राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को देश के कई राज्यों में 100 से अधिक स्थानों पर आतंक-नशीले पदार्थों के तस्करों-गैंगस्टरों के गठजोड़ के मामले में छापे मारे। इसी क्रम में प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के सदस्य जसविंदर सिंह मुल्तानी के सहयोगियों के परिसरों पर भी छापे मारे गए। जसविंदर सिंह मुल्तानी पिछले साल चंडीगढ़ में मॉडल बुड़ैल जेल के पास बम लगाने में शामिल था। उसे 2021 में लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट के मास्टरमाइंड के आरोप में जर्मनी में गिरफ्तार किया गया था।
एनआईए की टीमों ने आतंक-नशीले पदार्थों-तस्करों-गैंगस्टरों की सांठगांठ के खिलाफ दर्ज मामलों में एनसीआर, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और अन्य राज्यों में छापेमारी की। एनआईए सूत्रों के मुताबिक विदेशों में बैठे गैंगस्टर कथित तौर पर खालिस्तानी अलगाववादियों को फंडिंग कर आतंक फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
#WATCH | Visuals from Haryana's Bahadurgarh as NIA conducts searches at more than 100 locations across six states. The searches are underway in connection with terror-narcotics smugglers-gangsters nexus cases. pic.twitter.com/Z36i8oA8Kc
— ANI (@ANI) May 17, 2023
सूत्रों ने कहा कि एनआईए के 200 से अधिक रेड टीम के सदस्य 100 से अधिक स्थानों पर छापेमारी में मौजूद रहे। जसविंदर सिंह मुल्तानी को एसएफजे के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू का करीबी सहयोगी माना जाता है और कथित तौर पर अलगाववादी गतिविधियों में शामिल है।
#WATCH | NIA is conducting searches at more than 100 locations in six states-Haryana, Punjab, Rajasthan, UP, Uttarakhand and MP in terror-narcotics smugglers-gangsters nexus cases.
(Visuals from Punjab's Bathinda) pic.twitter.com/mFgisHNcGo
— ANI (@ANI) May 17, 2023
जसविंदर सिंह मुल्तानी ने कथित तौर पर 2020-2021 में किसानों के विरोध के दौरान सिंघू बॉर्डर पर किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल की हत्या की साजिश रची थी। उसने कथित तौर पर बलबीर सिंह राजेवाल को मारने के लिए एक जीवन सिंह को कट्टरपंथी बनाया।
वर्ष 2019 में केंद्र सरकार ने पंजाब में अलगाववादी एजेंडे और हिंसक उग्रवाद को बढ़ावा देने के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत SFJ पर प्रतिबंध लगा दिया। सरकार ने कहा कि उनकी गतिविधियों का उद्देश्य समुदायों के बीच विभाजन पैदा करना और राज्य में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ना है।