जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन परिसर में बार-बार लगने वाले ‘देश-विरोधी’ नारों की घटनाओं की जांच के लिए जल्द ही एक समिति का गठन करेगा। स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज की इमारत की दीवार पर लिखे “भारत अधिकृत कश्मीर”, “फ्री कश्मीर” और “भगवा जलेगा” जैसे नारों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के एक दिन बाद यह बात सामने आई है। अब प्रशासन की ओर से दीवारों का रंग-रोगन करा दिया गया है।
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जेएनयू रेक्टर सतीश चंद्र गरकोटी ने बताया, “हम अपने मुख्य सुरक्षा अधिकारी की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं और उसके सुझावों के आधार पर इस मुद्दे से निपटने के लिए कदम उठाए जाएंगे।”
गारकोटी ने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपने परिसर में बार-बार होने वाले “राष्ट्र-विरोधी” नारों की घटनाओं पर गौर करने के लिए एक समिति गठित करने की योजना बनाई है।
इससे पहले रविवार, 1 अक्टूबर को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की दीवारों को भारत विरोधी, हिंदू विरोधी और अलगाववादी समर्थक नारों के साथ फिर से विकृत कर दिया गया था। एक नारे में ‘जय भीम’ और ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी’ लिखा था, जबकि फर्श पर नीले रंग में लिखे कुछ विवादास्पद नारे भी लाल स्याही से डाले गए देखे जा सकते थे। बताया गया है कि परिसर की क्षतिग्रस्त दीवारों को साफ किया जा रहा है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि भारत विरोधी और हिंदू विरोधी नारों के पीछे के अपराधियों के बारे में कुछ भी सार्वजनिक नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब जेएनयू से कश्मीर से संबंधित नारे और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियां सामने आई हैं। इससे पहले भी विश्वविद्यालय परिसर में कश्मीर की कथित आजादी से संबंधित इसी तरह के राष्ट्र-विरोधी नारे लगाए गए थे।