कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने स्वीकार किया है कि उनकी सरकार ने कनाडा की धरती पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर भारत को केवल “खुफिया जानकारी प्रदान की और कोई सबूत नहीं” दिया। ट्रूडो ने दावा किया कि निज्जर हत्या के आरोपों को सार्वजनिक करने से पहले कनाडाई एजेंसियों ने भारत के साथ पर्दे के पीछे काम करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि जब कनाडाई एजेंसियों ने भारत से आरोपों की जांच करने को कहा तो नई दिल्ली ने सबूत मांगा। ट्रूडो ने स्वीकार किया, “उस समय, यह मुख्य रूप से खुफिया जानकारी थी, कोई ठोस साक्ष्य नहीं था।”
भारत सरकार ने कनाडा पर बार-बार बिना कोई सबूत दिए आधारहीन आरोप लगाने का आरोप लगाया है।
कनाडा के प्रधानमंत्री ने कनाडा द्वारा भारत के खिलाफ अपने आरोपों को सार्वजनिक करने से पहले सितंबर 2023 में नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी मुलाकात के बारे में बात की।
ट्रूडो ने कहा, “जी20 के समापन के दौरान मैंने मोदी के सामने इस मुद्दे को उठाया और मैंने कहा कि हम जानते थे कि भारत का इसमें हाथ था। उन्होंने कहा कि कनाडा में कई लोग भारत सरकार के खिलाफ बोलते हैं और वे इन लोगों को गिरफ्तार होते देखना चाहते थे।”
ट्रूडो ने आरोप लगाया कि भारत ने जांच में सहयोग करने से इनकार कर दिया और उनकी सरकार के खिलाफ हमले दोगुना कर दिए, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि “भारत ने कनाडा की संप्रभुता का उल्लंघन किया है”।
फॉरेन इंटरफेरेंस कमीशन के सामने अपनी गवाही में ट्रूडो ने कहा कि भारतीय मीडिया ने लगातार कनाडा और कनाडाई लोगों को निशाना बनाया। ऐसे में सितंबर में आखिरकार हमें सामने आकर वो सब बताना पड़ा। हम चाहते थे कि हमारे लोग इस मामले में कनाडा की सरकार की कार्रवाई पर भरोसा करें क्योंकि हम लोगों की सुरक्षा के लिए उन्हें निश्चिंत करना चाहते थे।इसी दौरान हमने पाया कि भारत का रुख कनाडा सरकार पर हमला करने की दिशा में ही रहा। उन्होंने समिति के समक्ष अपना दावा दोहराया कि इस बात के “विश्वसनीय सबूत” हैं कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट शामिल थे।
ट्रूडो ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का भी नाम लिया, जिसका पहले रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) ने निज्जर की हत्या में शामिल होने के लिए उल्लेख किया था। ट्रूडो ने आरोप लगाया कि भारतीय राजनयिक कनाडाई लोगों के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं और इसे लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को दे रहे हैं।
सोमवार सुबह कनाडा द्वारा भारतीय राजनयिकों के खिलाफ आरोप लगाए जाने के बाद, विदेश मंत्रालय ने एक तीखा बयान जारी किया था, जिसमें कहा गया कि कनाडा ने बार-बार अनुरोध के बावजूद “निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के सबूत का एक टुकड़ा” साझा नहीं किया और ट्रूडो पर वोट बैंक की राजनीति करने और कनाडा की धरती पर अलगाववादी तत्वों से निपटने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया।
चल रहा राजनयिक विवाद तब और बढ़ गया जब नई दिल्ली ने ओटावा से अपने डिप्लोमैट को वापस बुला लिया और सोमवार देर शाम छह कनाडाई राजनयिकों को देश से निष्कासित कर दिया।