आबकारी नीति मामले में पांच दिन की सीबीआई हिरासत में चल रहे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया है। साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी के बाद करीब एक साल से जेल में बंद उनके कैबिनेट सहयोगी सत्येंद्र जैन ने भी इस्तीफा दे दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनके इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं।
अगर दो साल या उससे अधिक की जेल की सजा सुनाई जाती है, तो सिसोदिया और जैन अपनी सीट खो सकते हैं और छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।
सिसोदिया को राष्ट्रीय राजधानी में 2021-22 के लिए अब रद्द की जा चुकी शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। तो वहीं सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल मई में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया था।
सिसोदिया दिल्ली के उपमुख्यमंत्री थे और उनके पास 18 मंत्रालय का कामकाज था जिनमें शिक्षा, वित्त, योजना, भूमि और भवन, सेवाएं, पर्यटन, कला-संस्कृति और भाषा, जागरूकता, श्रम और रोजगार, लोक निर्माण विभाग के अलावा स्वास्थ्य, उद्योग, बिजली, गृह, शहरी विकास, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण व जल विभाग जैसे मंत्रालय शामिल थे। जैन दिल्ली के स्वास्थ्य और जेल मंत्री थे।
इस बीच सूत्रों से खबर है कि वित्त और शिक्षा सहित मनीष सिसोदिया के मंत्रालय कैलाश गहलोत और राज कुमार आनंद को दिए जा सकते हैं। इन दोनों के मंत्रियों के इस्तीफे से पहले, दिल्ली सरकार में कुल छह मंत्री थे। गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और राज कुमार आनंद अन्य मंत्री हैं।