पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘4 जून को आने वाले चुनाव नतीजों से पहले’ ध्यान करने के लिए तमिलनाडु के कन्याकुमारी जाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना पर उनका मजाक उड़ाया। ममता बनर्जी ने कहा, “कोई भी जा सकता है और ध्यान कर सकता है… क्या ध्यान करते समय कोई कैमरा ले जाता है?” उन्होंने आरोप लगाया, “चुनाव से 48 घंटे पहले ध्यान करने के नाम पर वह एसी रूम में जाकर बैठ जाते हैं।”
लोकसभा चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद पीएम मोदी का कन्याकुमारी में स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाए गए स्मारक विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यान लगाने का कार्यक्रम है।
सूत्रों के मुताबिक 30 मई की शाम से 1 जून तक पीएम मोदी विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर ध्यानरत रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे के प्रवास के लिए भारी सुरक्षा समेत सभी इंतजाम किए गए हैं। गुरुवार से शनिवार तक समुद्र तट पर्यटकों के लिए बंद रहेगा और निजी नौकाओं को भी चलने की अनुमति नहीं होगी। देश के दक्षिणी छोर पर स्थित इस जिले में 2 हजार पुलिसकर्मियों का दल तैनात रहेगा और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान कड़ी निगरानी रखेंगी।
पीएम मोदी ने 2019 में केदारनाथ की रुद्र गुफा में ध्यान लगाया था। जबकि 2014 में पीएम मोदी ने शिवाजी के प्रतापगढ़ का दौरा किया था, जहां शिवाजी ने अपने बाघनख से अफजल खान का पेट फाड़ दिया था।
ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने कन्याकुमारी जाने की योजना बनाई थी, लेकिन तभी उन्हें पीएम की योजनाबद्ध यात्रा के बारे में पता चला।
बनर्जी ने कहा, “मुझे नहीं पता कि कोई भी दल कुछ क्यों नहीं कहता? मुझे दुःख होता है… स्वामी विवेकानन्द वहाँ मध्यस्थता करते थे। और अब वह (प्रधानमंत्री) वहां जाकर ध्यान करेंगे।”
उन्होंने पीएम मोदी की उस टिप्पणी पर उन पर कटाक्ष किया कि उन्हें “परमात्मा ने एक उद्देश्य के लिए भेजा है”।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “अगर वह भगवान है, तो वह ध्यान क्यों करेंगे? अन्य लोग उनके लिए ध्यान करेंगे।”
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि अगर कन्याकुमारी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ध्यान का प्रसारण टेलीविजन पर किया गया तो वह चुनाव आयोग से शिकायत करेंगी और आरोप लगाया कि यह आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन होगा।
उन्होनें कहा, “मतदान से पहले चुनाव प्रचार अभियान समाप्त हो जाएंगे, 30 मई की शाम के बाद कोई और प्रचार अभियान करने की अनुमति नहीं होगी। मोदी जी ध्यान(मेडिटेट) कर सकते हैं लेकिन उसे टीवी चैनल प्रसारित नहीं करेंगे क्योंकि यह आदर्श आचार संहिता(MCC) का उल्लंघन होगा। किसी भी उल्लंघन की तुरंत रिपोर्ट की जाएगी, मैं खुद शिकायत दर्ज करूंगी।”
इससे पहले बुधवार शाम को अभिषेक मनु सिंघवी समेत कांग्रेस प्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात की थी। सिंघवी ने कहा, “हमने चुनाव आयोग से कहा कि 48 घंटे की मौन अवधि के दौरान किसी को भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। कोई भी नेता कुछ भी करे, हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है। चाहे वे ‘मौन व्रत’ रखें,’ या कुछ भी। यह मौन काल में एक अप्रत्यक्ष अभियान नहीं होना चाहिए। हमने शिकायत की है कि पीएम मोदी ने घोषणा की है कि वह 30 मई की शाम से ‘मौन व्रत’ पर बैठेंगे। यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।”
उन्होनें आगे कहा, “ये या तो प्रचार करते रहने या खुद को सुर्खियों में बनाए रखने की रणनीति हैं। हमने चुनाव आयोग से कहा है कि वह इस (मौन व्रत) को 24-48 घंटे के बाद 1 जून की शाम को शुरू कर दें। लेकिन अगर वह इसे 30 मई की शाम से शुरू करने पर जोर देते हैं, तो इसे प्रिंट या ऑडियो-विज़ुअल मीडिया द्वारा प्रसारित करने पर रोक लगा दी जानी चाहिए।”