केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार, 21 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी में इंटरपोल की 90वीं वार्षिक आमसभा के समापन समारोह को संबोधित किया। सभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि मानवाधिकारों के हनन का सबसे बड़ा कारण आतंकवाद है। उन्होंने इंटरपोल और सदस्य देशों से आग्रह किया कि सीमा पार आतंकवाद से लड़ने के लिए सहयोग आवश्यक है और इसके लिए हमें एक दुसरे के साथ हाथ मिला कर चलना होगा। भारत के सन्दर्भ में आतंकवाद पर बोलते हुए गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है और आतंकवाद अच्छा, बुड़ा, छोटा या बड़ा नहीं होता। भारत का ध्येय है कि आतंकवाद को ख़त्म करना है। भारत हमेशा से दुनिया भर में आतंकवाद विरोधी गतिविधियों के साथ खड़ा रहा है।
गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद से लड़ने के लिए इंटरपोल बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा, मैंने उन सभी देशों को जो इंटरपोल के सदस्य हैं, को सलाह दी है कि आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ रीयल-टाइम इंफोर्मेशन-एक्शन नेटवर्क बनाए जाने की जरूरत है।
अमित शाह ने कहा कि पिछले 100 सालों में इंटरपोल 195 सदस्य देशों का एक ऐसा मंच बन गया है जो पूरे विश्व में अपराधों पर काबू पाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। साथ ही शाह ने कहा कि भारत इंटरपोल के सबसे पुराने सदस्यों में से एक है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अगले साल यानि 2023 में 91वीं इंटरपोल जनरल असेंबली ऑस्ट्रिया में आयोजित की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद को आतंकवाद की ही तरह देखना चाहिए, राजनीतिक समस्या की तरह से नहीं।