भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि इस साल केरल में मानसून में चार दिन की देरी हो सकती है। आमतौर पर दक्षिणी राज्य में मानसून की शुरुआत 1 जून से होती है। हालांकि, इस साल मानसून का सीजन 4 जून से शुरू होने की उम्मीद है।
Forecast for the 2023 Monsoon Onset over Kerala: This year, the southwest monsoon onset over Kerala is likely to be slightly delayed than the normal date of onset. The monsoon onset over Kerala is likely to be on 4th June with a model error of ± 4 days: Indian Meteorological… pic.twitter.com/2lBSGlS4qu
— ANI (@ANI) May 17, 2023
एक प्रेस रिलीज़ में आईएमडी ने कहा कि पिछले 18 वर्षों (2005-2022) के दौरान केरल में मानसून की शुरुआत की तारीख का पूर्वानुमान वर्ष 2015 को छोड़कर हमेशा सही साबित हुए हैं। केरल में मानसून पिछले साल समय से पहले पहुंचा था।
इससे पहले आईएमडी ने पिछले महीने कहा था कि अल नीनो की स्थिति के बावजूद भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है। वर्षा आधारित कृषि भारत के कृषि परिदृश्य का एक महत्वपूर्ण घटक है, जिसमें शुद्ध कृषि क्षेत्र का 52 प्रतिशत इस बारिश पर निर्भर है। यह देश के कुल खाद्य उत्पादन का लगभग 40 प्रतिशत है, जो भारत की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
आईएमडी ने कहा कि दक्षिणी राज्य में मानसून 2022 में 29 मई, 2021 में 3 जून और 2020 में 1 जून को पहुंचा था। आईएमडी ने अभी यह घोषणा नहीं की है कि देश के अन्य हिस्सों में मानसून की शुरुआत कब होगी।
आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड में प्री-मानसून सीजन में अब तक 18 फीसदी अधिक बारिश हुई है।
आंकड़ों के अनुसार इस अवधि के दौरान प्रायद्वीपीय क्षेत्र में 88 प्रतिशत अधिक बारिश (सामान्य 54.2 मिमी के मुकाबले 102 मिमी) हुई। हालांकि, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 29 प्रतिशत बारिश की कमी दर्ज की गई – 199.9 मिमी के सामान्य के मुकाबले 141.5 मिमी – 1 मार्च से 3 मई तक।
मौसम विभाग ने कहा कि अगले तीन दिनों के दौरान हरियाणा और दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में और अगले दो दिनों के दौरान मध्य प्रदेश और विदर्भ क्षेत्र में धूल भरी आंधी और धूल भरी हवाएं चलने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि हरियाणा, दिल्ली एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तर-पूर्वी राजस्थान में धूल भरी हवाएं चल रही हैं। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि एक पश्चिमी विक्षोभ गुजर चुका है और तेज हवाएं चल रही हैं। आईएमडी का पूर्वानुमान है कि अगले पांच दिनों के दौरान पूर्वोत्तर भारत में हल्की से मध्यम व्यापक वर्षा हो सकती है।