तुर्की और सीरिया में सोमवार को तबाही मचा देने वाला भूकंप आया है। 7.8 तीव्रता वाले भूकंप के झटकों से सब कुछ तहस-नहस हो गया। बड़ी-बड़ी इमारतें जमीदोज हो गई और हजारों लोग बेघर हो गए। भूकंप के झटकों का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि तुर्की के सिर्फ 10 प्रभावित इलाकों में ही 2800 से ज्यादा बिल्डिंगें ढह गईं। तुर्की और सीरिया में अब तक भूकंप की चपेट में आकर 2300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
BREAKING: Turkey-Syria earthquake death toll rises to 2,310; over 10,000 injured
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WATCH: Building collapses during aftershock in Şanlıurfa, Turkey pic.twitter.com/PiKKIkbu0a
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सोमवार को तुर्की में एक के बाद एक आए भूकंप के तीन झटके आए। तुर्की और सीरिया में भूकंप का पहला झटका सोमवार सुबह सुबह 04:17 बजे आया जब इसकी तीव्रता 7.8 रही। सोमवार शाम को भूकंप का दूसरा झटका आया। दूसरे भूकंप की भी तीव्रता भी रिक्टर स्केल पर 7.5 मापी गई जबकि तीसरे भूकंप की तीव्रता 6.0 रही। भूकंप का केंद्र गाजियांटेप शहर के पास था. ये जगह सीरिया के बॉर्डर से 90 किमी की दूरी पर है। इसी वजह से सीरिया के कई शहरों में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए और वहां भी जान माल का नुकसान हुआ। बताया जा रहा है कि बॉर्डर के दोनों तरफ भारी तबाही हुई है।
WATCH: Major destruction in Elbistan, Turkey, which is near the epicenter of the new earthquake pic.twitter.com/m3IOuwaQzc
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WATCH: Daylight reveals massive destruction in Kahramanmaraş, Turkey pic.twitter.com/YZD1J4iYfc
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तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगान ने ट्वीट कर कहा है कि, ‘भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू अभियान जारी है। भूकंप के दौरान कम से कम 6 बार झटके लगे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे क्षतिग्रस्त इमारतों में न जाएं”।
तुर्की में भूकंप प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को निकालने की तमाम कोशिशें जारी है। रेस्क्यू टीमों को प्रभावित इलाकों में पहुंचने में मशक्कत करना पड़ रहा है क्योंकि सड़कों पर भारी जाम है। प्रशासन ने लोगों से सड़क पर नहीं उतरने की अपील भी की है। जिन लोगों के घर भूकंप की वजह से तबाह हो गए हैं, उन्हें मस्जिदों में शरण दी जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि भूकंप के झटके लेबनान और सीरिया में भी अच्छे से महसूस किए गए हैं। सीरिया के अलेप्पो और हमा शहर में जबरदस्त नुकसान हुआ है। सीरिया में तुर्की से सटे क्षेत्रों में कई इमारतें जमींदोज हो गईं है। इमारतों के मलबे में सैकड़ों लोगों के दबे होने की आशंका है। ऐसे में रेस्क्यू टीमें क्षतिग्रस्त इमारतों में लोगों की तलाश करने में जुटी हुई है। दमिश्क शहर में भूकंप के झटकों के बाद लोग सड़कों पर आ गए। लेबनान में करीब 40 सेकेंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए।
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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्की में भूकंप से आई इस तबाही पर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, “इस समय तुर्की में आए भूकंप पर हम सभी की दृष्टि बनी हुई है। कई लोगों की मृत्यु और काफी नुकसान की खबरें हैं। तुर्की के आसपास के देशों में भी नुकसान की आशंका है। भारत भूकंप पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए तत्पर है”।
तुर्की के आसपास के देशों में भी नुकसान की आशंका है।
भारत के 140 करोड़ लोगों की संवेदनाएं, सभी भूकंप पीड़ितों के साथ हैं।
भारत भूकंप पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए तत्पर है: PM @narendramodi
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तुर्की को तत्काल सहायता मुहैया कराने को लेकर सोमवार को पीएमओ में बैठक हुई। प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव पीके मिश्रा ने ये बैठक बुलाई थी। बैठक में तय किया गया है कि सर्च और रेस्क्यू अभियान के लिए एनडीआरएफ और मेडिकल टीम को तुर्की भेजा जाएगा। साथ ही राहत सामग्री भी जल्द से जल्द तुर्की के लिए रवाना की जाएगी। पीएमओ के एक बयान के मुताबिक़, ‘राहत सामग्री के साथ 100 कर्मियों वाली NDRF और मेडिकल की दो टीमें जाने के लिए तैयार हैं। बचाव दलों को तुरंत तुर्की सरकार के समन्वय में भेजा जाएगा’।
बता दें कि तुर्की की भौगोलिक स्थिति की वजह से यहां अक्सर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। साल 1999 में आए भूकंप में 18000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी तो वहीं अक्टूबर 2011 में आए भूकंप में 600 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।