गृह मंत्रालय ने विदेशी फंडिंग मानदंडों के कथित उल्लंघन को लेकर ऑक्सफैम इंडिया के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच की सिफारिश की है। ऑक्सफैम इंडिया ऑक्सफैम ग्रुप के बैनर तले गैर सरकारी संगठनों के एक वैश्विक संघ का एक हिस्सा है। ऑक्सफैम इंडिया पर आरोप है कि उसने विदेशी योगदान (विनियमन) संशोधन अधिनियम 2020 लागू होने के बावजूद विभिन्न संस्थाओं को विदेशी योगदान हस्तांतरित करना जारी रखा। इसने कथित तौर पर एफसीआरए, 2010 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए अन्य गैर सरकारी संगठनों को धन हस्तांतरित किया।
मालूम हो कि विदेशी योगदान (विनियमन) संशोधन अधिनियम 2020 इस तरह के हस्तांतरण को प्रतिबंधित करता है।
2021 में जब गृह मंत्रालय ने इसके FCRA लाइसेंस को रिन्यू करने से इनकार कर दिया तो ऑक्सफैम की विदेशी फंडिंग ब्लॉक हो गई थी। विदेशी फंडिंग नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए लाइसेंस रद्द कर दिया गया था।
पिछले साल सितंबर में, आयकर विभाग ने संगठन द्वारा प्राप्त धन में कथित एफसीआरए उल्लंघन को लेकर ऑक्सफैम के दिल्ली कार्यालय में एक सर्वेक्षण किया था।
सूत्रों ने कहा कि आईटी सर्वेक्षण के दौरान मिले ईमेल से पता चला था कि, ऑक्सफैम इंडिया अन्य एफसीआरए-पंजीकृत संगठनों को धन भेजकर या लाभकारी परामर्श मार्ग के जरिए से एफसीआरए के प्रावधानों को दरकिनार करने की कथित तौर पर योजना बना रहा था। इस सर्वेक्षण ने ऑक्सफैम इंडिया को विदेशी संगठनों या इकाइयों की विदेश नीति के एक संभावित साधन के रूप में ‘उजागर’ किया, जिन्होंने वर्षों से संगठन को उदारतापूर्वक वित्त पोषित किया।
ऑक्सफैम इंडिया ने कथित रूप से कमीशन के रूप में अपने सहयोगियों और कर्मचारियों के माध्यम से सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) को धन भेजा।
बता दें कि ऑक्सफैम इंडिया सामाजिक गतिविधियों को चलाने के लिए पंजीकृत है। ऑक्सफैम इंडिया के टीडीएस डेटा से भी परिलक्षित होता है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में धारा 194जे के तहत सीपीआर को 12,71,188/- रुपये का भुगतान किया गया है। ऑक्सफैम इंडिया ने लगभग 1.5 करोड़ रुपये की राशि का विदेशी योगदान प्राप्त किया, लेकिन ऑक्सफैम इंडिया ने यह राशि अपने एफसीआरए खाते की बजाय सीधे अपने एफसी उपयोग खाते में प्राप्त की।
बता दें कि FCRA एक्ट 2020 इस तरह के पैसों को ट्रांसफर करने से बैन करता है। इस एक्ट में संशोधन 29 सितंबर, 2020 को लागू हुआ था। लेकिन ऑक्सफैम इंडिया ने इसके बावजूद भी एफसीआरए के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए अन्य फंड ट्रांसफर किया।