केरल विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पास किया है जिसमें केंद्र से भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची और सभी आधिकारिक रिकॉर्ड में राज्य का नाम बदलकर ‘केरलम’ करने का आग्रह किया गया है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया क्योंकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ विपक्ष ने इसमें कोई संशोधन या संशोधन का सुझाव नहीं दिया।
Kerala CM Pinarayi said in the Assembly today, "A resolution under Rule 118 is being moved in this House requesting the Central Government to change the official name of our state to 'Keralam' in all languages included in the Eighth Schedule of the Constitution of India."
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— ANI (@ANI) August 9, 2023
अब नाम बदलने की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी गई है। वहां से सहमति मिलने के बाद ही राज्य का नाम बदला जाएगा। केंद्र की सहमति नहीं होने पर नाम नहीं बदला जाएगा। केरल से पहले पश्चिम बंगाल विधानसभा भी राज्य का नाम बदलने की सिफारिश कर चुकी है। पिछले साल उन्होंने पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर बांग्ला करने का अनुरोध केंद्र सरकार से किया था। केंद्र ने उनके अनुरोध को खारिज कर दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मलयालम भाषा में राज्य का नाम “केरलम” है। उन्होंने कहा, “1 नवंबर 1956 को भाषा के आधार पर राज्यों का गठन किया गया था। राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के समय से ही मलयालम भाषी समुदायों के लिए एक संयुक्त केरल बनाने की आवश्यकता दृढ़ता से उभर रही है। लेकिन हमारे राज्य का नाम संविधान की पहली अनुसूची में केरल के रूप में लिखा गया है।”
उन्होंने कहा, “यह विधानसभा सर्वसम्मति से केंद्र सरकार से संविधान के अनुच्छेद 3 के तहत इसे केरलम के रूप में संशोधित करने के लिए तत्काल कदम उठाने का अनुरोध करती है। यह सदन भी अनुरोध करता है कि हमारी भूमि का नाम संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित सभी भाषाओं में ‘केरलम’ रखा जाए।”