रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने स्वदेशी रूप से विकसित तीसरी पीढ़ी की फायर-एंड-फॉरगेट एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल नाग मार्क 2 का सफलतापूर्वक फील्ड मूल्यांकन परीक्षण किया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, परीक्षण राजस्थान के पोखरण फील्ड रेंज में किए गए, जहां मिसाइल ने असाधारण सटीकता और विश्वसनीयता का प्रदर्शन किया और अधिकतम और न्यूनतम सीमा दोनों पर सभी निर्धारित लक्ष्यों को नष्ट कर दिया।
मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “स्वदेशी तकनीक से विकसित तीसरी पीढ़ी की टैंक रोधी फायर-एंड-फॉरगेट गाइडेड मिसाइल नाग एमके 2 का फील्ड मूल्यांकन परीक्षण हाल ही में भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में पोखरण फील्ड रेंज में सफलतापूर्वक किया गया।”
मंत्रालय ने कहा, “तीनों फील्ड परीक्षणों के दौरान मिसाइल प्रणाली ने सभी लक्ष्यों को सटीक रूप से नष्ट कर दिया – अधिकतम और न्यूनतम रेंज, जिससे इसकी फायरिंग रेंज की पुष्टि हुई।”
डीआरडीओ द्वारा विकसित नाग मार्क 2 मिसाइल को विशेष रूप से आधुनिक बख्तरबंद खतरों को बेअसर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी फायर-एंड-फॉरगेट तकनीक ऑपरेटरों को लॉन्च से पहले लक्ष्य को लॉक करने में सक्षम बनाती है, जिससे जटिल युद्धक्षेत्र परिदृश्यों में भी सटीक हमले सुनिश्चित होते हैं।
मंत्रालय ने कहा कि मिसाइल परीक्षणों के अलावा, नाग मिसाइल कैरियर (NAMICA) संस्करण 2 का भी सफल क्षेत्रीय मूल्यांकन किया गया, जो संपूर्ण हथियार प्रणाली के संचालन में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस उपलब्धि ने टैंक रोधी युद्ध में भारत की बढ़ती क्षमताओं को रेखांकित किया और इसके रक्षा बलों की तत्परता को मजबूत किया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि को हासिल करने में डीआरडीओ, सेना और उद्योग जगत के हितधारकों की भूमिका के लिए उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा, “नाग एमके 2 के सफल परीक्षण रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।”
रक्षा अनुसंधान एवं विकास सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने इसमें शामिल टीमों की सराहना करते हुए कहा, “यह उपलब्धि भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को आगे बढ़ाने में डीआरडीओ, भारतीय सेना और रक्षा उद्योग के बीच तालमेल को रेखांकित करती है।”
नाग मार्क 2 की विशेषताएँ-
तीसरी पीढ़ी की फायर-एंड-फॉरगेट तकनीक: प्रक्षेपण के बाद न्यूनतम ऑपरेटर हस्तक्षेप के साथ सटीक लक्ष्यीकरण को सक्षम बनाती है।
बहुमुखी प्रदर्शन: विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच (ERA) से लैस आधुनिक बख्तरबंद वाहनों को बेअसर करने में सक्षम।
प्लेटफ़ॉर्म संगतता: NAMICA के साथ सफलतापूर्वक एकीकृत, युद्धक्षेत्र गतिशीलता और तैनाती लचीलेपन को बढ़ाता है।
नाग मार्क 2 भारत के रक्षा शस्त्रागार में महत्वपूर्ण है, जो एंटी-टैंक युद्ध में महत्वपूर्ण परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करता है। इसके शामिल होने से भारतीय सेना की उभरते कवच खतरों का मुकाबला करने की क्षमता में वृद्धि होने की उम्मीद है, खासकर देश की सीमाओं पर।
मिसाइल परीक्षण की सफलता ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत आत्मनिर्भरता हासिल करने में भारत की प्रगति को भी उजागर किया है। आयातित रक्षा प्रणालियों पर निर्भरता कम करके, देश अपनी स्वदेशी अनुसंधान और विकास क्षमताओं को मजबूत करना जारी रखे हुए है।