नई दिल्ली: सियासी सिख कैदी रिहाई मोर्चा (दिल्ली) और यूनाइटेड अकाली दल के एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने आज बंदी सिंघों सहित विभिन्न पंथक मुद्दों को लेकर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा से मुलाकात की। करीब 1 घंटे तक चली बैठक के दौरान बंदी सिंघों की रिहाई में सरकारी बाधाओं को लेकर खुली चर्चा हुई। सियासी सिख कैदी रिहाई मोर्चा (दिल्ली) के कार्यकारी अध्यक्ष गुरदीप सिंह मिंटू और यूनाइटेड अकाली दल के अध्यक्ष गुरदीप सिंह बठिंडा ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि इस अवसर पर दोनों संगठनों द्वारा दो अलग-अलग ज्ञापन लालपुरा को सौंपे गए हैं।जिसमें मुख्य मुद्दा बंदी सिंघों की रिहाई में कानूनी और सरकारी बाधाओं को लेकर था। इसके साथ ही श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों पर यूएपीए कानून लागू करने और त्वरित सुनवाई के लिए विशेष अदालतें बनाने का राज्य सरकारों को आदेश देने कि अनुरोध किया गया है। भाई जगतार सिंह हवारा के खिलाफ दिल्ली में कोई केस नहीं है। हालांकि सरकार ने उन्हें अवैध रूप से तिहाड़ जेल में रखा हुआ है। इसलिए उन्हें तुरंत पंजाब की जेल में भेजने और पैरोल देने की मांग की गई है।
प्रतिनिधिमंडल के नेताओं ने लुधियाना के दयानंद मेडिकल कॉलेज में पिछले 7 साल से पंजाब पुलिस द्वारा अवैध रूप से नजरबंद कर रखें गए बापू सूरत सिंह खालसा की तत्काल रिहाई की मांग की है। जबकि बापू सूरत सिंह खालसा पर आरोप है कि वो बंदी सिंघों की रिहाई की मांग को लेकर 16 जनवरी 2015 से भूख हड़ताल पर है। प्रतिनिधिमंडल ने इकबाल सिंह लालपुरा का ध्यान दिल्ली सरकार के “सेंटेंस रिव्यू बोर्ड” की पिछले सात महीनों से बैठक न होने की ओर दिलाया। जबकि बोर्ड के संविधान के अनुसार हर 3 महीने में एक बैठक होनी चाहिए। मार्च 2022 को हुई पिछली बैठक के दौरान, बोर्ड ने भाई देविंदर पाल सिंह भुल्लर के रिहाई प्रस्ताव को टाल दिया था। तभी से दिल्ली के जेल मंत्री और इस बोर्ड के अध्यक्ष सतिंदर जैन खुद तिहाड़ जेल में बंद है। प्रतिनिधिमंडल के नेताओं की सभी बातों को ध्यान से सुनने के बाद इकबाल सिंह लालपुरा ने इन सभी मामलों को सुलझाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि आयोग जल्द ही संबंधित सरकारों को इस संबंधी नोटिस जारी करेगा। इस मौके पर रिहाई मोर्चा के संयोजक अवतार सिंह कालका, प्रवक्ता डॉ परमिंदर पाल सिंह, संयुक्त सचिव जगजीत सिंह, ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन दिल्ली के अध्यक्ष अवतार सिंह माकन, प्रभजोत सिंह भोली, यूनाइटेड अकाली दल के बहादुर सिंह, जसविंदर सिंह शैली, जसविंदर सिंह, रछपाल सिंह और गुरनाम सिंह सिद्धू मौजूद थे।