केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार, बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान को ड्रग्स मामले में अपने बेटे आर्यन खान को बचाने के लिए 25 करोड़ रुपये का भुगतान करने की धमकी दी गई थी। स्वतंत्र गवाह ने कथित तौर पर एनसीबी के तत्कालीन जोनल निदेशक समीर वानखेड़े की ओर से शाहरुख खान से 25 करोड़ रुपये वसूलने की कोशिश की। समीर वानखेड़े को सीबीआई की प्राथमिकी में आरोपी नंबर एक के रूप में नामित किया गया है। केपी गोसावी वही व्यक्ति है जिसकी आर्यन खान के साथ सेल्फी वायरल हुई थी।
सीबीआई ने 2008 बैच के आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े, एनसीबी के अधीक्षक वीवी सिंह और आर्यन खान ड्रग्स मामले में तत्कालीन जांच अधिकारी आशीष रंजन को केपी गोसावी और उनके सहयोगी डिसूजा के साथ मामले में आरोपी बनाया है। सीबीआई के मुताबिक, वानखेड़े और अन्य ने आर्यन खान को ड्रग भंडाफोड़ मामले में नहीं फंसाने के लिए कथित तौर पर 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी।
पति को भ्रष्टाचार में घिरते और सीबीआई का शिकंजा कसते देख उनकी पत्नी क्रांति रेडकर वानखेड़े ने कहा, “सभी जानते हैं कि उन पर लगाए जा रहे आरोप गलत हैं। ये सिर्फ आरोप हैं और हम सीबीआई की कार्यवाही में पूरा सहयोग कर रहे हैं। हमें कानून-व्यवस्था पर भरोसा है, और हम एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में जांच एजेंसी के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं।”
Everyone knows that the allegations being levelled against him are wrong. These are just allegations and we are fully cooperating in the CBI proceedings. We have faith in law and order, and we are ready to cooperate with the investigating agency as a responsible citizen: Kranti… https://t.co/tBUZK1Opkc pic.twitter.com/veeCvVFrIt
— ANI (@ANI) May 15, 2023
सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है- “समीर वानखेड़े ने NCB के तत्कालीन जोनल निदेशक के रूप में और तत्काल पर्यवेक्षी अधिकारी की क्षमता में केपी गोसावी और प्रभाकर सेल को आरोपी के खिलाफ कार्यवाही में स्वतंत्र गवाह के रूप में लेने का निर्देश दिया था और वी.वी. सिंह ने केपी गोसावी को एनसीबी कार्यालय ले जाते समय आरोपी को संभालने दिया और इस तरह केपी गोसावी और अन्य को खुली छूट दी ताकि केपी गोसावी के पास आरोपी की कस्टडी होने और उसे एनसीबी मुंबई कार्यालय की ओर ले जाने और घसीटने की ऐसी दृश्य धारणा बनाई जा सके।”
प्राथमिकी के अनुसार, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के विशेष जांच दल (एसईटी) द्वारा की गई जांच से पता चला है कि आरोपी व्यक्तियों (आर्यन खान सहित) को स्वतंत्र गवाह के पी गोसावी के निजी वाहन में एनसीबी कार्यालय लाया गया था।
प्राथमिकी में आगे कहा गया है कि, “ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी व्यक्तियों के आसपास स्वतंत्र गवाह केपी गोसावी की उपस्थिति जानबूझकर इस तरह से बनाई गई थी ताकि यह आभास दिया जा सके कि केपी गोसावी एक NCB कर्मी थे, जबकि आरोपी व्यक्तियों की हिरासत को संभालने के लिए NCB कर्मी थे। स्वतंत्र गवाह केपी गोसावी को आरोपी व्यक्तियों के साथ उपस्थित होने की अनुमति दी गई थी और यहां तक कि छापेमारी के बाद एनसीबी कार्यालय में आने की अनुमति दी गई थी, जो एक स्वतंत्र गवाह के लिए मानदंडों के खिलाफ है।”
आर्यन खान के साथ केपी गोसावी की सेल्फी वायरल हो गई थी जिसे उन्होंने तब क्लिक किया था जब आर्यन एनसीबी अधिकारियों की हिरासत में थे। सीबीआई की प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया है कि के पी गोसावी के पास आजादी थी, उन्होंने सेल्फी क्लिक की और आर्यन खान का वॉयस नोट रिकॉर्ड किया।
FIR में आगे लिखा है- “यह वह स्थिति थी जिसने केपी गोसावी और उनके सहयोगी सनविल डिसूजा को अन्य लोगों के बीच कथित आरोपी आर्यन खान के परिवार के सदस्यों से 25 करोड़ रुपये की राशि वसूलने की साजिश रचने की अनुमति दी और उन्हें नारकोटिक्स पदार्थों के कब्जे के अपराधों की आरोप लगाने की धमकी दी। यह राशि आखिरकार 18 करोड़ रुपये में तय हुई। रिश्वत के रूप में 50 लाख रुपये की टोकन राशि केपी गोसावी और उनके सहयोगी सनविले डिसूजा ने भी ली थी, लेकिन बाद में 50 लाख रुपये की इस राशि का एक हिस्सा उनके द्वारा वापस कर दिया गया था।”
NCB द्वारा की गई आंतरिक जांच में स्वतंत्र रूप से समीर वानखेड़े और आशीष रंजन के आपराधिक कदाचार और भ्रष्ट आचरण के आरोपों का खुलासा हुआ है, जो उनकी घोषित आय के अनुसार उनकी अर्जित संपत्ति को पर्याप्त रूप से उचित नहीं ठहरा सके।
प्राथमिकी में यह भी कहा गया है कि NCB की सतर्कता शाखा ने पाया है कि समीर वानखेड़े ने अपनी विदेश यात्राओं के बारे में ठीक से नहीं बताया है और जाहिर तौर पर अपनी विदेश यात्राओं पर हुए खर्च को गलत बताया है।
सतर्कता रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई द्वारा प्रारंभिक जांच के बाद वानखेड़े के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। विजिलेंस जांच के दौरान यह पाया गया कि समीर वानखेड़े ने भ्रष्टाचार के जरिए संपत्ति अर्जित की। सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज करने के बाद इस मामले में समीर वानखेड़े के घर और कार्यालय सहित 30 परिसरों पर छापेमारी भी की।