राजकोट में टीआरपी गेम जोन के मालिकों में से एक प्रकाश हिरेन की पिछले हफ्ते गेमिंग सेंटर में लगी भीषण आग में मौत की पुष्टि हो गई है। इस त्रासदी में बच्चों सहित 28 लोगों की जान चली गई थी। अधिकारियों ने डीएनए परीक्षण के माध्यम से प्रकाश हिरेन की पहचान की पुष्टि की है। घटनास्थल पर मिले अवशेषों से लिए गए नमूनों का प्रकाश की मां के डीएनए से मिलान किया गया, जिससे उनकी मृत्यु की पुष्टि हुई।
प्रकाश हिरेन टीआरपी गेम ज़ोन में प्रमुख शेयरधारक थे। आग लगने के समय के सीसीटीवी फुटेज में प्रकाश को घटनास्थल पर कैद किया गया, जो दुखद घटना के दौरान उसकी उपस्थिति के साक्ष्य की पुष्टि करता है।
इस बात का पता तब चला जब प्रकाश के भाई जितेंद्र हिरेन ने पुलिस थाने में एक शिकायत दायर की। उन्होंने बताया कि आग लगने के बाद प्रकाश से कोई संपर्क नहीं हुआ था, सभी फोन नंबर बंद थे और प्रकाश की कार आग लगने वाली जगह पर पाई गई थी।
जितेंद्र की शिकायत के बाद, पहचान प्रक्रिया में सहायता के लिए परिवार से डीएनए नमूने एकत्र किए गए। डीएनए विश्लेषण ने पुष्टि की कि प्रकाश वास्तव में उन पीड़ितों में से था जिनके अवशेष आग के बाद पाए गए थे।
गुजरात सरकार की विशेष जांच टीम राजकोट गेम जोन में आग लगने की घटना की जांच कर रही है। इस घटना से जुड़े 25 से अधिक लोगों से अब तक पूछताछ की गई है। साथ ही कई दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।
एसआईटी प्रमुख वरिष्ठ आईपीएस सुभाष त्रिवेदी ने बताया “राज्य सरकार ने हमें स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। जिससे सुनिश्चित किया जा सके कि किसी के साथ अन्याय न हो। उन्होंने बताया कि हमने प्रारंभिक जांच की है। खेल क्षेत्र से संबंधित सभी प्रासंगिक दस्तावेजों को जब्त किया जा चुका है। मामले में आगे की जांच की जा रही है।
इस बीच अवैध गेम जोन/प्ले जोन पर कार्रवाई करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने सभी पुलिस आयुक्तों/जिला एसपी को उन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है जो फायर एनओसी और अन्य वैध मंजूरी के बिना काम कर रहे हैं।
पुलिस ने गेम जोन में आग लगने के मामले में हिरन समेत छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
गुजरात पुलिस ने रेसवे एंटरप्राइजेज के पांच साझेदारों के साथ टीआरपी गेम ज़ोन चलाने वाले धवल कॉर्पोरेशन के मालिक धवल ठक्कर को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इस मामले में रेसवे एंटरप्राइजेज के पार्टनर युवराजसिंह सोलंकी और राहुल राठौड़ और गेम जोन मैनेजर नितिन जैन को भी गिरफ्तार किया है।
गुजरात सरकार ने आग त्रासदी के सिलसिले में सात अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश भी दिया है। राज्य के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि विशेष जांच दल द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। मंत्री ने कहा कि पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है और इसमें शामिल अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए 17 टीमें गठित की गई हैं।
जिन लोगों को निलंबित किया गया है उनमें राजकोट नगर निगम के नगर नियोजन विभाग के सहायक अभियंता जयदीप चौधरी, आरएमसी के सहायक नगर योजनाकार गौतम जोशी, राजकोट सड़क और भवन विभाग के उप कार्यकारी अभियंता एमआर सुमा और पारस कोठिया और पुलिस निरीक्षक वीआर पटेल और एनआई राठौड़ शामिल हैं।
मालूम हो कि बीते शनिवार शाम राजकोट के नाना-मावा इलाके में टीआरपी गेम जोन में आग लगने से बच्चों समेत 28 लोगों की मौत हो गई थी। राज्य सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिजन को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। केंद्र सरकार ने प्रत्येक मृत व्यक्ति के परिजनों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की है।