जी7 शिखर सम्मेलन के ‘आउटरीच’ सत्र में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली की यात्रा पर पहुंचे। उन्होंने मेजबान देश इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से मुलाकात की। मेलोनी के अलावा पीएम मोदी फ्रांस, ब्रिटेन और यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्षों से भी मिले। सम्मेलन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्यसागरीय क्षेत्रों से जुड़े विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने जी7 शिखर सम्मेलन के एक आउटरीच सत्र को संबोधित किया, जिसमें उन्होनें तकनीकी प्रगति, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्लोबल साउथ में भारत की भूमिका और हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह सुनिश्चित करके प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण करने की आवश्यकता पर बल दिया कि यह समाज के सभी वर्गों तक पहुंचे। पीएम मोदी ने G7 समिट में ‘AI फॉर All’ पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि AI तकनीक का इस्तेमाल सभी लोगों की प्रगति में होना चाहिए। पीएम ने कहा भारत AI के ग्लोबल पार्टनर के तौर पर अंतर्राष्ट्रीय कोलैबोरेशन को बढ़ावा दे रहा है।
G7 के मंच से पीएम मोदी ने पौधारोपण के अभियान से वैश्विक समुदाय को जुड़ने की अपील की। साथ ही पीएम ने ग्लोबल साउथ की चिंताओं को प्राथमिकताओं में रखने का आह्वान भी किया।
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भारत के एआई (कृत्रिम मेधा) मिशन की बात करते हुए पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि इस तकनीक का उद्देश्य सभी की प्रगति और भलाई को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि इस व्यापक उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए भारत अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दे रहा है।
जी7 के आउटरीच सत्र में पीएम मोदी ने कहा कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम मेधा) में राष्ट्रीय रणनीति तैयार करने वाले पहले कुछ देशों में से एक है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में भारत का दृष्टिकोण चार सिद्धांतों उपलब्धता, पहुंच, सामर्थ्य और स्वीकार्यता पर आधारित है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा ‘हमें मिलकर आने वाले समय को ‘हरित युग’ बनाने का प्रयास करना चाहिए। 2047 तक विकसित भारत का निर्माण हमारा संकल्प है। हमारी प्रतिबद्धता है कि समाज का कोई भी वर्ग पीछे न छूटे।’
मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ के देश वैश्विक अनिश्चितताओं और तनाव का खामियाजा भुगत रहे हैं। ग्लोबल साउथ के देशों की प्राथमिकताओं और चिंताओं को विश्व मंच पर रखना भारत की जिम्मेदारी है। हमें गर्व है कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 ने अफ्रीकी संघ को समूह का स्थायी सदस्य बनाया।’
पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा, ‘प्रौद्योगिकी के सर्वव्यापी उपयोग से पूरी चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया गया है।’ तीसरी बार सत्ता में वापसी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ”यह पूरे लोकतांत्रिक विश्व की जीत है।”
पीएम मोदी ने ऊर्जा क्षेत्र में भारत के योगदान और चिंताओं के बारे में बात की। उन्होंने G7 आउटरीच सेशन में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस अभियान के जरिये हम अपने प्लैनेट को और सस्टेनेबल बना सकते हैं।
इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम से इतर विश्व नेताओं के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें कीं। पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, अमेरिकी राष्ट्रपति और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की समेत कई अन्य गणमान्य लोगों से मुलाकात की।
उन्होंने शिखर सम्मेलन स्थल पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से भी मुलाकात की और दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को नमस्ते कहकर बधाई दी और कुछ देर के लिए शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया।
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G7 शिखर सम्मेलन से इतर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मुलाकात की। उन्होंने X पर पोस्ट कर बताया कि भारत और अमेरिका दुनिया की बेहतरी के लिए काम करता रहेगा। रूस-यूक्रेन और इजरायल-गाजा युद्ध को लेकर दुनिया दो हिस्सों में बंटी है।
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इसके अलावा, पीएम मोदी ने कार्यक्रम स्थल पर पोप फ्रांसिस का स्वागत किया। उन्होंने पोप को भारत आने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि वह लोगों की सेवा करने और दुनिया को बेहतर बनाने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की प्रशंसा करते हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर अपुलिया में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान पीएम मोदी ने भारत-ब्रिटेन के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
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प्रधानमंत्री ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी मुलाकात की। मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा कि भारत, यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए उत्सुक है। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बैठक बहुत सार्थक रही।
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जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने इटली पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की। दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने रक्षा, एआई (कृत्रिम मेधा), महत्वपूर्ण तकनीक और अंतरिक्ष जैसे प्रमुख क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने जैसे मुद्दों पर चर्चा की। पीएम मोदी ने आगामी पेरिस ओलंपिक 2024 की मेजबानी के लिए राष्ट्रपति मैक्रों को शुभकामनाएं दीं।
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पीएम नरेंद्र मोदी ने पोस्ट कर बताया, “जी7 शिखर सम्मेलन में कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात हुई। मालूम हो कि पिछले साल दिल्ली जी20 शिखर सम्मेलन के बाद और ट्रूडो द्वारा कनाडाई संसद में निज्जर की हत्या में भारतीय संबंध का दावा करने के बाद यह पहली बार है कि दोनों पक्ष मिले हैं।
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अपुलिया में जी7 शिखर सम्मेलन के नेताओं का एक ग्रुप फोटो भी हुआ।
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जी7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में भाग लेने के लिए पीएम मोदी शुक्रवार को इटली के अपुलीया पहुंचे। रिकॉर्ड तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने के बाद यह प्रधानमंत्री की पहली विदेश यात्रा है।
जी7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी: प्रमुख बातें ये हैं-
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीएम मोदी और मैक्रों ने रक्षा, परमाणु, अंतरिक्ष, शिक्षा, जलवायु कार्रवाई, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, कनेक्टिविटी और संस्कृति सहित साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, दोनों नेता ‘मेक इन इंडिया’ पर अधिक ध्यान देने के साथ रणनीतिक रक्षा सहयोग को और तेज करने पर सहमत हुए।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऋषि सुनक के साथ पीएम मोदी की मुलाकात के दौरान नेताओं ने भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी, रक्षा क्षेत्र में औद्योगिक सहयोग बढ़ाने, व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने और बहुत कुछ के बारे में बात की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के अनुसार, पीएम मोदी और ज़ेलेंस्की ने “द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और यूक्रेन की स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया। पीएम ने बताया कि भारत बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान को प्रोत्साहित करना जारी रखता है।”
प्रधानमंत्री ने इसे “बहुत ही सार्थक बैठक” कहा और कहा कि “भारत यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए उत्सुक है”।
तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन शुक्रवार को विश्व नेताओं ने भारत-प्रशांत और आर्थिक सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा की। रूस-यूक्रेन संघर्ष गुरुवार को एजेंडे पर हावी रहा, जहां भारत ने “संवाद और कूटनीति” को सर्वोत्तम दृष्टिकोण के रूप में अपना रुख दोहराया है।
मेलोनी ने गुरुवार को जी7 नेताओं की बैठक में अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि ग्लोबल साउथ को एक मजबूत संदेश भेजने के लिए दक्षिणी इटली को आयोजन स्थल के रूप में चुना गया था। शुक्रवार की बातचीत में उन्होंने कहा, “हम इंडो-पैसिफिक पर अपने बढ़े हुए फोकस के महत्व पर चर्चा करेंगे।”
बता दें कि भारत जी7 शिखर सम्मेलन में ‘आउटरीच राष्ट्र’ के रूप में भाग ले रहा है। इटली ने एक आउटरीच देश के रूप में शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत को निमंत्रण दिया। यह G7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की लगातार पांचवीं भागीदारी है। भारत ने पिछले दस शिखर सम्मेलनों में भाग लिया है। G7 के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में, इटली यूरोपीय संघ के साथ-साथ कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, यूके और अमेरिका सहित सात प्रमुख उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के समूह की मेजबानी कर रहा है।
भारत के अलावा, इटली ने G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और भारत-प्रशांत क्षेत्र के 11 विकासशील देशों के नेताओं को आमंत्रित किया है। अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, जॉर्डन, केन्या और मॉरिटानिया की सरकारों के प्रमुख – अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष के रूप में, ट्यूनीशिया, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात शिखर सम्मेलन में भारत में शामिल होने वाले अन्य आउटरीच देशों में से हैं।