मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार ने भारी विरोध का सामना करने के बाद उस अधिसूचना को वापस ले लिया, जिसमें दिवाली और छठ पूजा के दौरान सितंबर और दिसंबर के बीच स्कूल की छुट्टियों की संख्या 23 से घटाकर 11 कर दी गई थी। यह घोषणा तब हुई जब बिहार में शिक्षक संघों ने 5 सितंबर से राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने की धमकी दी। लगभग 15 शिक्षक संघों ने सर्वसम्मति से त्योहार की छुट्टियों की संख्या कम करने के विभाग के हालिया फैसले के खिलाफ विरोध करने का फैसला किया। राज्य शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी हालिया अधिसूचना में कहा गया है कि 29 अगस्त को जारी संशोधित अवकाश कटौती अधिसूचना तत्काल प्रभाव से वापस ले ली गई है।
Bihar Education Department withdraws the notice of reducing the number of festive holidays in government schools from 23 to 11 between September to December. pic.twitter.com/MtMXnZzmSh
— ANI (@ANI) September 5, 2023
इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव की ओर से आदेश जारी किया गया। विभागीय आदेश में कहा गया है कि राजकीय, राजकीयकृत प्रारंभिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों हेतु निर्गत अवकाश तालिका को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है।
वहीं इस मामले पर RJD नेता शिवानंद तिवारी ने कहा, “यह तो सरकार का फैसला है। सरकार को लगा होगा कि पुर्नविचार करने की ज़रूरत है तो उन्होंने किया। उन छुट्टियों में विश्वकर्मा पूजा भी है, विश्वकर्मा हमारे धर्म में महान इंजीनीयर माने जाते हैं लेकिन उसके लिए स्कूल की पढ़ाई 1 दिन बंद करने का क्या तर्क है? अब जन्माष्टमी में बच्चे तो उपवास करते नहीं है, 1-2 शिक्षक करते होंगे तो उन्हें छुट्टी दें। बच्चों के पढ़ाई के दिन में कटौती का समर्थन वही आदमी कर सकता है जिसे बच्चों की पढ़ाई से कोई मतलब नहीं हो।”
#WATCH | Bihar: This is the government's decision. They must have thought to rethink their earlier decision: RJD leader Shivanand Tiwari on Bihar Education Department withdrawing the notice of reducing the number of festive holidays in government schools pic.twitter.com/s3Bu4iAPaJ
— ANI (@ANI) September 5, 2023
इससे पहले शिक्षा का अधिकार अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित करने और राज्य भर के प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में कार्य दिवसों की संख्या को अधिकतम करने के लिए राज्य शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में एक विशेष अवकाश कैलेंडर लाया गया था।
जारी अधिसूचना के अनुसार विभाग ने त्योहारी छुट्टियों की संख्या घटाकर 11 कर दी थी, जो सितंबर से दिसंबर के बीच 23 थीं। तब विभाग ने दुर्गापूजा सहित अन्य पर्व-त्योहारों की छुट्टियों में कटौती कर दी थी, उस समय भी छुट्टियों में संशोधन से संबंधित आदेश माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव के हस्ताक्षर से जारी किया गया था। इसके मुताबिक छह सितंबर से 25 दिसंबर के बीच छुट्टियों में कटौती करके मात्र 11 दिन ही स्कूलों में अवकाश की घोषित किया गया था।
छह सितंबर को चेहल्लुम, 28 सितंबर को अंनत चतुर्दशी एवं हजरत मोहम्मद साहब का जन्मदिवस, दो अक्टूबर को गांधी जयंती, 22-24 अक्टूबर को दुर्गा पूजा, 12 नवंबर को दीवाली, 15 नवंबर को चित्रगुप्त पूजा व भैयादूज, 19-20 नवंबर को छठ तथा 25 दिसंबर को क्रिसमस की छुट्टी घोषित की गई थी।
नोटिस में राज्य भर में छुट्टियों के कार्यक्रम में एकरूपता लाने की भी मांग की गई थी। हालांकि जिला शिक्षा अधिकारी विभाग से पूर्व अनुमोदन के साथ अतिरिक्त छुट्टियां घोषित करने का अधिकार दिया गया था।
इस फैसले से विवाद खड़ा हो गया था क्योंकि कुछ शिक्षकों ने तर्क दिया कि छुट्टियां रद्द होने के बावजूद उपस्थिति कम होगी, लेकिन फिर भी उन्हें पढ़ाना होगा। इस आलोचना का जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने पूछा था कि “बच्चों को शिक्षित करने” में क्या गलत है? उन्होंने कहा था कि वह शिक्षा का समर्थन करते हैं और यह कदम केवल यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि बच्चों को समय पर पढ़ाया जाए।