दिल्ली में जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, वैसे-वैसे राजधानी में पानी की किल्लत भी बढ़ती जा रही है। पानी की किल्लत को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में दिल्ली सरकार ने मांग की है कि जल संकट को देखते हुए हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश से एक महीने के लिए अतिरिक्त पानी की मांग की है।
पानी किल्लत को लेकर दिल्ली के जलमंत्री आतिशी का आरोप है कि रेकॉर्ड तापमान के बीच हरियाणा सरकार दिल्ली के हिस्से के पानी मे कटौती कर रही है। आतिशी ने आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा सरकार यमुना में पर्याप्त पानी नही छोड़ रही है। इससे दिल्ली में जल संकट गहराता जा रहा है। हालांकि, इससे निपटने के लिए सरकार ने तैयार है।
पिछले कुछ दिनों से, दिल्ली में भीषण गर्मी का प्रकोप देखा जा रहा है। शहर के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है। दिल्ली सरकार ने कई आपातकालीन उपायों की घोषणा की है, जिसमें कार धोने के लिए पीने योग्य पानी के उपयोग और निर्माण स्थलों पर इसके उपयोग पर प्रतिबंध शामिल है।
पानी की किल्लत से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने वाटर टैंकर वॉर रूम बनाया है, जहां से दिल्ली के लोग 1916 पर कॉल कर टैंकर मंगवा सकते है। पानी की बर्बादी रोकने के लिए जल बोर्ड की 200 टीमें बनाई गई है। निर्माण साइटों, कार वाशिंग और कार रिपेयर सेंटर पर जल बोर्ड के पोर्टेबल पानी के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। दिल्ली सरकार ने कहा है कि आदेश का पालन न करने पर साइट सील की जाएगी।
दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने घोषणा की कि पानी बर्बाद करते पाए जाने पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा नेताओं से अपने राजनीतिक मतभेदों को एक तरफ रखकर राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट से निपटने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।
उन्होनें कहा, “इस बार पूरे देश में अभूतपूर्व गर्मी पड़ रही है जिसकी वजह से देश भर में पानी और बिजली का संकट हो गया है। पिछले वर्ष, दिल्ली में बिजली की पीक डिमांड 7438 MW थी। इसके मुक़ाबले इस साल पीक डिमांड 8302 MW तक पहुँच गयी है। पर इसके बावजूद दिल्ली में बिजली की स्थिति नियंत्रण में है, अन्य राज्यों की तरह पॉवर कट नहीं लग रहे हैं। पर इतनी भीषण गर्मी में पानी की डिमांड बहुत बढ़ गयी है। और जो पानी दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से मिलता था, उसमे भी कमी कर दी गयी है। यानी डिमांड बहुत बढ़ गयी और सप्लाई कम हो गयी। हम सबको मिलकर इसका निवारण करना है। मैं देख रहा हूँ कि बीजेपी के साथी हमारे ख़िलाफ़ धरने प्रदर्शन कर रहे हैं। इस से समस्या का समाधान नहीं निकलेगा। मेरी सभी से हाथ जोड़ कर विनती है कि इस वक़्त राजनीति करने की बजाय, आइये मिलकर दिल्ली के लोगों को राहत दिलवायें। यदि बीजेपी हरियाणा और UP की अपनी सरकारों से बात करके एक महीने के लिए दिल्ली को कुछ पानी दिलवा दें तो दिल्ली वाले बीजेपी के इस कदम की खूब सराहना करेंगे। इतनी भीषण गर्मी किसी के हाथ की बात नहीं। लेकिन हम सब मिलकर काम करें तो लोगों को इस से राहत तो दिलवा सकते हैं?”
अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली में अत्यधिक गर्मी के कारण बिजली की अधिकतम मांग 8,302 मेगावाट के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। राष्ट्रीय राजधानी के इतिहास में यह पहली बार है कि इसकी बिजली की मांग 8,300 मेगावाट के आंकड़े को पार कर गई है।
डिस्कॉम अधिकारियों ने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों ने इस गर्मी में बिजली की मांग 8,200 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान लगाया था।
पड़ोसी राज्यों में बिजली कटौती के बारे में बोलते हुए, केजरीवाल ने कहा, “इस समय, पूरे देश में अभूतपूर्व गर्मी पड़ रही है, जिसके कारण देश भर में पानी और बिजली का संकट है। पिछले साल, दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 7,438 थी। इसकी तुलना में, इस वर्ष अधिकतम मांग 8,302 मेगावाट तक पहुंच गई है।”
उन्होंने कहा, “लेकिन इसके बावजूद दिल्ली में बिजली की स्थिति नियंत्रण में है, अन्य राज्यों की तरह बिजली कटौती नहीं हो रही है।”
नोएडा और गाजियाबाद के निवासी घंटों बिजली कटौती के साथ-साथ गर्मी का सामना कर रहे हैं। बार-बार बिजली कटौती के कारण स्थानीय लोगों को विरोध में सड़कों पर उतरना पड़ा। बिजली घरों का घेराव किये जाने की भी खबरें हैं।
बता दें कि 1996 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि दिल्ली की पीने के पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए हरियाणा द्वारा वजीराबाद बैराज में पानी के स्तर को उसकी क्षमता के अनुसार पूरा रखा जाएगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा को दिल्ली को 33 क्यूसेक पानी अतिरिक्त देने को भी कहा था। वजीराबाद बैराज में पानी की मात्रा और गुणवत्ता पूरी तरह हरियाणा पर निर्भर करती है। वजीराबाद प्लांट से सीधे पानी नॉर्थ वेस्ट दिल्ली, लुटियंस जोन, सेंट्रल और नॉर्थ दिल्ली में सप्लाई होता है।