केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट पर “भ्रामक अभियान” चलाने के लिए विपक्ष पर हमला किया। उन्होंने उन आरोपों का खंडन किया जिसमें दावा किया जा रहा था कि विपक्ष द्वारा शासित राज्यों को बजट में कुछ भी नहीं दिया गया। लोकसभा में बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए, सीतारमण ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि किसी राज्य का नाम नहीं था, इसका मतलब यह नहीं है कि इसे केंद्रीय बजट में शामिल नहीं किया गया था। वित्त मंत्री ने कहा कि वाम शासित केरल को व्यवहार्य अंतर निधि के रूप में 818 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं।
यूपीए काल के दौरान पेश किए गए बजट के आंकड़े पेश करते हुए, सीतारमण ने कहा कि 2009-10 के बजट प्रस्तुति के दौरान 26 राज्यों का नाम नहीं था।
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट को लेकर विपक्ष की ओर से दुष्प्रचार किया गया है जो मेरे लिए बहुत दुखद है। उन्होंने कहा कि 2004-05 के बजट में 17 राज्यों का नाम नहीं लिया गया था। क्या उन 17 राज्यों को पैसा नहीं दिया गया था? 2005-06 में 18 राज्यों के नाम नहीं लिए गए थे। उन्होंने हर साल के बजट में जिन राज्यों के नाम नहीं लिए गए थे, उनका जिक्र कर विपक्ष को घेरा। निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2009-10 के बजट में यूपी और बिहार को छोड़कर किसी राज्य का नाम नहीं लिया गया था। क्या उन राज्यों को पैसा नहीं गया?
वित्त मंत्री ने कहा-
2004-05 के बजट भाषण में 17 राज्यों का नाम नहीं था।
2005-06 के बजट भाषण में 18 का नाम नहीं था।
2006-07 के बजट भाषण में 13 का नाम नहीं था।
2007-08 के बजट भाषण में 16 का नाम नहीं था।
2009-10 के बजट भाषण में 26 का नाम नहीं था।
23 जुलाई को अपना लगातार सातवां बजट पेश करने वाली सीतारमण ने आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती को विकसित करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए। बिहार में सड़क संपर्क परियोजनाओं के लिए 26,000 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं।
विपक्ष ने दावा किया है कि दोनों राज्यों का पक्ष इसलिए लिया गया क्योंकि केंद्र में सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा जद (यू) और टीडीपी पर निर्भर है।
जम्मू-कश्मीर के लिए किए गए आवंटन के बारे में बोलते हुए, सीतारमण ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के लिए केंद्रीय बजट में 17,000 करोड़ रुपये की “पर्याप्त वित्तीय सहायता” प्रदान की गई।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट चर्चा का जवाब देते हुए बताया, “जुलाई 2024 में जारी SBI शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने 2014 और 2023 के बीच 12.5 करोड़ नौकरियों का सृजन हुआ जबकि यूपीए सरकार के 10 वर्षों के दौरान केवल 2.9 करोड़ नौकरियों का सृजन हुआ था। बेरोजगारी दर 2017-18 में 6% से घटकर 2022-23 में 3.2% के निचले स्तर पर आ गई है। 15-29 वर्ष की आयु वर्ग के लिए युवा बेरोजगारी 2017-18 में 17.8% से तेजी से घटकर 2022-23 में 10% हो गई है।”
वित्त मंत्री ने कहा कि ये बजट विकसित भारत के लिए है। विकसित भारत सरकार का विजन है। 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का ये रोडमैप है। भौगोलिक आधार पर विकास के लिए बजट बना है। ये स्थिरता के निर्माण के लिए है। उन्होंने ग्रामीण विकास से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर तक के लिए पिछले साल के मुकाबले इस बार आवंटित बजट की चर्चा की और कहा कि समाज कल्याण के लिए भी पिछले साल के मुकाबले तीन लाख करोड़ रुपये अधिक आवंटित किए गए हैं। निवेदन है कि पहले पूरा डॉक्यूमेंट पढ़ लें, किसी भी विभाग के बजट में कटौती नहीं की गई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि विकास कार्यों में सरकार का खर्च बढ़ रहा है। सामाजिक क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। सामाजिक क्षेत्र का बजट बढ़ा है। भारत सबसे तेज गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि दो शतक के बाद, इंतजार के बाद पांच हजार से ज्यादा ट्राइबल्स को अधिकार पत्र दिया गया है। हक का पेपर दिया गया है।
उन्होंने अग्निवीर योजना से लेकर तमाम मुद्दों पर गलत प्रचार का आरोप लगाते हुए विपक्ष को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि ये वेल्थ क्रिएटर्स का अपमान कर दुनिया के निवेशकों को गलत संदेश दे रहे हैं। यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि भारत में निवेश सेफ नहीं है।
हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी को लेकर सवाल पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमने पीएम जीवन ज्योति योजना और पीएम सुरक्षा योजना के तहत क्लेम दिए जा रहे हैं। उन्होंने इसके आंकड़े भी गिनाए और कहा कि सर्टिफिकेट्स के लिए कोई क्लेम पेंडिंग नहीं है।