NEET-UG 2024 पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक और नोटिस जारी किया और परीक्षा में कथित पेपर लीक और कदाचार से संबंधित याचिकाओं पर केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) से जवाब मांगा। सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा, ‘अगर किसी की ओर से 0.001% भी लापरवाही हुई है तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए।’ न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और एसवीएन भट्टी की पीठ ने आगे कहा, “कल्पना करें कि एक व्यक्ति जिसने सिस्टम के साथ धोखाधड़ी की है, वह डॉक्टर बन जाता है, वह समाज के लिए और अधिक हानिकारक है।”
कोर्ट ने कहा कि नीट के खिलाफ दायर याचिकाओं को प्रतिकूल मुकदमे के रूप में न लें। सुप्रीम कोर्ट ने NTA से कहा है कि अगर परीक्षा आयोजित करने में कोई गलती हुई है तो उसे स्वीकार करें और सुधारे।
सुप्रीम कोर्ट ने NTA से साफ कहा है कि परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी के रूप में, आपको निष्पक्ष रूप से कार्य करना चाहिए। यदि कोई गलती है, तो हां कहे, यह एक गलती है और यही वह कार्रवाई है जो हम करने जा रहे है। कम से कम इससे आपके प्रदर्शन में विश्वास तो पैदा होता है। सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि अगर डॉक्टरों को संदिग्ध परिस्थितियों में ट्रेनिग दी जाती है तो इसके कैसे नतीजे होंगे उसकी कल्पना करें। साथ ही कोर्ट ने परीक्षा की प्रक्रिया में गड़बड़ी और उसके नतीजों को लेकर भी गहरी चिंता जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट ऐसी स्थिति की कल्पना करें जहां कोई व्यक्ति सिस्टम के लिए नुकसानदायक हो जाए या समझिए अगर कुछ गड़बड़ी हुई तो सोचिए कैसा डॉक्टर समाज में आ सकता है।
पीठ ने केंद्र और एनटीए से कहा कि वे एनईईटी-यूजी के खिलाफ दायर याचिकाओं को “प्रतिकूल मुकदमेबाजी” के रूप में न मानें और इसके बजाय गलतियों को सुधारें।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि वह परीक्षण संगठन से “समय पर कार्रवाई” की अपेक्षा करता है। कोर्ट 8 जुलाई को इस मामले में अगला सुनवाई करेगा।
पिछले हफ्ते, सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के एक वकील को फटकार लगाई थी। उनका कहना था कि राजस्थान के कोटा में कोचिंग सेंटरों में छात्र NEET-UG 2024 परीक्षा विवाद के कारण आत्महत्या कर रहे थे। अदालत ने बयानों को खारिज कर दिया और निर्देश दिया कि परीक्षा में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं को ऐसी भावनात्मक दलीलें नहीं देनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने भी दोहराया था कि वह NEET काउंसलिंग पर रोक नहीं लगाएगा।
मालूम हो कि यह याचिका अमूल्य विजय और नितिन विजय की ओर से दायर की गई है। अमूल्य विजय ने परीक्षा रद्द कर दोबारा परीक्षा कराने, पूरे मामले को एसआईटी से जांच की मांग कराने की मांग की है। वही नितिन विजय ने नीट परीक्षा 2024 का पेपर दोबारा कराने केI मांग की है। याचिका में कहा गया है कि अगर दोबारा परीक्षा नही होता है तो 24 लाख बच्चों के साथ अन्याय होगा और भविष्य में हमें योग्य डॉक्टर नहीं मिल पाएंगे।