पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के नेता पशुपति पारस विपक्षी इंडिया गुट के संपर्क में हैं।मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में पारस ने कहा कि मैंने केंद्रीय मंत्री के रूप में अपना इस्तीफा दे दिया है। हमारी पार्टी को सीट बंटवारे में अन्याय का सामना करना पड़ा।
पारस ने कहा, “5-6 दिन पहले मैंने प्रेस वार्ता में कहा था कि मैं तब तक इंतजार करूंगा जब तक NDA सीटों की घोषणा नहीं करती। मैंने बहुत ईमानदारी से NDA की सेवा की। पीएम नरेंद्र मोदी देश के बड़े नेता हैं, लेकिन हमारी पार्टी और व्यक्तिगत रूप से हमारे साथ नाइंसाफी हुई। इसलिए मैं केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देता हूं।”
पशुपति पारस, जो दिवंगत राम विलास पासवान के भाई हैं, इस बात से नाराज थे कि भाजपा ने बिहार में एनडीए ब्लॉक के सीट-बंटवारे समझौते में उनकी पार्टी को कोई सीट आवंटित नहीं की। भाजपा ने राम विलास पासवान के बेटे और पशुपति पारस के भतीजे चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को पांच सीटें दीं हैं।
पशुपति पारस के केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेज प्रताप यादव ने कहा, “अगर पशुपति पारस आते हैं तो हम महागठबंधन में उनका स्वागत करेंगे। बीजेपी ने उनके साथ ठीक नहीं किया।”
RJD नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “भाजपा का यह चरित्र रहा है कि-मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं। पशुपति पारस के साथ उन्होंने वो ही किया जो इससे पहले भी सहयोगियों के साथ किया है। पहले चिराग पासवान की पार्टी को तोड़ा और अब चिराग पासवान को अपने साथ लाए और चाचा को सड़क पर छोड़ दिया। महागठबंधन में सीट बंटवारे का फार्मूला अंतिम दौर में है और जल्द इसकी घोषणा कर दी जाएगी।”
सूत्रों के मुताबिक पशुपति पारस हाजीपुर समेत बिहार की कई लोकसभा सीटों पर अपना दावा ठोक रहे थे।
पारस ने घोषणा की थी कि वह हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे, जो उनके और चिराग पासवान के बीच विवाद का विषय रहा है। उनके अलग हो चुके भतीजे ने संकेत दिया था कि उनकी पार्टी इस सीट से चुनाव लड़ेगी।
अंत में बीजेपी ने हाजीपुर सीट एलजेपी (रामविलास) को दे दी, जिससे पारस और नाराज हो गए।
लोक जनशक्ति पार्टी, जिसका नेतृत्व राम विलास पासवान ने किया था, 2020 में उनके निधन के बाद दो भागों में विभाजित हो गई। उनके भाई पारस राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) का नेतृत्व करते हैं और उनके बेटे चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का नेतृत्व करते हैं।