केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सनातन धर्म के खिलाफ बोलने वालों पर हमला बोलते हुए कहा, ‘उनकी जीभ खींच ली जाएगी और आंखें निकाल ली जाएंगी।’ भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा के दौरान राजस्थान के बाड़मेर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने कहा कि “कुछ लोग सनातन धर्म को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं जिसे हमारे पूर्वजों ने अपने जीवन की कीमत पर संरक्षित किया था।”
इस रैली में मंत्री ने कहा, “हम उन्हें अब और बर्दाश्त नहीं करेंगे। मैं सनातन धर्म के खिलाफ बोलने वालों को बताना चाहता हूं कि अगर वे ऐसा करेंगे तो हम उनकी जीभ खींच लेंगे। जो लोग इसे तिरस्कार की दृष्टि से देखेंगे, हम ऐसी हर आंख निकाल लेंगे।”
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गजेंद्र सिंह ने कहा, ‘जो कोई भी सनातन धर्म के खिलाफ बोलेगा वह देश में अपनी राजनीतिक शक्ति और कद स्थापित नहीं कर पाएगा।’
एआईएमआईएम के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने मंत्री का वीडियो ट्वीट किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा, “चूंकि जी20 खत्म हो गया है और घोषणा के बिंदु 78 की कोई प्रासंगिकता नहीं है, इसलिए नरेंद्र मोदी कैबिनेट के माननीय मंत्री हिंसा की वकालत करते हैं। तो अब यह एक “ओपन सीज़न” होने जा रहा है।”
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इस बीच बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ने भी डीएमके नेता उदयनिधि और अभिनेता प्रकाश राज की सनातन धर्म पर की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा, “सनातन धर्म को खत्म करने की क्षमता किसी में नहीं है। सनातन धर्म के बारे में ऐसे बयान देने वाले डीएमके नेता उदयनिधि और अभिनेता प्रकाश राज जैसे लोग नायक नहीं बल्कि खलनायक हैं जो देश के खिलाफ बोलते हैं। उन्हें इस बात का कोई अंदाजा नहीं है कि हम क्या कर रहे हैं। जिन लोगों ने सनातन धर्म को कुष्ठ, मलेरिया, डेंगू और एड्स जैसी बीमारी कहा, उन्हें भी इन बीमारियों की पीड़ा का अनुभव करना चाहिए। यही मेरी भगवान से प्रार्थना है।”
दरअसल, ये पूरा सियासी बवाल उदयनिधि के बयान से शुरू हुआ था। इस महीने की शुरुआत में उदयनिधि स्टालिन ने आरोप लगाया कि सनातन धर्म समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है और कहा कि इसे खत्म किया जाना चाहिए। उन्होंने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू वायरस और मच्छरों से होने वाले बुखार से करते हुए कहा कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं बल्कि उन्हें नष्ट कर देना चाहिए।
उनकी टिप्पणी से आक्रोश फैल गया और भाजपा के आईटी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि द्रमुक नेता ने सनातन धर्म का पालन करने वाली 80 प्रतिशत आबादी के “नरसंहार” का आह्वान किया था।
उदयनिधि के बाद उनकी पार्टी के सांसद ए राजा उनसे भी एक कदम आगे निकले। उन्होंने कहा, सनातन पर उदयनिधि का रुख नरम था। उन्होंने कहा, सनातन धर्म की तुलना सामाजिक कलंक वाली बीमारियों से की जानी चाहिए। जबकि उदयनिधि ने सनातन की तुलना मलेरिया से की है। ए राजा ने कहा, सनातन की तुलना एचआईवी और कुष्ठ रोग जैसे सामाजिक कलंक वाली बीमारियों से की जानी चाहिए।
उसके बाद अब तमिलनाडु सरकार में DMK मंत्री पोनमुडी का नया बयान सामने आया है। पोनमुडी ने ‘इंडिया’ गठबंधन को सनातन विरोधी बताते हुए कहा कि इसका गठन ही समानता की स्थापना, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, पुरुषों और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए हुआ है। उन्होंने कहा, गठबंधन इंडिया बाकी बातों पर तो मतभेद हो सकता है लेकिन सनातन विरोध पर कोई मतभेद नहीं है।
पोनमुडी की इस टिप्पणी के बाद बीजेपी ने विपक्षी गठबंधन यानी I.N.D.I.A पर हमला बोला है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, “डीएमके के शिक्षा मंत्री पोनमुडी की टिप्पणी सामने आई है। अंग्रेजी में एक कहावत है ‘द कैट इज आउट ऑफ द बैग’। उन्होंने जो सोचा था वह स्पष्ट हो गया है। सनातन धर्म का विरोध करने और उसे खत्म करने के लिए भारत गठबंधन का गठन किया गया है…उन्होंने कहा यह उसी ‘सनातन धर्म विरोधी’ कार्यक्रम में था, जहां सीएम स्टालिन के बेटे ने सनातन की तुलना डेंगू, मलेरिया से की थी और ए राजा ने इसे “एड्स से भी बदतर” कहा था… उनका छिपा हुआ एजेंडा सनातन धर्म का विरोध करके वोट बैंक की राजनीति करना है… मैं कांग्रेस पार्टी और इस गठबंधन से पूछता हूं – क्या उन्हें किसी अन्य धर्म के देवताओं की आलोचना करने का अधिकार है? क्या उनमें साहस है? क्या वे ऐसा कर सकते हैं?…वे अन्य धर्मों पर चुप रहते हैं लेकिन खुले तौर पर सनातन का विरोध करते हैं।”
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गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने कहा, सनातन हिंदू धर्म मुगल नहीं मिटा पाए। सनातन हिंदू धर्म अंग्रेज नहीं मिटा पाए। सनातन धर्म का अपमान कांग्रेस ने किया है। आप कांग्रेस से पूछो कि आप हिंदू धर्म का अपमान क्यों कर रहें है ? इनको हिंदू धर्म का अपमान करके बाकी वोट खुद के तरफ लेना है इसलिए हिंदू धर्म का अपमान कर रहे हैं।
एक अन्य घटना में केंद्रीय मंत्री ने पिछले साल राजस्थान के मंत्री शांति धारीवाल की उस टिप्पणी के लिए उन पर हमला किया, जिसमें उन्होंने बलात्कार को “मर्दानगी” से जोड़ा था और कहा कि कांग्रेस नेता को उनकी टिप्पणियों के लिए “अरब सागर में फेंक देना चाहिए”। धारीवाल, जो राज्य के शहरी विकास और आवास मंत्री हैं, उन्होंने मार्च 2022 में उस समय विवाद पैदा कर दिया था जब वे राज्य विधानसभा में बलात्कारों को सही ठहराते हुए बोले थे, “राजस्थान मर्दों का प्रदेश है।”
उनके बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शेखावत ने कहा कि राजस्थान वास्तव में “पुरुषों का राज्य” है और इसकी “पुरुषत्व” ने हिंदू धर्म और सनातन धर्म को जीवित रखा है। लेकिन उन्होंने धारीवाल की टिप्पणी को उस ”पुरुषत्व” पर एक धब्बा बताया। उन पर निशाना साधते हुए शेखावत ने कहा कि जब धारीवाल ने विधानसभा में अपनी टिप्पणियों से राजस्थान का अपमान किया तो कांग्रेस विधायकों ने ‘नपुंसक’ और ‘हिजड़े’ की तरह हंसते हुए तालियां बजाईं।