पाकिस्तान और चीन, भारतीय सेना पर लद्दाख सीमा से वापस कश्मीर में सैनिकों को फिर से तैनात करने के लिए दबाव बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में आतंकवादी गतिविधि को पुनर्जीवित करने के लिए सहयोग कर रहे हैं। यह रहस्य पुंछ में एक आतंकवादी हमले में पांच सैनिकों की हत्या के बाद सामने आया है। यह घटना पाकिस्तान की सीमा से लगे पुंछ और राजौरी सेक्टरों में हुए आतंकवादी हमलों में नवीनतम है। सूत्रों का कहना है कि हिंसा में यह बढ़ोतरी इस्लामाबाद और बीजिंग की समन्वित रणनीति का हिस्सा है।
सूत्र आगे कहते हैं कि पाकिस्तान ने सुरक्षा बलों पर हमले शुरू करने और प्रतिक्रिया भड़काने के उद्देश्य से पुंछ के जंगली इलाकों में 25-30 आतंकवादियों की घुसपैठ कराई है।
सूत्रों के अनुसार, चीन गलवान में 2020 के सीमा गतिरोध के बाद लद्दाख में भारत की बढ़ती सैन्य उपस्थिति से निराश होकर, भारतीय संसाधनों को वापस कश्मीर की ओर मोड़ने की कोशिश कर रहा है। उनका मानना है कि पाकिस्तान, संभावित चीनी समर्थन के साथ, पश्चिम में आतंकवाद को फिर से शुरू करके भारत को पूर्वी मोर्चे पर दबाव कम करने के लिए मजबूर करने का प्रयास कर रहा है।
पाकिस्तान ने इस क्षेत्र में अपने स्वयं के आतंकवादियों को भेजना शुरू कर दिया है, जो यहां भारत को फिर से अपने सैनिकों की तैनाती करने के लिए मजबूर करने के उद्देश्य से हमले कर रहे हैं। हाल ही में भारत ने आतंकवादी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए एक और ब्रिगेड तैनात की थी और इसने पाकिस्तानी आतंकियों सहित 20 से अधिक आतंकवादियों का खात्मा कर दिया था। पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव होने हैं और इसे देखते हुए पाकिस्तानी सेना भारत को इन इलाकों में उसके खिलाफ उकसावे वाली कार्रवाई कर अपने उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाना भी चाहती है।
यह संदेह भारत द्वारा 2020 में पुंछ से लद्दाख तक एक विशेष आतंकवाद विरोधी बल, राष्ट्रीय राइफल्स की तैनाती से उत्पन्न हुआ है। यह कदम चीन के खिलाफ भारत की स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण था लेकिन पुंछ में संभावित रूप से कम आतंकवाद विरोधी संसाधन रह गए।
रक्षा विशेषज्ञ कर्नल मनोज कुमार ने कहा कि पुंछ-राजौरी में आतंकी हमलों की बढ़ती आवृत्ति और जंगली इलाकों से आतंकवादियों को खदेड़ने की सेना की लड़ाई ने उन्हें ऑपरेशन सर्प विनाश की याद दिला दी। यह ऑपरेशन 2003 में पुंछ के सुरनकोट इलाके में चलाया गया था।
उन्होंने कहा, “जब सर्प विनाश हुआ तो आतंकवादी इसी तरह के ठिकाने और ठिकानों का इस्तेमाल कर रहे थे। ऑपरेशन में लगभग 15,000 सैनिक तैनात किए गए और 65 आतंकवादी मारे गए। पाकिस्तान और चीन अब इन क्षेत्रों में शांति भंग करके चीनी सीमा से सेना को फिर से तैनात करने का प्रयास कर रहे हैं।”
सूत्रों ने बताया कि आतंकी खतरे से निपटने के लिए सेना पहले ही पुंछ-राजौरी सेक्टर में एक अतिरिक्त ब्रिगेड भेज चुकी है। कहा जाता है कि हाल के अभियानों में पाकिस्तानी नागरिकों सहित 20 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया है।
कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय कोठियाल ने कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से पाकिस्तान और चीन में बहुत नाराजगी थी और उन्होंने कश्मीर, विशेष रूप से पुंछ और राजौरी के जुड़वां सीमावर्ती जिलों में समस्याएं पैदा करने की कोशिश की थी।
उन्होंने कहा, अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुच्छेद 370 को खत्म करने के फैसले को बरकरार रखने से पाकिस्तान और चीन दोनों “परेशान” हैं और उन्हें यह “उम्मीद” थी कि वे जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों पर बात करेंगे।
कोठियाल ने कहा, “आज भारतीय सेनाएं मजबूती से तैनात हैं, मजबूत स्थिति में हैं और चीजों की योजना बनाई गई है ताकि मुद्दों को ठीक से हल किया जा सके।”