मणिपुर के बिष्णुपुर और चुराचांदपुर में ताजा हिंसा की सूचना के बाद पूरे राज्य में इंटरनेट सेवाएं अगले पांच दिनों के लिए निलंबित कर दी गईं है। अधिकारियों ने चुराचांदपुर और बिष्णुपुर जिलों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत कर्फ्यू भी लागू कर दी है।
बिष्णुपुर जिले के पूरे अधिकार क्षेत्र में पांच या अधिक व्यक्तियों की सभा, जो गैरकानूनी होने की संभावना है, और वैध लाइसेंस के बिना लाठी, पत्थर, आग्नेयास्त्र ले जाने, हथियार या किसी भी विवरण की वस्तुओं को आपत्तिजनक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध रहेगा। बिष्णुपुर के जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि “शांति भंग, सार्वजनिक शांति में खलल और मानव जीवन और संपत्तियों के लिए गंभीर खतरे” को रोकने के लिए उपाय लागू किए गए हैं।
चुराचांदपुर जिला प्रशासन ने आदेश जारी करते हुए कहा कि चुराचांदपुर जिले के राजस्व अधिकार क्षेत्र, विशेष रूप से कांगवाल, तुइबोंग और चौराचांदपुर अनुमंडल में तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक कर्फ्यू लगाया जाता है। चुराचांदपुर के जिलाधिकारी ने शांति भंग की संभावना, सार्वजनिक शांति भंग, मानव जीवन और सार्वजनिक संपत्तियों को गंभीर खतरे का हवाला देते हुए आदिवासी बहुल जिले में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
इससे पहले बुधवार को विरोध करने के लिए छात्रों के एक संगठन की ओर से निकाले गए आदिवासी एकता मार्च में हजारों लोग शामिल हुए। संगठन ने राज्य के सभी दस पहाड़ी जिलों के लोगों से मार्च में शामिल होने का आह्वान किया था। ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) ने कहा कि मैतेई समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग जोर पकड़ रही है, जिसके खिलाफ उसने मार्च निकाला है।
मालूम हो कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के चुराचंदपुर जिले में होने वाले कार्यक्रम स्थल पर भीड़ द्वारा तोड़फोड़ और आग लगाने के कई दिनों बाद भी कई इलाकों में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। आरक्षित वन क्षेत्रों से कुकी ग्रामीणों को बेदखल करने को लेकर चुराचांदपुर जिले के न्यू लमका कस्बे में विरोध और आगजनी के बाद जिले में तनाव व्याप्त है।