का मार्ग बदलना पड़ा।
विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। गुस्साए स्थानीय लोगों ने स्कूल पर पथराव किया और तोड़फोड़ की। बदलापुर रेलवे स्टेशन के पास एक बस भी क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस ने रेल पटरियां खाली कराने के लिए नौ घंटे बाद लाठीचार्ज कर विरोध प्रदर्शन को खत्म कराया।
मंगलवार को घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे 300 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। ठाणे पुलिस ने 40 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। रेलवे पुलिस के जीआरपी डीसीपी, मनोज पाटिल ने कहा कि स्थिति सामान्य है और पुलिस रेल रोको विरोध प्रदर्शन के दौरान सीसीटीवी फुटेज में देखे गए 300 लोगों की तलाश कर रही है।
माता-पिता ने इस बात पर चिंता जताई कि लड़कियों के शौचालय को साफ करने के लिए एक महिला स्टाफ सदस्य को क्यों नहीं नियुक्त किया गया? इस बीच, आरोपी अक्षय शिंदे को कल्याण अदालत में पेश किया गया और मीडिया को अदालत परिसर के अंदर जाने की अनुमति नहीं थी।
इस घटना पर स्कूल प्रबंधन ने प्रिंसिपल, एक क्लास टीचर और एक महिला अटेंडेंट को निलंबित कर दिया। आरोपी अक्षय शिंदे को 1 अगस्त को अनुबंध के आधार पर नियुक्त किया गया था।
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मांग की कि दो लड़कियों के यौन शोषण मामले की तेजी से सुनवाई की जाए और पीड़ितों को शीघ्र न्याय सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने दावा किया कि जिस स्कूल में लड़कियों का यौन शोषण किया गया वह भाजपा नेताओं से जुड़ा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राज्यों को निशाना बनाकर महिलाओं के खिलाफ अपराध पर राजनीति की गई।
महाराष्ट्र सरकार ने मामले की जांच में कथित लापरवाही के लिए एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सहित तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया। सरकार ने मामले की जांच के लिए एक एसआईटी भी गठित की।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि उन्होंने ठाणे पुलिस आयुक्त को मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में चलाने के लिए एक प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है। इस बीच, आरोपी को अदालत ने तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्कूल के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया और कहा कि मामले की तेजी से सुनवाई की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।