उमेश पाल हत्याकांड को लेकर माफिया से नेता बने अतीक अमहेद पर शिकंजा कसते हुए यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने आगरा के फतेहपुर सीकरी रोड से उसके चार गुर्गों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार चारों आरोपी अतीक के बेटे असद अहमद के करीबी बताए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक उमेश पाल की हत्या में शामिल असद अहमद और शूटरों की गिरफ्तारी के लिए की गई छापेमारी के दौरान चारों को गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ को सूचना मिली थी कि 5 लाख रुपये का इनामी अतीक का बेटा असद और उसका शूटर व अन्य करीबी आगरा व आसपास के इलाकों में छिपे हो सकते हैं। आरोपियों को पकड़ने के लिए यूपी एसटीएफ ने टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरों को निष्क्रिय कर दिया था और एक लेन को छोड़कर सभी गलियों को भी बंद कर दिया था। सड़क पर ट्रक और क्रेन लगाकर बैरिकेडिंग कर दी थी।
इस कार्रवाई में पांच थानों की टीम और करीब 200 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। पिछले कुछ दिनों में आगरा के अलावा पड़ोसी राज्यों मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी एसटीएफ की छापेमारी की गई।
इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने मंगलवार को प्रयागराज के चकिया इलाके में माफिया से नेता बने अतीक अहमद के एक ध्वस्त कार्यालय से अज्ञात नकदी और लगभग एक दर्जन अवैध हथियार बरामद किए। उन्होंने कहा कि कार्यालय के सामने के हिस्से को अधिकारियों ने पहले ही बुलडोजर से गिरा दिया था। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को भारी पुलिस तैनाती के बीच घटनास्थल पर तलाशी ली गई और पूर्व सांसद के कार्यालय से भारी मात्रा में नकदी और करीब एक दर्जन अवैध हथियार बरामद किए गए।
बता दें कि अहमद 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या का मुख्य आरोपी है। उमेश पाल की पत्नी जया पाल की शिकायत के आधार पर धूमनगंज थाने में अतीक अहमद, उनके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम और नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पहले बताया था कि अतीक अहमद के बेटे असद सहित पांच आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले के लिए इनाम 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है।
2005 के बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की पिछले महीने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में उनके आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पूर्व सांसद अतीक अहमद के छोटे भाई खालिद अजीम को हराकर अपने चुनावी पदार्पण में इलाहाबाद (पश्चिम) विधानसभा सीट जीतने के महीनों बाद राजू पाल की हत्या कर दी गई थी।