संसद सत्र के छठे दिन लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई। सोमवार को लोकसभा में तीखी नोकझोंक देखने को मिली। विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तथाकथित “हिंसक हिंदुओं” पर निशाना साधने से पहले भगवान शिव का एक पोस्टर निकाला। गांधी की टिप्पणी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्काल पलटवार किया, जबकि गृह मंत्री अमित शाह ने माफी की मांग की।
कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा है कि संविधान पर लगातार हमला किया जा रहा है। हमने देश के संविधान की रक्षा की है। आइडिया ऑफ इंडिया पर हमला किया जा रहा है। सरकार के आदेश से मुझ पर हमला किया जा रहा है।
गांधी ने भगवान शिव को अपने लिए प्रेरणा बताते हुए कहा कि उनसे विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष की प्रेरणा मिली। उनके बाएं हाथ में त्रिशूल का मतलब अहिंसा है। हमने सच की रक्षा की है बिना किसी हिंसा के। बीजेपी को निशाने पर लेते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उनके लिए सिर्फ सत्ता मायने रखती है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि मोदी जी ने अपने भाषण में कहा कि हिंदुस्तान ने कभी किसी पर हमला नहीं किया। इसका कारण है। हिंदुस्तान अहिंसा का देश है, यह डरता नहीं है। हमारे महापुरुषों ने यह संदेश दिया- डरो मत, डराओ मत। शिवजी कहते हैं- डरो मत, डराओ मत और त्रिशूल को जमीन में गाड़ देते हैं। दूसरी तरफ जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा, नफरत-नफरत-नफरत। आप हिंदू हो ही नहीं। हिंदू धर्म में साफ लिखा है सच का साथ देना चाहिए।
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इस बीच गांधी के बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। पीएम मोदी अपनी चेयर पर उठकर खड़े हुए और इसे गंभीर बात बताया पीएम मोदी ने कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर बात है। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी और बीजेपी पूरा हिंदू समाज नहीं है।
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गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विपक्ष के नेता ने जो कहा कि उन्हें इसकी माफी मांगनी चाहिए। इस धर्म पर करोड़ों लोग गर्व से हिंदू कहते हैं। मैं उनको गुजारिश करता हूं कि इस्लाम में अभय मुद्रा पर एक बार वो इस्लामिक विद्वानों की राय वो ले लें।
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पीएम मोदी ने कहा कि मुझे लोकतंत्र ने सिखाया है कि विपक्ष के नेता को गंभीरता से लेना चाहिए। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि ये जो मैंने अयोध्या पर बोला है, अनुराग ठाकुरजी अयोध्या की बात कर रहे थे, उस पर की है।
गांधी के भाषण के दौरान ही स्पीकर ओम बिरला ने भी उन्हें टोका। स्पीकर ने राहुल गांधी से कहा कि आप नीतियों पर बोलिए ना। किसी पर व्यक्तिगत आक्षेप करना उचित है क्या? अगर आपकी पार्टी इसे उचित मानती है तो मुझे कुछ नहीं कहना।
स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि आप नियम-कायदे से नहीं बोल रहे हैं। आप खुद शिव को भगवान बताते हैं। आप बार-बार उनका नाम ले रहे हैं, तस्वीर लहरा रहे हैं। आप रूल से नहीं बोल रहे हैं।
भूपेंद्र यादव ने रूल बताते हुए आपत्ति जताई और कहा कि जब कोई सदस्य स्पीकर के संज्ञान में आने के बाद भी बार-बार ऐसा कर रहा है तो आप उसे बोलने से रोक सकते हैं। विपक्ष के एक सदस्य ने भी काउंटर करते हुए रूल बताया।
इस पर स्पीकर ने कहा कि माननीय प्रतिपक्ष के नेता, आपके सदस्य ने रूल बताया है, आप उसकी पालना कर लें।
गांधी ने अग्निवीर की शहादत का जिक्र करते हुए कहा कि नरेंंद्र मोदी उसे शहीद नहीं कहते। उसके परिजनों को पेंशन नहीं मिलेगी। आम जवान को पेंशन मिलेगी, सरकार उसकी मदद करेगी लेकिन अग्निवीर को जवान नहीं कहा जा सकता। अग्निवीर यूज एंड थ्रो मजदूर है। राहुल गांधी ने कहा कि आप जवान और जवान के बीच में फूट डालते हो और फिर अपने आपको देशभक्त कहते हो। ये कैसे देशभक्त हैं? फिल्म स्टार जैसी फोटो थी उसकी। मैं सोच रहा था देखो।
इस पर राजनाथ सिंह ने गांधी को गलत बयानी करके सदन को गुमराह नहीं करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सरहद पर अगर कोई अग्निवीर मारा जाता है, उसे एक करोड़ रुपये मिलता है। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि सच्चाई क्या है, ये अग्निवीर जानता है।
अमित शाह ने इस पर कहा कि इसका सत्यापन किया जाना चाहिए और अगर वह साबित नहीं करते हैं तो सदन और देश से इसकी माफी मांगनी चाहिए। इस पर राहुल गांधी ने अग्निवीर को लेकर जानकारी सदन पटल पर रखने की बात कही।
इससे पहले शुरूआती कार्यवाही के दौरान रसहुल ने कहा कि हम चाहते थे कि एक दिन नीट पर चर्चा हो। दो करोड़ युवाओं को नुकसान हुआ है। पिछले सात साल में 70 बार पर्चा लीक हुआ है। बहुत जरूरी मुद्दा है। इस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि आसन ने व्यवस्था दे दी है। आप अभिभाषण पर चर्चा में बोलिएगा।
वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि इसी राज्यसभा में प्रधानमंत्री ने छाती ठोककर विपक्ष को ललकारते हुए कहा था- एक अकेला सब पर भारी. लेकिन यह पूछना चाहता हूं, एक अकेले पर आज कितने लोग भारी हैं। चुनावी नतीजे ने दिखा दिया है कि देश का संविधान और जनता सबपर भारी है।
खड़गे ने कहा कि लोकतंत्र में अहंकारी नारों को जगह नहीं है और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, संविधान निर्माता बाबा साहब, छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्तियां अपनी जगह से हटाकर पीछे कोने में रखा गया। ऐसे लोगों आप पीछे हटाकर कोई देखे नहीं, ऐसा कर दो। हमने मूर्तियां बैठाने के लिए लड़ाई लड़ी।
खड़गे ने किसानों का भी मुद्दा उठाया और कहा, “हम किसानों की बात करते हैं तो मोदी जी भैंस खोल ले जाने की बात करते हैं। हम बीजेपी के बांटने की बात करते हैं तो मोदीजी औरंगजेब की बात करने लगते हैं, हम पेपरलीक की बात करते हैं तो मोदीजी मंगलसूत्र की बात करने लगते हैं। हम रोजगार की बात करते हैं तो मोदीजी मन की बात करने लगते हैं. इतिहास को लेकर निर्णय लेने में जनता सक्षम है. असत्य बोलना, लोगों को बांटना, ये सब काम पहली बार हुआ है। ये काम पहले किसी प्रधानमंत्री ने किया नहीं. खड़गे ने विदेशी मीडिया की कवरेज का भी उल्लेख किया और कहा कि हम नहीं, विश्वगुरु को लेकर दुनिया के लोग बोल रहे हैं. पीएम ने चुनाव में जो बातें रखीं, वो नफरत की बातें थीं।”
राज्यसभा में विपक्ष के नेता खड़गे ने मोदी सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इनका उपयोग वसूली के लिए किया गया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आप सच्चाई का साथ देंगे।
इस पर सभापति ने कहा कि मैं तो हमेशा ही सच्चाई का साथ देता हूं। सभापति ने कहा कि सदन के नेता इंटरवेंशन करना चाहते हैं। इस पर खड़गे ने कहा कि मेरा फ्लो टूट जाएगा। सदन के नेता जेपी नड्डा ने सभापति को लेकर विपक्ष के नेता के बयान पर आपत्ति जताई। खड़गे ने कहा कि मैं यहां किसी का अपमान करने के लिए सदन में नहीं आया हूं।
खड़गे ने सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़े का हवाला देते हुए कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किसने किया था? उन्होंने एमएसपी को लेकर कानून बनाने की मांग करते हुए कहा कि आप बनाइए, विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार के साथ हैं। उन्होंने मणिपुर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इंडिया ब्लॉक के सांसद मणिपुर गए. सरकार उनके अनुभव सुन सकती थी, लेकिन सरकार अभिभाषण में लगी रही। खड़गे ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के मणिपुर पर बयान का जिक्र करते हुए कहा कि पहली बार संघ किसी विषय पर सच बोल रहा है. मेरी आप नहीं सुनते, उनकी तो सुन लीजिए। इस पर धनखड़ ने उन्हें टोका। सभापति ने कहा कि कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं जाएगा। धनखड़ ने गोवलकर से देवरस तक संघ प्रमुखों के नाम गिनाए और कहा कि इनके नाम इसीलिए याद हैं क्योंकि ये समाज को खत्म करने में लगे हुए हैं।
इससे पहले लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सदन ने एक हादसे में ईरानी राष्ट्रपति के निधन पर शोक व्यक्त किया। स्पीकर ने तंजानिया के राष्ट्रपति के निधन पर शोक व्यक्त किया और साथ ही टोरंटो से वैंकुवर जा रहे एयर इंडिया के दो विमानों को आतंकियों की ओर से निशाना बनाए जाने की घटना का भी जिक्र किया। सदन में मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की गई।
लोकसभा में भारतीय क्रिकेट टीम की टी-20 विश्वकप जीत की भी गूंज सुनाई दी। स्पीकर ओम बिरला ने बारबाडोस में मिली जीत का जिक्र करते हुए कप्तान रोहित शर्मा को बधाई दी।
वहीं राज्य सभा ने 1985 के एयर इंडिया कनिष्क बम विस्फोट के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। इस घटना में 86 बच्चों सहित 329 लोगों की जान चली गई थी। सदन ने आतंकवाद से लड़ने का संकल्प लिया और पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की मांग की।
बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 जुलाई को लोकसभा में और 3 जुलाई को राज्यसभा में जवाब देंगे। संसद का संयुक्त सत्र 3 जुलाई को समाप्त होगा।