जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती के आरोपों का खंडन किया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने विधानसभा चुनाव के लिए संभावित गठबंधन के लिए उनके लिए दरवाजे बंद कर दिए हैं। अब्दुल्ला ने कहा, ”महबूबा मुफ्ती की पार्टी के लिए दरवाजे हमने बंद नहीं किए, उन्होंने खुद बंद किए हैं।”
उनकी टिप्पणी तब आई जब उनसे पूछा गया कि क्या विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन में महबूबा मुफ्ती की पीडीपी को शामिल करने से गठबंधन मजबूत होता। उन्होंने कहा, “अगर कोई एक पार्टी है जिसे पीडीपी ने लोकसभा चुनाव के बाद निशाना बनाया है, तो वह एनसी है।”
इससे पहले मुफ्ती ने कहा था कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर में ‘किंगमेकर’ बनकर उभरेगी। उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी चुनाव लड़ रही है और हम किंगमेकर होंगे। और अगर भगवान ने चाहा तो एक मौका है कि हमें पीडीपी से एक मुख्यमंत्री चुनना चाहिए। हमारी पार्टी में बहुत सक्षम, बहुत अच्छा और बहुत वरिष्ठ नेतृत्व है।”
मालूम हो कि जम्मू-कश्मीर में सीट-बंटवारे की व्यवस्था के तहत अब्दुल्ला की पार्टी 51 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि कांग्रेस 90 सदस्यीय विधानसभा में 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने पहले कहा था कि दोनों पार्टियां पांच सीटों पर “मैत्रीपूर्ण लेकिन अनुशासित” मुकाबला करेंगी, जबकि सीपीआई (एम) और पैंथर्स पार्टी के लिए एक-एक सीट छोड़ी गई है।
अब्दुल्ला ने पहले कहा था कि जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा बहाल करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने दावा किया था कि अगर मांग पूरी नहीं हुई तो वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
उन्होंने कहा था, “हमारे पास संसद में सदन के पटल पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की प्रतिबद्धता है, जिसमें कहा गया है कि जम्मू और कश्मीर को उसका राज्य का दर्जा बिना शर्त वापस दिया जाएगा। भारत सरकार और सुप्रीम कोर्ट से हमारी प्रतिबद्धताएं हैं। इसलिए जैसा कि मैंने कहा, यह असेंबली वह असेंबली नहीं है जिसे हम चाहते हैं, बल्कि जो असेंबलीहम चाहते हैं वह इस असेंबली से निकलेगी।”
केंद्र शासित प्रदेश में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरणों में मतदान होगा। नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। जम्मू-कश्मीर में 10 साल में यह पहला चुनाव है।