महाराष्ट्र विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के खिलाफ एक अविश्वास प्रस्ताव पेश लाया गया है। ये अविश्वास प्रस्ताव महाविकास आघाड़ी (एनसीपी, कांग्रेस, शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की ओर से पेश किया गया है। इस संदर्भ में महाविकास आघाड़ी के विधायकों ने एक पत्र विधानसभा सचिव राजेंद्र भागवत को दिया है। एमवीए विधायकों ने आरोप लगाया है कि विधानसभा अध्यक्ष सदन में विपक्षी दलों के नेताओं को बोलने की अनुमति नही देते हैं।
Maharashtra | Maha Vikas Aghadi (MVA) MLAs move a no-confidence motion against Assembly Speaker Rahul Narvekar. MLAs alleged that were not allowed to speak in the House by Speaker. In this regard, a letter signed by 39 MLAs has been handed over to Assembly Secy Rajendra Bhagwat.
— ANI (@ANI) December 29, 2022
इस प्रस्ताव पर 39 विधायकों के दस्तखत हैं और ये पत्र विधानसभा सचिव राजेंद्र भागवत को सौंपा गया है। एमवीए विधायक सुनील केदार, सुनील प्रभु, सुरेश वरपुडकर और अनिल पाटिल ने विधान सचिव राजेंद्र भागवत से मिलकर उन्हें ये पत्र सौंपा। इससे पहले एमवीए नेताओं ने इस बात के संकेत भी दिए थे। हालांकि महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी खत्म ही होने वाला है।
महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि जब सदन में मुद्दों को लेकर चर्चा हो रही होती है तो विधानसभा अध्यक्ष विपक्ष के लोगों को बोलने नहीं देते हैं। इसको लेकर शिवसेना (उद्धव ठाकरे) विधायक भास्कर जाधव ने 29 दिंसबर को सवाल भी उठाए।
शिवसेना के उद्धव गुट के विधायक भास्कर जाधव ने सदन में कहा, ‘आप हर बार यही कहते हैं कि विधानसभा नियमों के हिसाब से चलनी चाहिए। लेकिन जब कोई सदस्य कोई बात कह रहा होता है और उस पर यदि किसी दूसरे पक्ष के सदस्य को आपत्ति होती है तो पहले होना यह चाहिए कि उन्हें ऑब्जेक्शन करने का मौका दिया जाए। उसके बाद यह तय किया जाए कि जो ऑब्जेक्शन उठाया जा रहा है वो वैलिड है या नहीं, लेकिन आप तो आपत्ति दर्ज कराने का मौका तक नहीं दे रहे।’ उन्होंने आगे कहा, ‘पूरी तरह से 293 के प्रस्ताव पर चर्चा अंतिम चरण में आ चुकी थी। इसके बाद भी आपने सम्माननीय सदस्यों को बोलने का मौका दिया। किस नियम के मुताबिक दिया? इस पर हमें ऑब्जेक्शन है। सदन में तय मुद्दों पर चर्चा नहीं। कोई भी कभी भी उठ कर बोलना शुरू कर देता है। यह क्या चल रहा है?’
विपक्षी पार्टियों के विधायक इसलिए भी नाराज हैं कि उन्हें सदन में महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद जैसे अहम मुद्दे पर भी बोलने की इजाजत नहीं दी गई, जबकि विधायकों ने बोलने का निवेदन किया था। इसी बात को लेकर विपक्षी विधायकों में नाराजगी बढ़ने लगी. इसके बाद राहुल नार्वेकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया।
बता दें कि इसी साल जुलाई में बीजेपी नेता राहुल नार्वेकर को महाराष्ट्र विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया था। नार्वेकर को 164 मत प्राप्त हुए थे और उन्होंने उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के उम्मीदवार राजन साल्वी को हराया था, जिन्हें 107 वोट मिले थे उस समय डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें देश में अब तक का सबसे युवा विधानसभा अध्यक्ष बताया था। नार्वेकर के ससुर और राकांपा नेता रामराजे नाइक विधान परिषद के सभापति हैं। महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र 3 जुलाई को हुआ था, जब नार्वेकर महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे।