शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी से कहा कि वह हिंदुत्व विचारक वीडी सावरकर को अपना आदर्श मानते हैं और साथ ही कांग्रेस नेता से उनका अपमान करने से परहेज करने को कहा। अपनी अयोग्यता को लेकर दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, राहुल गांधी ने कहा था, “मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है और गांधी किसी से माफी नहीं मांगते हैं”।
महाराष्ट्र के नासिक के मालेगांव में एक रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, “सावरकर हमारे आदर्श हैं और अगर हमें अपने लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक साथ लड़ना है तो उनका अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” उन्होंने कहा, “सावरकर को 14 साल तक अंडमान की सेलुलर जेल में अकल्पनीय यातना का सामना करना पड़ा। हम केवल पीड़ा को पढ़ सकते हैं। यह बलिदान का एक रूप है।”
उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी से आग्रह किया कि वे उकसावे में न आएं और “भारत के लोकतंत्र को बचाने” के लिए साथ आएं। उन्होंने कहा- ” मैं राहुल गांधी को बताना चाहता हूं कि हम अपने देश के लोकतंत्र और इसके संविधान को बचाने के लिए एक साथ आए हैं। लेकिन आपको जानबूझ कर उकसाया जा रहा है। यदि हम इस समय को व्यर्थ जाने देंगे तो लोकतंत्र का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। और 2024 आखिरी चुनाव होगा।”
सोमवार को उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने भी उद्धव की बात को दोहराते हुए कहा कि, ‘वीर सावरकर हमारे और देश के लिए श्रद्धा का विषय हैं। अंडमान में 14 साल तक काला पानी की सजा आसान नहीं है। ऐसी टिप्पणी पर महाराष्ट्र की जनता करारा जवाब दे सकती है। हम आपके साथ हैं लेकिन वीर सावरकर हमारे प्रेरणास्रोत हैं’।
इस बीच बीजेपी एक बार फिर सावरकर के मुद्दे पर राहुल गांधी को घेरने के लिए मैदान में उतर गई है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि, ‘राहुल गांधी को 7 जन्म लेना पड़ेगा तब वीर सावरकर को जान पाएंगे। सावरकर ने अपनी पूरी जिंदगी सेलुलर जेल में काटी, क्या वे कभी सेलुलर जेल गए हैं? राहुल गांधी एक बार सेलुलर जेल जा के देखें तब उन्हें पता चलेगा कि सावरकर क्या है’? तो वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी राहुल पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी सावरकर कभी नहीं हो सकते। सावरकर जी कभी 6 महीने विदेश घुमने नहीं जाते थे। हर सत्र के बाद उन्हें छुट्टी नहीं चाहिए होती थी, वे आज़ादी के लिए समर्पित थे। वीर सावरकर का तो अपना किया ही लेकिन नेहरू जी और इंदिरा गांधी का ही सम्मान बचा लेते’।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भगवान् राम और कांग्रेस की तुलना करते हुए कहा कि, ‘कहां भगवान राम और कहां ये(कांग्रेस) लोग। इससे पहले इन्होंने कहा था कि मैं सावरकर नहीं हूं मैं माफी नहीं मांगूगा। क्या इन्हें वीर सावरकर जैसे लोगों का योगदान पता है’?
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी पीछे नहीं रहे और उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने अप्रासंगिक तरीके से वीर सावरकर का नाम लेकर उनका अपमान किया और कई लोगों की भावनाओं को आहत किया। अगर सावरकर को जानना है तो एक बार अंदमान की जेल में 5 मिनट के लिए मौन बैठिए। वहां की दीवारें आज भी सावरकर के संघर्ष की साक्षी हैं।
रविवार को अपनी रैली में ठाकरे ने आरोप लगाया था कि जिनका देश के स्वतंत्रता आंदोलन से कोई संबंध नहीं है, वे लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, “मोदी भारत नहीं हैं। क्या हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने इसके लिए अपनी जान दी?”
ठाकरे ने कहा कि उन्होंने गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अच्छी बात कही। उन्होंने वैध सवाल उठाया कि 20,000 करोड़ रुपये किसके हैं। लेकिन सरकार जवाब नहीं देना चाहती।”
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हाथों पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न गंवाने के बाद मालेगांव में अपनी दूसरी रैली को संबोधित कर रहे ठाकरे ने कहा कि वह लोकतंत्र और आजादी को बचाने के लिए लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, “लड़ाई मेरे फिर से मुख्यमंत्री बनने की नहीं है।”
ठाकरे ने यह भी कहा कि एनसीपी नेता अनिल देशमुख की छह साल की पोती से जांच एजेंसियों ने पूछताछ की और यहां तक कि लालू प्रसाद यादव की गर्भवती बहू से तब तक पूछताछ की गई जब तक वह बेहोश नहीं हो गई। उन्होंने कहा- “यदि आप सत्ता में बैठे लोगों की आलोचना करते हैं, तो पुलिस आपके पीछे होगी”।
उद्धव ने हैरानी जताई कि बीजेपी में अच्छे और ईमानदार लोग दूसरी पार्टियों से लाए गए भ्रष्ट लोगों को कैसे बर्दाश्त कर रहे हैं। सीएम शिंदे पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री पद गंवाने का अफसोस नहीं है, लेकिन अच्छा काम करने वाली सरकार को बेशर्मी से गिरा दिया गया। ठाकरे ने कहा कि उनसे उनकी पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न छीन लिया गया है, लेकिन देशद्रोही उनसे लोगों का प्यार और स्नेह नहीं छीन सकते।