भारत और चीन के बीच चल रहे सैन्य गतिरोध को हल करने के लिए दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) सेक्टर में मेजर जनरल स्तर की वार्ता हुई। भारत और चीन के मेजर जनरलों ने पिछले तीन वर्षों से दोनों पक्षों के बीच चल रहे गतिरोध को हल करने के लिए डीबीओ सेक्टर में बातचीत की। दोनों देशों के मेजर जनरल स्तर के अधिकारियों ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा हालात सहित कई मुद्दो पर चर्चा की।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, यह वार्ता रूटीन बातचीत का हिस्सा थी, जो दोनों पक्षों द्वारा पूर्वी लद्दाख सेक्टर में कोर कमांडर स्तरीय वार्ता के 18वें दौर के आयोजन के कुछ सप्ताह बाद हुई।
मालूम हो कि वर्ष 2020 में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारतीय चौकियों पर चीनी आक्रामकता के चलते नया गतिरोध शुरू हुआ था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच इस क्षेत्र में भारी तनाव देखा गया था। इस गतिरोध के तीन साल बीत जाने के बाद भी वहां हालात पूरी सामान्य नहीं हुए हैं।
पिछले महीने भारत और चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ मुद्दों को हल करने के लिए पूर्वी लद्दाख सेक्टर में कोर कमांडर वार्ता के 18वें दौर का आयोजन किया था। जबकि भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल रशीम बाली ने किया था, उसी रैंक के एक अधिकारी ने स्थानीय थिएटर कमांड से चीनी पक्ष से वार्ता का नेतृत्व किया था।
यह बैठक महत्वपूर्ण थी क्योंकि यह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक से ठीक पहले हुई थी। एससीओ बैठक में चीनी रक्षा मंत्री ली शांगफू ने भी भाग लिया था और दोनों पक्षों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की थी।
बातचीत के अलावा दोनों पक्ष अपनी-अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए उच्च पर्वतीय सीमाओं में बुनियादी ढांचे के विकास में भी तेजी से निवेश कर रहे हैं। समझा जाता है कि भारत और चीन ने वार्ता में डेपसांग के मैदानों और डेमचोक के तनाव कम करने और विरासत के मुद्दों पर चर्चा की।
सूत्रों के मुताबिक, भारत और चीन पिछले दौर की वार्ता के दौरान चर्चा में आए कुछ मुद्दों को सुलझाने में सफल रहे हैं।