मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका से लाई गई और रखी गई एक मादा चीता, पार्क के अंदर अन्य चीतों के साथ लड़ाई में मारी गई। इस मादा चीता का नाम दक्षा था। रिपोर्ट के मुताबिक नर चीता फिंडा, वायु और अग्नि से मादा चीता दक्षा और धीरा की लड़ाई हुई थी। इसी में दक्षा की मौत हो गई। दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए ये तीसरे चीते की मौत है। इसकी पुष्टि पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ जसवीर सिंह चौहान ने की।
MP| A female Cheetah Daksha, brought from South Africa has died in Kuno National Park. This is the 3rd death so far: MP Chief Conservator of Forest JS Chauhan pic.twitter.com/dQp5V0f1Ek
— ANI (@ANI) May 9, 2023
पिछले साल से अब तक बीस चीतों को राष्ट्रीय उद्यान में लाया गया था, जिनमें से दो की मार्च और अप्रैल में मौत हो गई थी। ‘साशा’ की मार्च में गुर्दे की बीमारी से मृत्यु हो गई थी। वह भारत लाए जाने से पहले से पीड़ित थी। 23 जनवरी को उसने थकान और कमजोरी के लक्षण दिखाए, जिसके बाद अधिकारियों ने उसे शांत किया और इलाज के लिए उसे एक अलग बाड़े में स्थानांतरित कर दिया था। अप्रैल में दूसरे चीता ‘उदय’ की राष्ट्रीय उद्यान में बीमार पाए जाने के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
दक्षा की मृत्यु पर मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह ने कहा कि, “अगर 1-2 की मृत्यु हुई है तो 4 अन्य (चीतों) ने जन्म भी लिया है। यह मृत्यु जानवरों की आपसी लड़ाई की वजह से हुई है और यह सामान्य बात है। दो पुरुष और एक मादा चीता के बीच लड़ाई हुई थी जिसकी वजह से वह घायल हुई। यह सामान्य घटना है। हम कब तक किसी को मरने नहीं दे सकते? बाघ की सामान्य उम्र 8-10 साल होती है।”
नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क में 20 चीते लाए गए थे जिसमें अब 17 बचे हैं। अप्रैल महीने में क्वारंटाइन पीरियड पूरा होने के बाद अफ्रीकी चीतों को बडे़ बाडे़ से खुले जंगल में रिलीज कर दिया गया था।
इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने कहा था कि पांच चीतों – तीन मादा और दो नर – जून में मानसून की शुरुआत से पहले कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) में अनुकूलता शिविरों से स्वतंत्र परिस्थितियों में छोड़े जाएंगे। नामीबिया से लाए गए आठ चीतों में से अब तक चार को केएनपी में बाड़ अनुकूलन शिविरों से मुक्त-परिस्थितियों में छोड़ा गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल सितंबर में मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को एक विशेष बाड़े में छोड़ा था। चीतों को विशेष विमान से नामीबिया से ग्वालियर लाया गया था। इन्हें बाद में भारतीय वायु सेना के दो हेलीकॉप्टरों में राष्ट्रीय उद्यान में ले जाया गया था। भारत ने फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीतों का स्वागत किया। कुनो नेशनल पार्क ले जाने से पहले चीतों का दूसरा जत्था ग्वालियर में वायु सेना स्टेशन पर उतरा था।