जम्मू-कश्मीर प्रशासन के सरकारी अधिकारियों को स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने के निर्देश के सर्कुलर ने केंद्र शासित प्रदेश में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने इस कदम पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा, स्वतंत्रता दिवस समारोह पर राजनीति कर रही है।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जम्मू और श्रीनगर में सरकारी अधिकारियों को “अपने आधिकारिक कर्तव्य के हिस्से” के रूप में 15 अगस्त के समारोहों में भाग लेने के लिए कहा है। सर्कुलर में कहा गया है कि कोई भी अनुपस्थिति वरिष्ठ अधिकारियों की केवल पूर्व अनुमति से ही स्वीकार्य होगी।
जारी सर्कुलर के मुताबिक, “हमारे देश के इतिहास में ऐसे महत्वपूर्ण मोड़ को मनाने में भाग लेना सभी सरकारी कर्मचारियों का कर्तव्य है…इसलिए, श्रीनगर/जम्मू में तैनात केंद्र शासित प्रदेश के सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को उनके आधिकारिक कर्तव्य के भाग के रूप में क्रमशः जम्मू-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम, सोनावर, श्रीनगर/मौलाना आज़ाद स्टेडियम, जम्मू में स्वतंत्रता दिवस समारोह, 2023 के मुख्य समारोह में शामिल होने का निर्देश दिया गया है।”
इस बीच, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने इस तरह के सर्कुलर के पीछे के मकसद पर सवाल उठाया।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता रतन लाल गुप्ता ने कहा, “देशभक्ति की भावना अंदर से आनी चाहिए। लोकतंत्र में इसे लोगों पर थोपा नहीं जा सकता। जम्मू-कश्मीर के लोग देशभक्त हैं। वे हर साल बड़े देशभक्तिपूर्ण उत्साह के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। भाजपा स्वतंत्रता दिवस समारोह पर राजनीति कर रही है। यह सर्कुलर क्यों जारी किया गया है? मुझे इसके पीछे का तर्क समझ नहीं आता।”
पीडीपी ने भी सर्कुलर को लेकर जम्मू-कश्मीर सरकार और भाजपा पर निशाना साधा और इसे अनावश्यक कवायद करार दिया।
पीडीपी के प्रवक्ता वीरेंद्र सिंह ने कहा, “मुझे नहीं पता कि यह सर्कुलर क्यों जारी किया गया है। इसकी क्या आवश्यकता थी? सरकारी कर्मचारियों सहित जम्मू-कश्मीर के लोगों ने हमेशा स्वतंत्रता दिवस को बड़े उत्साह के साथ मनाया है। यह पहली बार नहीं है कि जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। हमने 1947 से हमेशा इसे मनाया है।”
इस बीच, भाजपा ने सर्कुलर का स्वागत किया और सर्कुलर पर आपत्ति जताने के लिए पीडीपी और एनसी की आलोचना की।
वरिष्ठ भाजपा नेता कविंद्र गुप्ता ने कहा, “हम जम्मू-कश्मीर प्रशासन के उस परिपत्र का स्वागत करते हैं जिसमें सरकारी कर्मचारियों को स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है। एक समय था जब सरकारी समारोहों में राष्ट्रगान का अपमान किया जाता था। अब वो दिन गए। इससे पहले, एनसी और पीडीपी ने स्वतंत्रता दिवस को हल्के में लेने की संस्कृति विकसित की थी। अब ऐसा कोई अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”