विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को संसद में बताया कि पिछले 12 वर्षों में 16 लाख से ज्यादा लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी। इन लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़कर दूसरे देश की सिटीजनशिप ले ली है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में राज्यसभा में ये जानकारी दी है। मंत्री ने संसद को बताया कि वर्ष 2022 में सबसे ज्यादा 2,25,620 लोगों ने देश की नागरिकता छोड़ी है तो वहीं सबसे कम 85,256 लोगों ने 2020 में अपनी नागरिकता छोड़ी है।
विदेश मंत्री ने राज्यसभा में ये आंकड़े पेश किए-
– साल 2011 – 122819 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी।
– साल 2012 – 120,923
– साल 2013 – 131405
– साल 2014 – 129328
– साल 2015 – 131489
– साल 2016 – 141603
– साल 2017 – 133049
– साल 2018 – 134561
– साल 2019 – 144017
– साल 2020 – 85256
– साल 2021 – 163370
– साल 2022 – 225620 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी।
विदेश मंत्री द्वारा दिए गए आंकड़ों से पता चलता है कि 2011 से 1.6 मिलियन यानी 16 लाख भारतीय ने अपनी नागरिकता छोड़ दी और विदेशों में जाकर बस गए।
विदेश मंत्री ने संसद में उन 135 देशों की लिस्ट भी दी, जिस जगह की लोगों ने नागरिकता ली है।
एक विशिष्ट प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, जानकारी के अनुसार, पांच भारतीय नागरिकों ने पिछले तीन वर्षों के दौरान संयुक्त अरब अमीरात की नागरिकता प्राप्त की है।