केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने NEET-UG 2024 को रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की याचिकाओं को खारिज करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए इसे ‘सच्चाई की जीत’ बताया। प्रधान ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद, मैं कहना चाहूंगा” सत्यमेव जयते।
NEET मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब विपक्ष की भूमिका स्पष्ट हो गई है। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष ने कल तक देश की परीक्षा प्रणाली को अमान्य करने और उसे “बकवास” बताने का जो रवैया अपनाया था, वह उनकी मानसिक स्थिति को साबित करता है।
शिक्षा मंत्री ने कहा, “माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं। हमारी प्राथमिकता देश के विद्यार्थी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने जजमेंट में इसी बात को सबसे ऊपर रखा है। दो ढाई महीने से सरकार का पक्ष को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है। हमारी प्राथमिकता समाज के वंचित वर्ग भी है। सुप्रीम कोर्ट ने No Re NEET की बात कही है। पीएम नरेंद्र मोदी जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए परीक्षा के एरर के खिलाफ सख्त कानून बनाया है। हमने उच्च स्तरीय कमेटी की भी घोषणा की जिसके चेयरमैन प्रो राधा कृष्णन है। वे सभी के सुझाव को सुन रहे है और इसका जल्द ही रिपोर्ट आएगा। NTA को जीरो टेंपर फ्री संस्था बनाने के लिए हम प्रतिबद्ध है. जो अव्यवस्था हुई किसी को नही छोड़ा जाएगा और सीबीआई अपना काम कर रही है।”
उन्होंने कहा, “NEET का मामला जब से सामने आया है उसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष की भूमिका स्पष्ट हो गई। कल तक लोकसभा के विपक्ष के नेता ने जो रवैया अपनाया था, उससे उनकी मानसिक स्थिति का पता चलता है। इसकी आलोचना करते हुए राहुल गांधी ने भारत की आलोचना की है। देश के छात्रों को गुमराह करना, भ्रम पैदा करना और उन्हें सामाजिक तनाव के लिए उकसाना, ये सब उनकी राजनीति का सुनियोजित हिस्सा था। देश में चुनावी नतीजों को नकार कर अराजकता और नागरिक अशांति उनकी रणनीति का हिस्सा बन गई है। मैं उनसे और विपक्ष के सभी लोगों से अपील करता हूं कि जो इस तरह के गैरजिम्मेदाराना कामों में शामिल थे – उन्हें देश के छात्रों, युवाओं और अभिभावकों से माफी मांगनी चाहिए।”
शिक्षा मंत्री ने आगे कहा, “आपने देश को नुकसान पहुंचाया है, देश में अराजकता पैदा करने का प्रयास किया है, देश में नागरिक अशांति पैदा करने की साजिश रची है। देश तुम्हें माफ नहीं करेगा। राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता अलग हो सकती है, लेकिन छात्र सभी के हैं।”
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हम उनकी सिफारिशों पर विचार करेंगे। कर्नाटक और तमिलनाडु द्वारा नीट छूट बिल पर एजेंसी द्वारा अखिल भारतीय परीक्षा होनी चाहिए, पुरानी प्रथा में बहुत सारी शिकायतें हैं। मुझे समझ में नहीं आता कि ये लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ क्यों जाना चाहते हैं। पिछली बार तमिलनाडु से एक टॉपर था। जो लोग तमिलनाडु का विरोध कर रहे हैं, वे 2010 में परीक्षा संचालन का हिस्सा थे। एक विवादास्पद प्रश्न के कारण 4 लाख से अधिक छात्र रैंक और 4-5 मास्क खो देंगे। अगले दो दिनों में नई मेरिट सूची जारी की जाएगी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 परीक्षा रद्द करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे एहसास है कि मौजूदा साल के लिए नए सिरे से NEET-UG का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जिसका असर इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से ज़्यादा छात्रों पर पड़ेगा।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा, ”मौजूदा स्तर पर, रिकॉर्ड पर ऐसी सामग्री का अभाव है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि परीक्षा का परिणाम दूषित है। या कि परीक्षा की शुचिता का प्रणालीगत उल्लंघन हो रहा है।”
मालूम हो कि सोमवार को NEET मुद्दे पर धर्मेंद्र प्रधान और राहुल गांधी के बीच जुबानी जंग छिड़ गई थी। लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा था कि प्रधान ने खुद को छोड़कर बाकी सभी को दोषी ठहराया है।
गांधी ने कहा था, “देश को दिख रहा है कि परीक्षा सिस्टम में बहुत सी कमी है। शिक्षा मंत्री ने सबकी कमी गिना दी, लेकिन अपनी नहीं गिनाई। मेरा शिक्षा मंत्री से सवाल है कि आप इस मुद्दे को हल करने के लिए क्या कर रहे हैं? मुद्दा यह है कि इस देश में लाखों छात्र इस बात से बेहद चिंतित हैं कि क्या हो रहा है और कौन आश्वस्त है कि भारतीय परीक्षा प्रणाली एक धोखाधड़ी है।”
हालाँकि, प्रधान ने गांधी के आरोपों का प्रतिवाद करते हुए कहा कि उनकी निगरानी में कोई पेपर लीक नहीं हुआ। शिक्षा मंत्री ने कहा, ”पिछले 7 सालों में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं मिला है। यह (NEET) मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह सकता हूं कि NTA के बाद 240 से अधिक परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित की गई हैं।”