सुप्रीम कोर्ट की एक अवकाश पीठ ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर आगे के निर्देश के लिए मामले को भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के पास भेज दिया। आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो ने चिकित्सा आधार पर अपनी अंतरिम जमानत की अवधि सात दिन बढ़ाने की मांग की है। उनकी अंतरिम जमानत की अवधि 1 जून को समाप्त होने वाली है।
10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को रिहा करने का आदेश दिया था। अदालत ने लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए उनकी अंतरिम जमानत याचिका को मंजूरी दी थी। केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने शराब नीति मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।
न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने केजरीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी के उस तत्काल उल्लेख पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री को कुछ चिकित्सा परीक्षण कराने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाए।
अवकाशकालीन पीठ ने जल्द सुनवाई से यह कहते हुए इंकार कर दिया है कि सीजेआई तय करेंगे कि कौन से बेंच सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस जेके महेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि इस मामले में फैसला सुरक्षित है। हम कुछ नहीं कर सकते, आप सीजेआई के पास जाइये। कोर्ट ने साफ कहा कि हम सूचीबद्ध करने को लेकर भी सुनवाई नहीं कर सकते है। जस्टिस जेके महेश्वरी ने केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी से यह भी कहा कि आपने जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच के समक्ष आवेदन क्यों नहीं मेंशन किया।
केजरीवाल ने अपनी अर्जी में कहा है कि जेल जाने के बाद अबतक 7 किलो उनका वजन घट गया है। इसके अलावे केजरीवाल ने अपनी याचिका में कहा है कि कीटोन लेबल भी काफी बढ़ा है। अर्जी में यह भी कहा गया है कि मेडिकल जांच करवाना है। उनका जांच मैक्स के डॉक्टरों ने की है और उन्हें गंभीर बीमारी के लक्षण हो सकते है। मुख्यमंत्री केजरीवाल को PET-CT स्कैन के साथ कई अन्य टेस्ट भी करवाने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपनी अंतरिम जमानत का उपयोग केवल चुनाव प्रचार के लिए किया है, और जिसके लिए उन्हें बहुत कम समय के दौरान दिल्ली और पूरे भारत में व्यापक रूप से यात्रा करनी पड़ी है। परिणामस्वरूप, स्वास्थ्य संबंधी चिंताजनक जटिलताओं के बावजूद, उनके पास मैक्स हॉस्पिटल के एक वरिष्ठ चिकित्सक द्वारा अपने घर पर स्वास्थ्य जांच कराने का ही समय था।
उनकी याचिका के अनुसार, उनके स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं और बढ़ते जोखिम संकेतकों को देखते हुए, उक्त वरिष्ठ डॉक्टर ने कई चिकित्सा परीक्षण निर्धारित किए हैं, जो आत्मसमर्पण करने से पहले किए जाने आवश्यक हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फिलहाल लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत पर जिसकी अवधि 1 जून को खत्म हो रही है। 2 जून को उन्हें सरेंडर करना है।
10 मई को उनकी अंतरिम जमानत याचिका को मंजूरी देते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री को 2 जून को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था और साथ ही कहा, “हमें कोई समानता नहीं निकालनी चाहिए। उन्हें मार्च में गिरफ्तार किया गया था और गिरफ्तारी पहले या बाद में हो सकती थी। अब, 21 दिन बाद कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 2 जून को अरविंद केजरीवाल सरेंडर कर देंगे।”
अंतरिम जमानत दिशानिर्देशों के तहत, केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय या यहां तक कि दिल्ली सचिवालय भी नहीं जा सकते। उनसे मामले के बारे में टिप्पणी न करने या किसी गवाह से बातचीत न करने को भी कहा गया है।