केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियां जासूसी के आरोपों का सामना कर रहे कतर में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर करीब से नजर रख रही हैं। मामले से परिचित सूत्रों ने कहा कि भारतीय एजेंसियां उन आठ लोगों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही हैं, जो कतर के सशस्त्र बलों को प्रशिक्षण और अन्य सेवाएं प्रदान करने वाली एक निजी फर्म दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए काम कर रहे थे।
एक रिपोर्ट के अनुसार उन्हें पिछले साल के अगस्त महीने से कतर में हिरासत में रखा गया है और हाल ही में उन पर देश के पनडुब्बी कार्यक्रम की जासूसी करने का आरोप लगाया गया था।
सूत्रों ने बताया कि भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों द्वारा फंसाए जाने की संभावना है। पूर्व अधिकारी भी अपने पूर्व संगठन के परिचितों के संपर्क में थे।
सूत्रों ने कहा कि महीनों पुराने मामले को अब भारतीय एजेंसियों द्वारा उच्चतम संभव स्तर पर उठाया गया है, लेकिन कतर की सरकार ने इस मुद्दे पर कोई पॉजिटिव संकेत नहीं दिया है।
हिरासत में लिए गए भारतीयों में कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर नवतेज सिंह गिल, कमांडर बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनकर पाकला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ और कैप्टन राजेश गोपकुमार शामिल हैं।