दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत की अवधि सात दिन बढ़ाने के अरविंद केजरीवाल के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई नहीं करेगा। अदालत की रजिस्ट्री ने आवेदन स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि चूंकि अरविंद केजरीवाल को नियमित जमानत के लिए निचली अदालत में जाने की छूट दी गई है, इसलिए याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।
केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मेडिकल ग्राउंड पर 7 दिन के लिए अंतरिम जमानत की अवधि को बढ़ाने की मांग की थी। केजरीवाल ने अपनी अर्जी में कहा कि जेल जाने के बाद अबतक 7 किलो उनका वजन घट गया है। इसके अलावे केजरीवाल ने अपनी याचिका में कहा है कि कीटोन लेबल भी काफी बढ़ा है। अर्जी में यह भी कहा गया है कि मेडिकल जांच करवाना है। उनका जांच मैक्स के डॉक्टरों ने की है और उन्हें गंभीर बीमारी के लक्षण हो सकते है। मुख्यमंत्री केजरीवाल को PET-CT स्कैन के साथ कई अन्य टेस्ट भी करवाने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपनी अंतरिम जमानत का उपयोग केवल चुनाव प्रचार के लिए किया है, और जिसके लिए उन्हें बहुत कम समय के दौरान दिल्ली और पूरे भारत में व्यापक रूप से यात्रा करनी पड़ी है। परिणामस्वरूप, स्वास्थ्य संबंधी चिंताजनक जटिलताओं के बावजूद, उनके पास मैक्स हॉस्पिटल के एक वरिष्ठ चिकित्सक द्वारा अपने घर पर स्वास्थ्य जांच कराने का ही समय था।
उनकी याचिका के अनुसार, उनके स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं और बढ़ते जोखिम संकेतकों को देखते हुए, उक्त वरिष्ठ डॉक्टर ने कई चिकित्सा परीक्षण निर्धारित किए हैं, जो आत्मसमर्पण करने से पहले किए जाने आवश्यक हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फिलहाल लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत पर जिसकी अवधि 1 जून को खत्म हो रही है। अब उन्हें 2 जून को सरेंडर करना होगा।
इससे पहले बुधवार को अदालत ने अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत बढ़ाने की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा था कि वह इस मामले को भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष रखेगी।
न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने केजरीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी के उस तत्काल उल्लेख पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री को कुछ चिकित्सा परीक्षण कराने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाए।
अवकाशकालीन पीठ ने जल्द सुनवाई से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि सीजेआई तय करेंगे कि कौन से बेंच सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस जेके महेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि इस मामले में फैसला सुरक्षित है। हम कुछ नहीं कर सकते, आप सीजेआई के पास जाइये। कोर्ट ने साफ कहा कि हम सूचीबद्ध करने को लेकर भी सुनवाई नहीं कर सकते है। जस्टिस जेके महेश्वरी ने केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी से यह भी कहा कि आपने जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच के समक्ष आवेदन क्यों नहीं मेंशन किया?
केजरीवाल को 10 मई को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दे दिया था और उन्हें 2 जून को सरेंडर करने को कहा था।
केजरीवाल ने अपनी अर्जी में कहा था कि जेल जाने के बाद अबतक 7 किलो उनका वजन घट गया है। इसके अलावे केजरीवाल ने अपनी अर्जी में यह भी कहा था कि कीटोन लेबल भी काफी बढ़ा है। अर्जी में कहा था कि मेडिकल जांच करवाना है। उनका जांच मैक्स के डॉक्टरों ने की है और उन्हें गंभीर बीमारी के लक्षण हो सकते है। मुख्यमंत्री केजरीवाल को PET-CT स्कैन के साथ कई अन्य टेस्ट भी करवाने की जरूरत है।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को पीएमएलए मामले में ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। इससे पहले ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए 9 बार समन जारी किया थे। हालांकि, केजरीवाल किसी भी समान पर पेश नही हुए थे।