त्रिपुरा में 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए गुरुवार को भारी मतदान हुआ है। मतदान का प्रतिशत 81% से अधिक रहा है। अंतिम आंकड़े आने के बाद यह संख्या और बढ़ सकती है। वोटों की गिनती दो मार्च को होगी। आज के मतदान के दौरान हिंसा की छिटपुट घटनाएं भी हुई। मतदान के दौरान हिंसा की अलग-अलग घटनाओं में माकपा के एक नेता और वामपंथी पार्टी के दो पोलिंग एजेंटों सहित कम से कम तीन लोग घायल हो गए। 40-45 जगहों पर ईवीएम खराब होने की सूचना मिली। विपक्ष के नेता माणिक सरकार ने आरोप लगाया कि ‘भाजपा की ओर से बदमाश’ लोगों को मतदान करने से रोकने के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं। टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत देबबर्मा ने भी सत्तारूढ़ पार्टी को दोषी ठहराया।
इस बीच मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने त्रिपुरा कांग्रेस और भाजपा को नोटिस भेजा है। इसमें कहा गया है कि आचार संहिता लागू होने के बाद भी राजनीतिक पार्टियों ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से अपने दलों के पक्ष में वोट की अपील की है ।
राज्य में इस बार के चुनाव में बीजेपी-आईपीएफटी, सीपीआई(एम)-कांग्रेस गठबंधन और नए खिलाड़ी टिपरा मोथा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। त्रिपुरा में सत्ता बरकरार रखने की कोशिश कर रही बीजेपी 55 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। माकपा 47 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस के पास 13 सीटों पर उम्मीदवार हैं। पूर्व शाही परिवार के वंशज प्रद्योत देबबर्मा के नेतृत्व वाली टिपरा मोथा के पास 42 सीटों पर उम्मीदवार हैं। तृणमूल कांग्रेस ने 28 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।
चुनाव आयोग ने कहा है कि त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में अब तक कुल 147 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती दर्ज की गई है। पोल पैनल ने कहा, “3 राज्यों में रिकॉर्ड की गई बरामदगी 2018 के विधानसभा चुनावों की तुलना में 20 गुना अधिक है।”
Enthusiastic voting continues across 60 ACs in #TripuraElections2023. 20 fold increase in seizures marks increased focus on expenditure monitoring in poll going States of Tripura, Nagaland and Meghalaya https://t.co/paVC9J3EqI pic.twitter.com/kYjXObvLry
— Spokesperson ECI (@SpokespersonECI) February 16, 2023
गुरुवार को राज्य के 3337 मतदान केंद्रों पर सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हुई। चुनाव के नतीजे 2 मार्च को आएंगे। 60 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए अलग-अलग पार्टियों के 259 उम्मीदवार मैदान में हैं। इन मतदान केंद्रों में से 1,100 की पहचान संवेदनशील और 28 की अति संवेदनशील के रूप में की गई। इन चुनावों में 13.53 लाख महिलाओं समेत कुल 28.13 लाख मतदाताओं ने वोट डाला।
बता दें कि इस बार के चुनाव में प्रचार के दौरान जहां बीजेपी ने पिछले पांच वर्षों में पूर्वोत्तर राज्य में हुए विकास पर प्रकाश डाला, वहीं वाम मोर्चा और कांग्रेस ने बीजेपी-आईपीएफटी सरकार के ‘कुशासन’ पर जोर दिया। इसके अलावा टिपरा मोथा का चुनावी मुद्दा ग्रेटर टिपरलैंड राज्य की मांग है।