गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के हत्यारों ने दोनों के मारे जाने से एक दिन पहले भी उन्हें खत्म करने का प्रयास किया था। ये जानकारी सूत्रों के हवाले से आई है। सूत्रों के मुताबिक, जिस दिन दोनों को रिमांड पर सुनवाई के लिए प्रयागराज की अदालत में ले जाया गया था, उसी दिन शूटरों ने अतीक और अशरफ को खत्म कर दिया होता। लेकिन, तीनों को अपनी योजना बदलनी पड़ी क्योंकि अदालत में भारी सुरक्षा तैनात थी।
हत्यारों में से एक सनी सिंह को 2021 में एक गैंगस्टर ने तुर्की में बनी बंदूक मुहैया कराई थी। सनी ने कहा कि गैंगस्टर की उसी साल दिसंबर में मौत हो गई। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सभी शूटरों से पूछताछ के बाद जांचकर्ता उनके बयानों की प्रामाणिकता स्थापित करने के लिए उनका नार्को टेस्ट करा सकते हैं।
मालूम हो कि अरुण मौर्य, सनी सिंह और लवलेश तिवारी के रूप में पहचाने गए शूटरों ने 15 अप्रैल को अतीक और उसके भाई की हत्या कर दी थी।
हमलावरों ने दोनों मृतकों को खत्म करने के लिए ज़िगाना पिस्तौल (तुर्की की एक फर्म द्वारा निर्मित एक अर्ध-स्वचालित पिस्तौल) का इस्तेमाल किया। पुलिस टीम की मौजूदगी में शूटरों ने महज 22 सेकंड में एक दर्जन से अधिक राउंड फायरिंग की। अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या करने के बाद तीनों आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया और हिरासत में ले लिया।
यूपी पुलिस ने खुलासा किया कि ये हमलावर पत्रकारों के रूप में सामने आए थे और उनके पास वीडियो कैमरा, माइक और मीडिया पहचान पत्र था। प्राथमिकी के अनुसार, जैसे ही अतीक अहमद और अशरफ ने मीडिया से बात करनी शुरू की, एक शूटर ने अपना माइक और कैमरा गिरा दिया और अपनी पिस्तौल उठाकर उन पर गोली चला दी।
इस बीच अतीक-अशरफ मर्डर केस में एसआईटी टीम लखनऊ की फॉरेंसिक टीम के साथ क्राइम सीन रीक्रिएट कर रही है। स्पेशल टीम हत्याकांड के आरोपियों संग घटनास्थल पर भी गई। मौका-ए-वारदात की वीडियोग्राफी भी कराई जा रही है।